इत्तेफ़ाक-पिता पुत्र की जोड़ी एक ही कॉलेज से LLB - एक ही सीट से बने MLA

इत्तेफ़ाक-पिता पुत्र की जोड़ी एक ही कॉलेज से LLB - एक ही सीट से बने MLA

लखनऊ। मुजफ्फरनगर की सियासत में दो ऐसे पिता पुत्र है जिन्होंने एक ही कॉलेज में दाखिला लिया। उसी कॉलेज से छात्र राजनीति की शुरुआत की फिर उसी कॉलेज से वकालत की और फिर एक ही विधानसभा सीट से दोनों विधायक रह चुके हैं। आइए जानते हैं कौन है यह पिता-पुत्र ।

मुजफ्फरनगर की सियासत में 1985 में हरेंद्र मलिक ने विधायी राजनीति में कदम रखा। हरेंद्र मलिक 1985 में खतौली विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। इसके बाद हरेंद्र मलिक ने चार बार विधानसभा का चुनाव जीता और एक बार वह राज्यसभा के सदस्य के रूप में भी काम कर चुके हैं। इसके साथ ही वर्तमान में भी हरेंद्र मलिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में काम कर रहे हैं। हरेंद्र मलिक और उनके बेटे पंकज मलिक में एक ही समानता है और वह क्या है, आइए पढ़िए खोजी न्यूज़ की खबर।

हरेंद्र मलिक ने मुजफ्फरनगर शहर के प्रतिष्ठित डीएवी कॉलेज में एलएलबी में एडमिशन लिया और उन्होंने छात्र राजनीति शुरू कर दी। छात्र राजनीति के जरिए ही हरेंद्र मलिक सियासत में बड़ा नाम बनते चले गए। हरेंद्र मलिक ने डीएवी कॉलेज से ही एलएलबी की पढ़ाई पूरी की और उन्होंने खतौली के बाद बघरा विधानसभा सीट ( अब चरथावल ) पर चुनाव लड़ा और वह विधायक भी बन गए थे। इसे इत्तेफाक ही कहेंगे कि उनके बेटे पंकज मलिक ने ग्रेजुएशन करने के बाद जब डीएवी कॉलेज में एलएलबी क्लास में एडमिशन लिया तो पंकज मलिक ने भी डीएवी कॉलेज में दाखिला लेने के बाद छात्र राजनीति शुरू कर दी थी।

इसके बाद पंकज मलिक ने वकालत की पढ़ाई के दौरान ही पंकज मलिक को उनके पिता हरेंद्र मलिक ने बघरा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में प्रत्याशी बना दिया। अभी पंकज मलिक की वकालत की पढ़ाई पूरी नहीं हुई थी और वह विधानसभा के चुनाव में उतर चुके थे। इस चुनाव में पंकज मलिक को भले ही हार मिली हो लेकिन 2005 में वकालत की डिग्री पूरी करने के बाद पंकज मलिक ने 2007 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में फिर से बघरा सीट पर चुनाव लड़ा इस बार पंकज मलिक ने चुनाव जीत लिया। इसे इत्तेफाक ही कहा जाएगा कि पहले हरेंद्र मलिक ने डीएवी कॉलेज से छात्र राजनीति करते हुए वकालत की डिग्री ली और बघरा विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। उनके बेटे पंकज मलिक ने भी डीएवी स्कूल में दाखिला लिया। छात्र नेता के तौर पर अपनी सियासी पारी की शुरुआत की, वकालत की डिग्री ली और बघरा विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं।

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