बिखरने लगे साइकिल के कलपुर्जे-चाचा भतीजे की फिर अलग हुई राहें?

बिखरने लगे साइकिल के कलपुर्जे-चाचा भतीजे की फिर अलग हुई राहें?

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव की मतगणना में भारतीय जनता पार्टी के हाथों हार झेलने वाली समाजवादी पार्टी के भीतर खटपट शुरू हो गई है? चर्चाएं चल रही है कि अखिलेश यादव एवं उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव के बीच सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। जिससे साईकिल के कल पुर्जे एक बार फिर से बिखरने का अंदेशा खडा हो गया है।

शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के विधायकों की राजधानी लखनऊ में बैठक बुलाई गई थी। इसके लिए शिवपाल सिंह यादव भी राजधानी में ही रुके हुए थे। समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर विधायकों की बैठक शुरू हुई लेकिन शिवपाल सिंह यादव विधायकों की इस बैठक में शामिल होने के लिए नहीं गए। जबकि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इस बैठक में मौजूद रहे और उन्हें विधायकों द्वारा उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के साथ-साथ विधानमंडल दल का नेता चुन लिया गया।

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे इस मीटिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं है। शिवपाल सिंह यादव का तो यहां तक कहना है कि अगले कदम के बारे में मैं जल्द ही बताऊंगा। उन्होंने कहा है कि मैं अब लखनऊ से सीधा इटावा जा रहा हूं। दरअसल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव अहम की लड़ाई लड़ रहे हैं जिसके चलते उनके ऊपर चाचा की अनदेखी के आरोप लग रहे हैं। चर्चाओं के अनुसार सपा मुखिया ने चुनावी लाभ के लिए अपने चाचा शिवपाल यादव से नजदीकियां बढ़ाई थी, लेकिन उम्मीद के मुताबिक उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी की गठबंधन के साथ सरकार नहीं बन सकी है।

हालांकि चाचा भतीजे के बीच चल रहे मनमुटाव का यह मामला मीडिया के बीच तक पहुंच जाने के बाद मामले के डैमेज कंट्रोल के लिए समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की ओर से यह सफाई दी गई है कि आज केवल समाजवादी पार्टी के विधायकों की बैठक बुलाई गई थी। सहयोगी दलों के मुखिया एवं विधायकों की बैठक आगामी 28 मार्च को बुलाई जा रही है। बैठक में गठबंधन की आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। इसके लिए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव, भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर एवं पल्लवी पटेल आदि नेताओं को बुलावा भेजा जाएगा।

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