कपिलदेव अग्रवाल - मंत्री के रूप में एक साल का कार्यकाल बनाया बेमिसाल

कपिलदेव अग्रवाल - मंत्री के रूप में एक साल का कार्यकाल बनाया बेमिसाल

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने अपने मंत्रित्वकाल का एक वर्ष जनहितों की प्रतिबद्धता के साथ पूर्ण करने में सफलता अर्जित की है। आज मंत्री पद की वर्षगांठ पर कपिल देव अग्रवाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करते हुए जनता की सेवा का यह स्वर्णिम अवसर प्रदान करने के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के साथ ही कोरोना काल में उद्योगों, किसानों और व्यापारियों के हालात को उनके सामने रखा और मण्डी शुल्क में कुछ रियायत करने का आग्रह भी किया।



आज से ठीक एक साल पहले 21 मार्च 2019 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ढाई साल के लम्बी वेटिंग लिस्ट के बाद मंत्रिमंडल विस्तार किया। इस समारोह के लिए लखनऊ के राजभवन में गांधी भवन के सभागार को सजाया गया तो वहां से बनी यूपी की सियासी तस्वीर में मुजफ्फरनगर जनपद से सदर सीट के विधायक कपिल देव अग्रवाल का चेहरा भी शामिल रहा। कपिल देव को व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाकर इस जिले को सौगात देने का काम सीएम योगी ने किया। वैश्य बहुल शहर सीट पर कपिलदेव अग्रवाल ने उपचुनाव के बाद लगातार दूसरी बार जीत का परचम लहराया था। कपिल देव अग्रवाल की वैश्य बिरादरी में मजबूत पकड़ है। इसी दम पर वह पहले नगर पालिका चेयरमैन भी रह चुके हैं। उनको पार्टी हाईकमान ने मंत्रिमण्डल विस्तार के अन्तर्गत शपथ ग्रहण समारोह से तीन दिन पहले ही लखनऊ बुला लिया था। आज उन्होंने कई बड़ी उपलब्धियों के साथ मंत्री पद पर यह एक वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोक कल्याण की नीति को सार्थक करने का काम किया है। राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने राज्य में कौशल विकास को लेकर काम किया और इस क्षेत्र में केन्द्र व राज्य स्तर पर काम कर रही एजेंसियों के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए राज्य के युवाओं के कौशल को तकनीकी प्रशिक्षण के अवसर उपलब्ध करतो हुए निखारा। रोजगारपरक प्रशिक्षण पाने के कारण यूपी में युवाओं को अच्छे अवसर भी मिले।

इस वर्षगांठ पर कपिल देव अग्रवाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट कर उनका आशीर्वाद व शुभकामनाएं प्राप्त की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापारी, किसान उद्यमियों और प्रशासन का सामजंस्य इस प्रकार का हो कि किसी भी हालत में इंडस्ट्री बंद ना हो पाये। उनकी समस्याओं का निस्तारण कराने में सभी की भूमिका होनी चाहिए। राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में एक वर्ष का सेवा काल पूर्ण होने पर विधायक उमेश मलिक, शामली से तेजेन्द्र निर्वाल, बड़ौत से केपी मलिक के साथ मुख्यमंत्री से भेंट कर उनका आशीर्वाद लिया। यहां राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि लाॅक डाउन के चलते व्यापार की स्थिति बेहद खराब है और इंडस्ट्री के प्रोडक्ट्स की डिमाण्ड बहुत कम है। साथ ही किसान को इंटरनेशनल मार्किट फ्री करना तो स्वागत योग्य है किन्तु मण्डी समितियों को स्वावलंबी बनाये रखने के लिए मंडी शुल्क में और कमी किये जाने की आवश्यकता है, जिस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहमति व्यक्त की है।



दो जिलों का मिला प्रभार, सरकार का इकबाल रखा बरकरार

योगी आदित्यनाथ की सरकार में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बन जाने के बाद कपिल देव अग्रवाल को दो जनपदों बिजनौर और शाहजहांपुर का प्रभारी मंत्री भी बनाया गया। मुख्यमंत्री ने दोनों जिलों में सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन करने की जिम्मेदारी उनको सौंपी थी। कपिल देव अग्रवाल पहले ही दिन से इस जिम्मेदारी को निभाने में जुटे हुए हैं। उन्होंने बिजनौर और शाहजहांपुर जनपदों का लगातार दौरा करते हुए वहां के भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच आपसी समन्वय बनाया तो जनता से जुड़ाव पैदा करते हुए सरकार की योजनाओं को उन तक पहुंचाकर सरकार का इकबाल भी बरकरार रखने में वह सफल रहे। इन जिलों में कोरोना संकट काल के दौरान भी मंत्री कपिल देव ने खुद को सरकार के प्रतिनिधि के रूप में जहां जनता से जोड़े रखा तो वहीं भाजपा संगठन के एक मजबूत सिपाही के रूप में वह कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने के लिए वर्चुअल बैठकों के माध्यम से उनके नजदीक बने रहे।

