जम्मू-कश्मीर में बिना किसी देरी के विधानसभा चुनाव कराएं- बुखारी
जम्मू। जम्मू-कश्मीर में अपनी पार्टी के अध्यक्ष सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी ने रविवार को कहा कि सरकार के खिलाफ लोगों में गुस्सा पनप रहा है और लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल करके उसे संबोधित करने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने और बिना किसी देरी के विधानसभा चुनाव कराने की मांग की।
बुखारी ने आज जम्मू के रत्नू चक में एक दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए और विधानसभा चुनाव बिना किसी देरी के होना चाहिए क्योंकि सरकार के खिलाफ लोगों में गुस्सा पनप रहा है, जिसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया बहाल कर संबोधित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा (जेकेएएस) और जम्मू-कश्मीर पुलिस सेवा (जेकेपीएस) के अधिकारियों को दरकिनार कर दिया है जो स्थानीय मुद्दों को समझ सकते हैं और उनका सही समाधान कर सकते हैं।
उन्होंने कहा,“दुर्भाग्यवश, सरकार ने प्रशासन और पुलिस में बाहर के अधिकारियों का आयात किया है, जिन्हें सार्वजनिक मुद्दों को संबोधित करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। प्रशासन में स्थानीय अधिकारियों की कमी होने से सरकारी अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों, सड़क अवसंरचना आदि की स्थिति बिगड़ती जा रही है।”
बुखारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आयातित सरकार जम्मू के लोगों के लिए दुख का कारण बन गई है, कोई विकास नहीं हुआ है और बाहरी लोगों ने संसाधनों पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि जम्मू वर्तमान सरकार और विशेष रूप से भाजपा से बहुत निराश है क्योंकि वह जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने से पहले किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही है।सम्मेलन के दौरान, श्री बुखारी ने 26/11 के पीड़ितों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी और एकता और लचीलेपन पर बल दिया। अपनी पार्टी के एक दिवसीय सम्मेलन के दौरान उन्होंने प्रमुख कारोबारी विशाल नरियाना और उनके समर्थकों का पार्टी में स्वागत किया और आशा व्यक्त किया कि उनके शामिल होने से जम्मू में अपनी पार्टी मजबूत होगी।
उन्होंने कहा,“भारतीय जनता पार्टी ने अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को केंद्र शासित प्रदेश के व्यापक विकास, रोजगार के रास्ते में रोड़ा बताया था। उसने लोगों को यह भी आश्वासन दिया था कि विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद, रोजगार उत्पन्न करने और व्यापक औद्योगिक विकास के लिए जम्मू-कश्मीर में निवेश किया जाएगा। हालांकि, आज तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है।”
उन्होंने कहा,“स्थानीय लोग ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं क्योंकि शराब और ठेकेदार माफिया सरकारी अधिकारियों के समर्थन से सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। इन अधिकारियों को भी जम्मू-कश्मीर में आयात किया गया है, भले ही वे जमीनी हकीकत नहीं जानते हैं और इन्हें स्थानीय आबादी से कोई लेना-देना नहीं है। वे अपने कार्यों के लिए बदनाम हो चुके हैं जो पूरी तरह से जन-विरोधी हैं यानी अतिक्रमण विरोधी अभियान, शराब की दुकानों में बढ़ोत्तरी, प्राकृतिक संसाधनों का शोषण, निजी नौकरियों और व्यापारिक क्षेत्रों पर कब्जा आदि।”
उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में पहले ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी गई जहां स्थानीय आबादी को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया हो और बाहरी लोगों को सरकारी और निजी क्षेत्र में प्रोत्साहित किया गया हो। विभिन्न सरकारी नौकरियों के इच्छुक लोग अभी भी विभिन्न पदों की भर्ती प्रक्रिया में हुए घोटालों का विरोध कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा,“सरकारी अधिकारियों की कोई जवाबदेही नहीं है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि जम्मू-कश्मीर में कोई निर्वाचित सरकार नहीं है और बिना किसी कारण के जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की घोषणा नहीं की जा रही है, जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और इसने लोगों के अपनी सरकार चुनने के लोकतांत्रिक अधिकार को छीन लिया है।”
