सियासत में नाकाम ही रह गए आजम खान के बेटे अब्दुल्ला

सियासत में नाकाम ही रह गए आजम खान के बेटे अब्दुल्ला

रामपुर। आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम ने भी अपने पिता की तरह खुद को सियासी फलक पर चमकते सितारे के रूप में दिखने के लिए सियासत में हाथ आजमाया लेकिन दूसरी बार विधायक बने अब्दुल्ला आजम को सियासत रास नहीं आई और दूसरी बार भी उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की सियासत के बड़े चेहरे के तौर पर जाने जाने वाले समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान को सियासत में चमकते सितारे की तरह देखते हुए बड़े हुए उनके बेटे अब्दुल्ला आजम ने भी अपने पिता की तरह सियासत में बड़ा नाम कमाने की सोची । साल 2017 के विधानसभा चुनाव जब आये तो अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी की मगर उम्र कम रह गयी तो दूसरा जन्म प्रमाण पत्र बनवा लिया। अब्दुल्ला आज़म चुनाव लड़े और अपने पिता की सियासी पहचान के बलबूते चुनाव जीत भी गए। 2017 में दोनों बाप बेटे उत्तर प्रदेश की विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ भी ले चुके थे लेकिन अब्दुल्ला आजम के सामने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने अब्दुल्ला आजम की दो जन्मतिथि के प्रमाण पत्र लगाते हुए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी थी।

लगभग दो साल चली सुनवाई के बाद लखनऊ की हाईकोर्ट बेंच ने अब्दुल्ला आजम को 2 जन्म प्रमाण पत्र का दोषी मानते हुए उनकी दिसम्बर 2019 में दोषी मानते हुए उन्हें विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य साबित घोषित कर दिया था। जिसके बाद अब्दुल्ला आजम लगभग 2 साल बाद ही विधानसभा में अपना कार्यकाल पूरा किए बिना ही विधायकी गवां बैठे थे। अब 2022 के विधानसभा चुनाव में भी फिर अब्दुल्ला आजम ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर स्वार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और अपने पिता आजम खान के रामपुर में दबदबे के चलते दूसरी बार विधायक बन गए।

अब्दुल्ला आजम को विश्वास था कि इस बार वह उत्तर प्रदेश की विधानसभा में अपनी पारी पूरे 5 साल तक खेलेंगे लेकिन शायद उनको सियासत रास नहीं आई, या यूं कहें कि उनकी किस्मत और सियासत का आपस में तालमेल नहीं बन पा रहा है तभी तो 15 साल पुराने मामले में मुरादाबाद की एमपी एमएलए कोर्ट ने उनको एक पुराने मामले में उनके पिता के साथ साथ 2 साल की सजा सुना दी है। 2 साल की सजा होने के बाद आज विधानसभा अध्यक्ष के प्रस्ताव पर निर्वाचन आयोग ने अब्दुल्ला आजम की सदस्यता रद्द कर दी है यानी अब्दुल्ला आजम दूसरी बार विधानसभा का चुनाव जीते जरूर लेकिन दोनों बार अपनी पारी पारी नहीं खेल पाए और उन्हें बीच में ही आउट होकर सदन के बाहर आना पड़ गया।

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