बाल्यावस्था में ही भांति रही आरएसएस की शाखा

राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल बचपन से राष्ट्रवादी विचारधारा के कटटर समर्थक रहे हैं। उनका बचपन राष्ट्रीय स्वयं संघ की शाखाओं में राष्ट्रवाद का ककहरा सीखने में गुजरा है। उनको बचपन से ही आरएसएस का गणवेश काफी भाता था। वह बाल्यावस्था में ही सुबह सवेरे आरएसएस की लगने वाली शाखाओं में जाकर नियम सीखने लगे थे। उनको हमेशा ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारकों के विचारों ने प्रभावित किया, आरएसएस की महावीर शाखा से शुरू उनका सफर नगरपालिका परिषद चेयरमैन पद पर मिली बड़ी जीत की सियासी खुमारी के बाद उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमण्डल में एक सशक्त मंत्री के पद तक जा पहुंचा । कपिल देव अग्रवाल ने आरएसएस की शाखाओं में मुजफ्फरनगर के बड़े नेताओं की छत्रछाया में राजनीतिक सफर भी शुरू किया। उन्होंने संघ के स्वयं सेवक और प्रचारक के बाद एक राजनेता के रूप में खुद को पूरी तरह से साबित भी किया। उनकी शिक्षा डीएवी इंटर काॅलेज से आरम्भ हुई और वहीं डीएवी डिग्री काॅलेज से ही उन्होेंने स्नातक की डिग्री प्राप्त की। 1975 में कपिल देव अग्रवाल सक्रिय राजनीति में आ गये थे, लेकिन उनकी सेवा आरएसएस में बनी रही। वह नियमित रूप से आरएसएस की शाखाओं में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते थे। यही कारण रहा, कि साल 1978 में कपिल देव आरएसएस के मुख्य शिक्षक (शाखा इंचार्ज) बन गये थे। वर्ष 1980 में जब प्रख्यात् कथावाचक विजय कौशल जी महाराज आरएसएस के प्रचारक थे, तब उन्हीं के कहने पर कपिल देव अग्रवाल सरस्वती शिशु मन्दिर कैराना में आचार्य पद पर भी कार्य कर चुके हैं।




सपा के राज में दो नारों ने कपिल को दिलाई थी जीत

मुजफ्फरनगर में व्यवसायी रमेश चन्द्र अग्रवाल के घर छह जून 1965 को जन्म लेने वाले कपिल देव अग्रवाल अपने भाईयों में सबसे बड़े हैं। उनके अनुज आदित्य प्रकाश अग्रवाल व ललित अग्रवाल हैं। ललित अग्रवाल अपने भाई के द्वारा शुरू किये गये कारोबार को संभाल रहे हैं। कपिल देव अपने मृद व्यवहार और विरोधियों को भी मात देने वाली मधुरता के कारण सामाजिक क्षेत्र में इतने मशहूर हो गये कि वर्ष 2002 में शहर सीट से भाजपा के प्रत्याशी के रूप में विधानसभा का चुनाव लड़ा और मामूली अन्तर से हार गये। इसके बाद 2006 में भाजपा ने उनको नगर पालिका परिषद् मुजफ्फरनगर में चेयरमैन पद का प्रत्याशी बनाया। अपने निकटतम प्रतिद्वन्दी सपा नेता राशिद सिद्दीकी को लगभग 27 हजार वोट से हराकर कपिल देव नगर के प्रथम नागरिक बन गये। यह चुनाव ही उनका टर्निंग प्वाइंट रहा। फरवरी 2016 में समाजवादी पार्टी के सदर विधायक एवं तत्कालीन मंत्री चितरंजन स्वरूप के निधन के बाद हुए विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने सहानुभूति लहर को देखते हुए चितरंजन स्वरूप के पुत्र गौरव स्वरूप को टिकट दिया, जिसके सामने भाजपा ने कपिल देव अग्रवाल को अपना प्रत्याशी घोषित बनाया। इस अवसर पर को वह बड़ी उपलब्धि में बदलने में सफल रहे। कपिल देव ने इस चुनाव में दो नारे दिये- पहला- बहू-बेटी के सम्मान में, कपिल देव मैदान में..... और दूसरा दूध-ब्रेड कहां बटेगा, यहां बटेगा.....! इन दोनों नारों के सहारे उन्होंने उपचुनाव में सपा सरकार के खिलाफ जिस रणनीति के साथ अपना अक्रामक प्रचार शुरू किया, उसकी तोड़ सपा के पास नहीं थी और कपिल देव विजयी रहे। उपचुनाव में भाजपा को जीत दिलाने का उपहार पार्टी ने उनको 2017 के चुनाव में टिकट के रूप में दिया। इस चुनाव में कपिल देव ने अपनी सीट को बरकरार रखा।

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