चुनाव में BJP के नेता भी परिवारवाद की फसल बोने को तैयार

चुनाव में BJP के नेता भी परिवारवाद की फसल बोने को तैयार

देवरिया। परिवारवाद की राजनीति पर विपक्ष पर प्रहार करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आगामी विधानसभा चुनाव में अपने ही कुछ नेताओं से इस मसले पर दो चार होना पड़ सकता है जो अपने परिजनों के लिये सियासी जमीन को तैयार करने में लगे हुये हैं।

इसी साल हुये पंचायत चुनाव में भी भाजपा के नेताओं ने परिवारवाद की फसल को बोने की कोशिश की थी हालांकि कई नेता अपनी इस मुहिम में सफल नहीं हुए लेकिन देवरिया से ताल्लुक रखने वाले दो मंत्री अपने बेटे और बहू को ब्लाक प्रमुख बनवाने में कामयाब हो गये थे।

अगर परिवारवाद की बात की जाय तो यह परिपाटी लगभग हर राजनैतिक दलों में देखने को मिल सकती है लेकिन परिवारवाद का पुरजोर विरोध करने वाली भाजपा खुद को फिलहाल इस बीमारी से काफी हद तक बचाये हुये हैं। देवरिया जिले की बात की जाय तो यहां दो लोकसभा क्षेत्र एवं सात विधानसभा सीटें हैं और एक स्थानीय निकाय एमएलसी की सीट भी है। देवरिया सदर लोकसभा सीट से भाजपा के रमापति राम त्रिपाठी सांसद हैं,तो सलेमपुर लोकसभा सीट से भाजपा के रविंद्र कुशवाहा सांसद हैं। जिले की सात विधानसभा सीटों में से 6 पर भाजपा के ही विधायक काबिज हैं।

सूत्रों के अनुसार यहां के एक सांसद व कई विधायक अपने परिजनों को टिकट दिलाने के लिए पूरी ताकत से लगें हैं।

सलेमपुर लोकसभा सीट से भाजपा के वर्तमान सांसद रविंद्र कुशवाहा के पिता हरिकेवल प्रसाद कई बार सांसद व विधायक रह चुके हैं। सांसद रविंद्र कुशवाहा के छोटे भाई जयनाथ कुशवाहा 2017 के विधानसभा चुनाव में भाटपार रानी विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी थे। जयनाथ समाजवादी पार्टी के आशुतोष उपाध्याय से चुनाव पराजित हुए थे। 2022 के विधानसभा चुनाव में जयनाथ फिर भाटपाररानी सीट से भाजपा का टिकट मांग रहे हैं । सांसद भी अपने भाई को टिकट दिलाने के लिए पूरी ताकत से लगे हैं।

वहीं पथरदेवा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक एवं कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के बेटे सुब्रत शाही वर्तमान में पथरदेवा ब्लॉक के प्रमुख हैं। पार्टी में यह चर्चा जोरों पर है कि कृषि मंत्री अपने बेटे को विधानसभा का टिकट दिलाने की जुगत में लगे हैं। शाही अपने बेटे को राजनीति में स्थापित करने के लिए काफी गंभीर दिख रहे हैं।इसी तरह बलहज से भाजपा विधायक सुरेश तिवारी भी अपने बेटे संजय तिवारी के लिये राजनीति की जगह तलाश कर रहे हैं। सुरेश तिवारी ने अपने बेटे को राजनीति में स्थापित कराने के लिये रूद्रपुर में प्रबुद्ध वर्ग का सम्मेलन कराये थे जिसके मुख्य अतिथि विधान परिषद सदस्य एके शर्मा थे। सुरेश तिवारी अपने बेटे संजय को रूद्रपुर से टिकट दिलाना चाहते हैं।

रामपुर कारखाना विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक कमलेश शुक्ल हैं और वे कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे हैं।उनके बेटे संजय शुक्ल जिले की राजनीति में पूरी तरह सक्रिय है। पार्टी की मीटिंग हो या क्षेत्र में कोई कार्यक्रम, हर जगह संजीव शुक्ला की उपस्थिति प्रमुखता से रहती है। संजीव शुक्ला अपने पिता की सीट रामपुर कारखाना से भाजपा के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।

रुद्रपुर के विधायक व पशुधन विकास मंत्री जय प्रकाश निषाद बहू गौरबाजार ब्लॉक की प्रमुख है। निषाद अपने बेटे को भी राजनीति में जगह दिलाने में लगे हैं। उनके बेटे अपने गांव का प्रधान भी रहे हैंं। देवरिया सदर लोकसभा से तीन बार भाजपा के सांसद रहे प्रकाश मणि त्रिपाठी ने वैसे तो राजनीति से संन्यास ले लिये हैंं।लेकिन वह अपने बेटे शशांक मणि को स्थापित करने में जुटे हैं। चुनाव के समय शशांक मणि पूरी तरह सक्रिय हो जाते हैं।सपा सरकार में पूर्व मंत्री एवं विधायक रहे स्वर्गीय साकिर अली के बेटे परवेज आलम भी दो बार से जिला पंचायत के सदस्य हैं।

सपा के एमएलसी राम सुंदर दास के बेटे अरविंद साहनी भी रुद्रपुर विधानसभा क्षेत्र में जगह-जगह पोस्टर लगाकर अपनी उपस्थिति का एहसास करा रहे हैं। भाटपार रानी विधानसभा क्षेत्र से सपा के विधायक आशुतोष उपाध्याय के पिता स्वर्गीय कामेश्वर उपाध्याय भी कई बार विधायक एवं मंत्री रहे हैं। उनके निधन के बाद से आशुतोष लगातार दूसरी बार समाजवादी पार्टी से विधायक हैं। सपा के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व मंत्री ब्रह्माशंकर तिवारी भी अपने बेटे को 2022 के विधानसभा चुनाव स्थापित करने के लिये मन बना चुके हैं।


वार्ता

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