BJP-BSP को लगा करारा झटका- पूर्व MLA समेत कई रालोद में शामिल

BJP-BSP को लगा करारा झटका- पूर्व MLA समेत कई रालोद में शामिल

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले शामली और मुजफ्फरनगर में करारा झटका लगा है। मुजफ्फरनगर के पूर्व विधायक और शामली की निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष पति अपने साथियों समेत बसपा और भाजपा को छोड़कर राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हो गए हैं। पार्टी में शामिल हुए सभी कद्दावर नेताओं को रालोद मुखिया जयंत चौधरी ने सदस्यता ग्रहण कराई और उनका पार्टी में स्वागत किया।


शनिवार को जनपद मुजफ्फरनगर और शामली में बहुजन समाज पार्टी और भारतीय जनता पार्टी को वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जोरदार झटका लगा है। मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी के विधायक रहे जमील अहमद कासमी अपने साथियों समेत राजधानी दिल्ली में रालोद मुखिया जयंत चौधरी के समक्ष समाजवादी पार्टी को छोड़कर रालोद में शामिल हो गए हैं। पार्टी मुखिया जयंत चौधरी ने पूर्व विधायक और उनके साथियों का पार्टी में स्वागत करते हुए अपने हाथों से उन्हें संगठन की सदस्यता ग्रहण कराई और संगठन का प्रसार प्रचार और उसे मजबूत करने की जिम्मेदारी सौपी। उधर शामली की निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष के पति प्रसन्न चौधरी ने वरिष्ठ किसान नेता उधम सिंह और एमएलसी प्रत्याशी रहे जेके गौड के साथ रालोद में शामिल होने की घोषणा की। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पति समेत अन्य दलों को छोड़कर आने वाले सभी कददावर नेताओं का पार्टी में स्वागत करते हुए अपने हाथों से संगठन की सदस्यता ग्रहण कराई। इस मौके पर रालोद के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक चौधरी गुर्जर, वरिष्ठ नेता प्रशांत कनौजिया, क्षेत्रीय महासचिव धर्मेंद्र तोमर, पंकज राठी, पराग चौधरी, मनोज चौधरी गुर्जर और राहुल राणा आदि पार्टी नेता मुख्य रूप से उपस्थित रहे। गौरतलब है कि आगामी वर्ष 2022 में प्रदेश विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। राज्य महिला आयोग की सदस्य और बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री डॉ प्रियंवदा तोमर ने भी पिछले दिनों ही भाजपा से इस्तीफा देकर रालोद की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। रालोद में उसके परंपरागत समर्थक नेताओं की वापसी को पार्टी को दोबारा मिल रही मजबूती माना जा रहा है। शामली और मुजफ्फरनगर के अनेक कददावर नेताओं के रालोद में शामिल होने से माना जा रहा है कि जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखी के चुनाव पर भी इसका प्रभाव पडेगा।



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