सरकार की नयी शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में एक परिवर्तनकारी सुधार

सरकार की नयी शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में एक परिवर्तनकारी सुधार

बेंगलुरु। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि सरकार की नयी शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 एक परिवर्तनकारी सुधार है जो हमें शिक्षा में डिग्री केन्द्रित संस्कृति से दूर करेगी और हमें उत्पादक पथ पर ले जाएगी । धनखड़ यहां गोकुल एजुकेशन फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ एम. एस. रमैया के शताब्दी समारोह को संबोधित कर रहे थे।
एनईपी-2020 को वर्तमान स्थिति में बदलाव बताते हुए उन्होंने कहा, “यह हमारी शिक्षा प्रणाली में आमूल परिवर्तन लाएगी और हमें डिग्री केन्द्रित संस्कृति से अलग कर के एक उत्पादक पथ पर ले जाएगी।”
उपराष्ट्रपति ने इस अवसर पर सामाजिक परिवर्तन को सक्षम करने में शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत प्राचीन काल से ही नालंदा, तक्षशिला, वल्लभी और विक्रमशिला जैसे शिक्षा के महान अध्‍ययन केन्‍द्रों का घर रहा है। उन्होंने भारत के शिक्षा क्षेत्र में अधिक समावेश और उत्कृष्टता लाने में नई शिक्षा नीति के महत्व पर जोर दिया।
छात्रों को किसी प्रकार का बोझ और तनाव न लेने की सलाह देते हुए उपराष्ट्रपति ने उन्हें प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में नहीं फंसने के लिए कहा। धनखड़ ने कहा, “कोशिश करने में संकोच न करें क्योंकि गलती हो सकती है। बिना गिरे कुछ भी बड़ा हासिल नहीं हुआ है।” धनखड़ ने वैश्विक पटल पर भारत के बेरोक उदय की प्रशंसा करते हुए कहा कि विश्व भारत का सम्मान करता है और भारत की आवाज सुनता है। उपराष्ट्रपति के रूप में धनखड़ की कर्नाटक की यह पहली यात्रा है। कर्नाटक राजभवन में अपने प्रवास के दौरान, उन्होंने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई सहित राज्य के कई गणमान्य लोगों से मुलाकात की।
इससे पहले दिन में उन्होंने पत्नी डॉ सुदेश धनखड़ के साथ बेंगलुरु में डोड्डा गणपति, बुल मंदिर और गवी गंगाधरेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना की और राष्ट्र की शांति और समृद्धि और सभी नागरिकों की भलाई के लिए प्रार्थना की।

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