भ्रष्टाचारियों का सबसे बड़ा संरक्षक हैं भाजपा- जन सुराज

पटना। जन सुराज के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर देश के भ्रष्टाचारियों को अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए संरक्षण देने और मुकदमों से बरी कराने का आरोप लगाते हुये कहा है कि भाजपा नेताओं की नैतिकता और ईमानदारी की बातें बेमानी है।
ठाकुर ने रविवार को यहां जारी बयान में कहा कि भाजपा को केवल विरोधियों में भ्रष्टाचार दिखाई देता है, अपने साथियों में नहीं। उन्होंने कहा कि देश भर में गला फाड़कर भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने वाले भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का दोहरा चरित्र अब देशवासियों से छुपा नहीं है। आप कितने भी बड़े घोटालेबाज हैं, भ्रष्टाचारी और अपराधी हैं भाजपा के समर्थन में आते ही दूध के धुले हो जाते हैं। ऐसे अनेक उदाहरण है मौजूद हैं। अभी-अभी ताजा मामला राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता और पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल का है, जिसका केस बंद करने का आवेदन केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने न्यायालय से यह कहते हुए दिया है कि इनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। ज्ञात हो कि 840 करोड़ के विमान घोटाले के मामले में सीबीआई ने राकांपा सांसद प्रफुल्ल पटेल पर जांच की कार्रवाई बंद करते हुए अदालत से केस समाप्त करने का अनुरोध किया है। पटेल पहले शरद पवार की राकांपा के सांसद थे तब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(यूपीए) सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री थे। इन पर तब एयर इंडिया को विमान आवंटन में 840 करोड़ रुपए की हेराफेरी करने का आरोप लगाते हुए 2017 में मुकदमा दर्ज किया गया था। जब अजीत पवार ने राकांपा को तोड़ कर भाजपा गठबंधन के साथ शामिल हुए तब प्रफुल्ल पटेल भी अजीत पवार के साथ हो गये।
प्रदेश प्रवकता ने कहा कि भाजपा गठबंधन में आते ही अजीत पवार पर लगे सात हजार करोड़ के को-आपरेटिव घोटाला और छग्गन भुजबल के घोटाले के मामले रद्दी की टोकरी में डाल दिये गये। इन तीनों घोटालेबाजों को सीबीआई क्लीन चिट दे रही है। क्या यह भाजपा का दोहरा चरित्र नहीं है। क्या भाजपा सरकार सीबीआई और ईडी का उपयोग नेताओं/ दलों को धमका कर अपने समर्थन में लाने के लिए नहीं कर रही है। उन्होंने कहा है कि भाजपा अपने सांसदों - नेताओं के नामी बेनामी संपत्ति की जांच क्यों नहीं कराती। बिहार में बहुचर्चित सृजन घोटाले की जांच में शिथिलता क्यों बरती जा रही है। बालू माफिया,शराब माफिया, जमीन माफिया सभी बिहार में जनता दल यूनाईटेड (जदयू),राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और भाजपा से संरक्षित है। इन माफियाओं पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। लब्बोलुआब यह कि हमाम में सभी नंगे हैं और उक्त सभी राजनीतिक दल बिहार एवं देश के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं।