इस तिथि से पहले होगा बीजेपी अध्यक्ष का ऐलान, दौड़ में यह सबसे आगे

इस तिथि से पहले होगा बीजेपी अध्यक्ष का ऐलान, दौड़ में यह सबसे आगे

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को योगी आदित्यनाथ पार्ट-2 सरकार में मंत्री बनाए जाने के बाद से सभी भाजपाइयों के साथ अन्य दलों की निगाहें भी बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर लगी हुई है।वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए यह बात तो पूरी तरह से निश्चित है कि बीजेपी हाईकमान लोकसभा इलेक्शन की रणनीति को लेकर ही नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम पर करेगा। उम्मीद की जा रही है कि आजमगढ़ और रामपुर में होने वाले लोकसभा उपचुनाव के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश में बीजेपी के नए अध्यक्ष की घोषणा कर दी जाएगी।

दरअसल भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक आगामी 2 और 3 जुलाई को तेलंगाना में आयोजित किया जाना निर्धारित हुई है। भाजपा में एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के पालन के मद्देनजर बीजेपी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के कैबिनेट मंत्री बनने के बाद यह तो निर्धारित हो गया है कि अब उनके स्थान पर किसी अन्य नेता को ही बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा। उधर भारतीय जनता पार्टी की ओर से वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर अभी से अपनी तैयारियां शुरू कर दी गई है। ऐसे हालातों के बीच बीजेपी उत्तर प्रदेश में संगठन की कमान भी ऐसे कार्यकर्ताओं को ही सौंपना चाहेगी जिसके माध्यम से लोकसभा चुनाव को लेकर जातीय तथा क्षेत्रीय समीकरण भी साधे जा सके।

ऐसी स्थिति में पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा के अलावा पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, अलीगढ़ से बीजेपी सांसद सतीश गौतम और महेश शर्मा को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार बताया जा रहा है। उधर जानकारी मिल रही है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि वाले प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश कुमार भी प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर तेजी के साथ ऊपर की तरफ उभर रहे हैं। राजनीति के कई जानकारों का यह भी मानना है कि भाजपा इस मर्तबा किसी दलित नेता के नाम को लेकर अपना दांव खेल सकती है। क्योंकि विधानसभा चुनाव में दलित वर्ग का अच्छा खासा वोट भाजपा को मिला है, जिससे वह एक बार फिर से सूबे में अपनी सरकार बनाने में सफल रही है।

विधानसभा चुनाव में मिला दलित वोट यदि लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के साथ में ही जुड़ा रहता है तो निश्चित रूप से भाजपा की स्थिति और अधिक मजबूत हो सकती है। इस लिहाज से सांसद विनोद सोनकर, विधान परिषद सदस्य विद्यासागर सोनकर, अनुसूचित जनजाति से एमएलसी लक्ष्मण आचार्य के नाम पहले से ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में चल रहे हैं।

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