उन्होंने कहा कि अगर अपनी पार्टी की सरकार सत्ता में आती है, तो उनकी पार्टी 6,000 डॉक्टरों की भर्ती करेगी, सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों, व्याख्याताओं और प्रोफेसरों के रिक्त पदों को भरा जाएगा। हम निर्धारित समय सीमा में आवश्यक अवसंरचना प्रदान करेंगे। जम्मू-कश्मीर में शिक्षकों के लगभग 22,000 पद खाली हैं। उन्होंने पिछड़ापन को समाप्त करने और जम्मू में रोजगार के मुद्दों का समाधान करने में विफल रही सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जवाबदेही तय होगी और सार्वजनिक मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा, अगर हम अगली सरकार बनाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एम्स जम्मू (विजयपुर) में डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मचारियों की भर्ती जम्मू से की जाएगी, न कि बाहरी लोगों से।
इस बीच, उन्होंने राजौरी-पुंछ में सुरक्षा स्थिति पर चिंता व्यक्त की, जहां आतंकवाद संबंधित घटनाएं हुई हैं। हालांकि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के समीप रहने वाले स्थानीय लोगों की दुश्मनों का बहादुरी से सामना करने और देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सुरक्षा बलों की सहायता करने के लिए सराहना की। इसके अलावा, उन्होंने लोगों से यह भी कहा कि उन्हें जम्मू में अपने चुनिंदा अभियानों के लिए अधिकारियों की चिंता नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आपसे एक इंच भी जमीन नहीं छीनी जाएगी। हम ऐसे अतिक्रमण विरोधी अभियानों की अनुमति नहीं देंगे जिनका उद्देश्य लोगों को उनकी जमीन से विस्थापित करना है। उन्होंने कहा कि पार्टी सत्ता में आने पर भूमि को नियमित करेगी।
अपनी पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुलाम हसन मीर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के दोनों क्षेत्रों के लोग राज्य का दर्जा बहाल करने और विधानसभा चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने पारंपरिक राजनीतिक दलों की आलोचना की, जिन्होंने क्षेत्र, धर्म और वर्ग संघर्ष के नाम पर इस क्षेत्रों के लोगों को विभाजित करने का काम किया। उन्होंने लोगों से पार्टी को मजबूत करने की अपील की। उन्होंने कहा कि जम्मू के साथ-साथ कश्मीर के लोग भी समान रूप से पीड़ित है क्योंकि यहां कोई निर्वाचित सरकार नहीं है।
अपनी पार्टी के उपाध्यक्ष चौधरी जुल्फकार अली ने याद किया कि किन परिस्थितियों में अपनी पार्टी की स्थापना की गई थी, जब पांच अगस्त, 2019 के बाद यहां के लोग पूरी तरह से अनिश्चित थे और निराशा व्याप्त थी। उन्होंने कहा, “विशेष दर्जा समाप्त करने पहले लोगों को विकास और रोजगार का आश्वासन दिया गया था। हमारे पड़ोसी राज्यों में अपनी सरकार चुनने के लिए चुनाव कराए जा रहे हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर को बिना कारण बताए पांच वर्षों के बाद भी चुनाव से वंचित रखा गया है।” उन्होंने कहा कि लोगों को अपनी पार्टी और इसके अध्यक्ष श्री बुखारी साहब से इस गंभीर स्थिति से बाहर निकालने की उम्मीद है। इससे पहले, अपनी पार्टी जम्मू के प्रांतीय अध्यक्ष मनजीत सिंह ने जम्मू, सांबा, कठुआ और उधमपुर में लोगों के सामने उत्पन्न होने वाली कठिनाइयों पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से औद्योगिक क्षेत्र में।
उन्होंने कहा कि निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करके बाहरी लोगों को कुशल और अकुशल नौकरियों में नियोजित किया जा रहा है, जबकि स्थानीय युवाओं को रोजगार से वंचित कर दिया गया है और इससे बेरोजगारी बढ़ी है। मनजीत सिंह ने कहा कि लोगों ने अपनी पार्टी के समान विकास, शांति, समृद्धि और रोजगार के एजेंडे में विश्वास व्यक्त किया है तथा मैदानी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग अपनी पार्टी में शामिल हुए हैं।