आखिर मुख्यमंत्री को छात्रों की याद आ ही गई- प्रतुल शाह देव

आखिर मुख्यमंत्री को छात्रों की याद आ ही गई- प्रतुल शाह देव
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रांची। झारखंड में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को घोषणा वीर मुख्यमंत्री बताया।

वह मुख्यमंत्री के द्वारा छात्रों की प्रतियोगी परीक्षाओं में शुल्क माफी की वापसी की घोषणा पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। प्रतुल ने आज कहा कि अब मुख्यमंत्री के कार्यकाल में चंद महीने रह गए हैं तो मुख्यमंत्री को आदिवासी,मूलवासी, छात्र, पिछड़ा वर्ग सब याद आ रहे हैं।मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए कि छात्रों का वे शुल्क माफी करने की घोषणा 4 वर्ष बाद क्यों कर रहे हैं?इन छात्रों को झामुमो के संकल्प पत्र में किए वादे के अनुसार 4 वर्षों तक बेरोजगारी भत्ता क्यों नहीं मिला? झामुमो ने स्पष्ट रूप से अपने मेनिफेस्टो में रोजगार नहीं मिलने तक बेरोजगार ग्रैजुएट्स को ₹ 5000 प्रति माह और पोस्ट ग्रेजुएट को ₹ 7000 प्रति माह बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की थी।

प्रतुल ने कहा की मुख्यमंत्री को यह भी बताना चाहिए आदिवासी मूलवासी के हित में उन्होंने एक सरकारी संकल्प से 1932 के खतियान को क्यों नहीं लागू किया? उसे भूल भुलैया में क्यों फसाने का प्रयास किया? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार 4 वर्षों में 20 लाख सरकारी नौकरियां हो जानी चाहिए थी।पर अब तो हालत यह है कि सरकार मात्र 70 - 80 नियुक्तियों के भी बड़े-बड़े पोस्टर, बैनर लगाकर सूचना देती है।प्रतुल ने कहा कि मुख्यमंत्री को अचानक पिछड़ा वर्ग भी याद आने लगा है।जबकि उनको आरक्षण देने के लिए ट्रिपल टेस्ट कराने को अधिसूचित पिछड़ा वर्ग आयोग अभी तक अध्यक्ष विहीन है।

प्रतुल ने कहा कि मुख्यमंत्री सिर्फ घोषणाएं करते हैं और जब लोग उन्हें अपनी पुरानी घोषणा की याद दिलाते हैं तो वह नई घोषणा करके एजेंडा बदलते हैं।प्रतुल ने कहा कि प्रदेश की आदिवासी,मूलवासी जनता और युवा आगामी चुनाव में बैलट के जरिए इस वादा खिलाफी के लिए हिसाब बराबर करने को तैयार है।

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