सियासत की बड़ी खबर - शिवपाल को लेकर अखिलेश यादव का बड़ा कदम

सियासत की बड़ी खबर - शिवपाल को लेकर अखिलेश यादव का बड़ा कदम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपचुनाव के नतीजे के बीच उत्तर प्रदेश की सियासत की एक बड़ी खबर सामने आई है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी का समाजवादी पार्टी में विलय करते हुए सब को चौकन्ना कर दिया है। अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी का झंडा सौंपते हुए अपने चाचा शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी में शामिल कर लिया।

गौरतलब है कि 2016 में जब अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तो अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच जंग उस मुकाम तक पहुंच गई थी कि शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के नाम से अपनी पार्टी का गठन करते हुए खुद को समाजवादी पार्टी से अलग कर लिया था। चाचा भतीजे के बीच इस दौरान काफी जुबानी जंग चलती रही। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल के बीच उनसे समझौता हुआ और दोनों ने मिलकर चुनाव लड़ा। शिवपाल यादव अपनी परंपरागत सीट जसवंतनगर से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और चुनाव जीत गए लेकिन चुनाव में समाजवादी पार्टी की हार के बाद अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच फिर से दूरी बन गई थी।

दूरी इतनी बढ़ गई थी कि शिवपाल यादव ने एक बार भारतीय जनता पार्टी को भी सलाह दे दी थी कि उनके चाचा को भाजपा में शामिल कर ले लेकिन सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद चाचा भतीजे फिर से एक साथ दिखाई पड़े। मैनपुरी लोकसभा के लिए उपचुनाव की घोषणा हुई तो अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव के विरोध के मद्देनजर डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाकर कहीं ना कहीं चाचा शिवपाल यादव को बैकफुट पर लाने का काम किया था। चुनाव प्रचार शुरू हुआ तो डिंपल यादव अपने पति अखिलेश यादव को लेकर शिवपाल यादव के इटावा स्थित आवास पर गए थे और यहीं से चाचा भतीजे के बीच बने मतभेद खत्म होने की खबर आई थी।

उसके बाद शिवपाल यादव ने डिंपल के चुनावी मोर्चे को संभाल लिया और उन्होंने जिस तरह से चुनाव प्रचार किया। उससे पहले से ही तय लग रहा था कि डिंपल चुनाव जीत जाएगी लेकिन आज जब समाजवादी पार्टी के लिए सुबह से ही अच्छे नतीजों की खबर सामने आ रही थी। इसी बीच शिवपाल यादव और अखिलेश यादव एमएस मेमोरियल कॉलेज में एक साथ दिखाई पड़े। इसी जगह से एक बहुत बड़ी खबर तब निकल कर तब सामने आई जब अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी का झंडा सौंपते हुए सपा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का समाजवादी पार्टी में विलय कर लिया। जब यह तस्वीर सामने आई तो उत्तर प्रदेश की सियासत के लिहाज से यह बहुत बड़ी खबर थी। अब राजनीतिक चर्चा में हलकों में चर्चा है कि समाजवादी पार्टी में प्रसपा के विलय के बाद अब जब शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी के सदस्य हो गए हैं तो क्या समाजवादी पार्टी अपना आधार फिर से इकट्ठा कर पाएगी। इस मौके पर शिवपाल यादव ने बातचीत करते हुए कहा कि अब मेरी गाड़ी पर समाजवादी पार्टी का झंडा रहेगा।

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