आंदोलन खेती व किसानों को बचाने के लिए किया जा रहा है: जयंत

आंदोलन खेती व किसानों को बचाने के लिए किया जा रहा है: जयंत

बुलंदशहर। राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने कहा कि किसान आन्दोलन खेती व किसानों को बचाने के लिए किया जा रहा है।

जयंत चौधरी जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर जहांगीराबाद कस्बे में रामलीला मैदान में आयोजित किसान महापंचायत को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने किसानों से एकजुट होकर कृषि कानूनों का विरोध करते हुए आन्दोलन जारी रखने की अपील की ।

उन्होंने युवाओं से भी आंदोलन में और अधिक सक्रिय भागीदारी का आह्वान करते कहा कि दिल्ली में चलाया जा रहा किसान आंदोलन खेती और किसानों को बचाने के लिए किया जा रहा है। तीनों कृषि कानूनों को संविधान की भावना के प्रतिकूल और किसान विरोधी बताते हुए इन कानूनों को वापस लेने की केन्द्र सरकार से मांग की।

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पौत्र जयंत चौधरी ने कहा कि कृषि कानून लागू होने से किसानों की जमीन छिन जाएंगी और किसान बर्बाद हो जाएगा। अपने दादा चौधरी चरण सिंह को याद करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों को जमीन पर मालिकाना हक चौधरी साहब के प्रयासों से मिला लेकिन अब उस जमीन को केंद्र की भाजपा सरकार छीनने की कोशिश में लगी है, लेकिन रालोद सरकार के इन मंसूबों को पूरा नहीं होने देना ।उन्होंने सरकार पर गांव किसान मजदूर निर्धन निर्बल के स्थान पर अदानी अंबानी के लिए काम करने का आरोप लगाया।

जयंत चौधरी ने केंद्र सरकार पर अहंकारी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पिछले चुनाव में जाति धर्म के नाम पर किसानों की ताकत बांट कर उसका लाभ लिया और सत्ता में आने पर भाजपा अहंकारी हो गई है। उन्होंने कहा कि सरकार कृषि कानूनों का विरोध करने वालों को चाहे आंदोलनजीवी बताए या खालिस्तानी आतंकवादी किसान अपना हक लेकर रहेंगे ।

रालोद उपाध्यक्ष ने कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी जी अब देश के नहीं बल्कि मिल मालिकों और उद्योगपतियों पूंजीपतियों के प्रधानमंत्री बने हैं। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों में खोट है और सरकार की मंशा भी ठीक नहीं है । इस कारण ये तीनों कानून किसानों को स्वीकार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होंगे किसानों का आंदोलन चलता रहेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने इन कानूनों को लागू करने के लिए संसदीय परंपराओं का भी पालन नहीं किया यदि यह कानून वापस नहीं हुए तो किसान अपनी जमीन गंवा बैठेंगे । आरोप लगाया कि भाजपा जाति धर्म मजहब के नाम पर देश की जनता को बांटने में लगी है ।

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