वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था को मदद नहीं-कर्ज की खुराक दी है- कांग्रेस

वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था को मदद नहीं-कर्ज की खुराक दी है- कांग्रेस

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की दूसरी लहर से प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री की ओर से की गई 1.1 लाख करोड रुपए की लोन गारंटी योजना को कांग्रेस ने कर्ज की खुराक बताया है। अर्थव्यवस्था की बुनियादी समस्या कम जीडीपी, अधिक होती महंगाई, कम होती मांग और बढ़ती बेरोजगारी है। लेकिन सरकार ने इस बारे में कोई बात नहीं की है।

सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री की ओर से कोरोना वायरस की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपए की लोन गारंटी योजना पर कांग्रेस ने करारा निशाना साधा है। कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि वित्त मंत्री को अर्थव्यवस्था की कोई समझ नहीं है। क्योंकि उन्होंने उत्पादित माल की मांग को बढ़ाने एवं लोगों की सीधी मदद करने की बजाय फिर से अर्थव्यवस्था को कर्ज की खुराक दी है। पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा है कि केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा आयोजित किए गए संवाददाता सम्मेलन को मैंने पूरी गौर के साथ सुना है। आज अर्थव्यवस्था की बुनियादी समस्या कम होती जीडीपी, देश में बढ़ती महंगाई, कम होती मांग और बढ़ती हुई बेरोजगारी है। लेकिन यह सामान्य सी बात वित्त मंत्री की समझ में नहीं आ रही है। आज फिर से उन्होंने इस बारे में देश के साथ कोई बात नहीं की है। उन्होंने दावा किया है कि कर्ज की खुराक के सरकारी मॉडल का परिणाम सभी देशवासियों को पता चल गया है। लोगों को कर्ज की नहीं बल्कि मदद की दरकार है। लोग सरकार से उम्मीद कर रहे थे कि वह देशवासियों की आर्थिक मदद करेगी। लोगों की जेब में पैसा डालने की बात करेगी। गौरव बल्लव ने आरोप लगाया है कि वर्ष 2020 में घोषित किए गए कर्ज की खुराक वाले 2000000 करोड रुपए के पैकेज की तरह आज फिर से गलती की गई है। हालातों को देखकर लगता है कि हमारी वित्त मंत्री को अर्थव्यवस्था की समझ नहीं है। उन्होंने सवाल किया है कि यह लोग कौन हैं जो वित्त मंत्री को कर्ज की खुराक देने की सलाह दे रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता के मुताबिक, जीडीपी क्यों गिर रही है? महंगाई दर क्यों बढ़ रही है और इसे कम कैसे किया जाएगा? मांग में लगातार कमी आ रही है, मांग बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? बेरोजगार लोगों की मदद के लिए क्या किया जा रहा है? वित्त मंत्री ने इस बारे में क्यों बात नहीं की। उन्होंने कहा कि सरकार को समझना होगा कि इन बिंदुओं पर ध्यान दिए बिना अर्थव्यवस्था को पटरी पर नहीं लाया जा सकता है। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार के कदमों के बारे में पूछे जाने पर गौरव वल्लभ ने कहा, पिछले सात महीनों में हमारे अन्नदाता दिल्ली के निकट बैठे हुए हैं। सरकार के पास समय नहीं है कि वह उनकी बात सुन ले। हमारी मांग है कि सरकार को अहंकार छोड़कर किसानों की बात सुननी चाहिए।

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