जन्मदिन - कलेक्टर के रूप में करेक्ट काम करती रही है IAS सेल्वा कुमारी

जन्मदिन - कलेक्टर के रूप में करेक्ट काम करती रही है IAS सेल्वा कुमारी

मुजफ्फरनगर। 19 जुलाई 2019 को डीएम के रूप में जनपद मुज़फ्फरनगर की कमान सम्भालने वाली 2006 बैच की आईएएस अफसर सेल्वा कुमारी जे की पहचान नौकरशाही के गलियारे में बेहद संवेदनशील, समझदार, लगनशील और मेहनती अधिकारी के रूप में होती है। आईएएस सेल्वा कुमारी जे की जनपद मुज़फ्फरनगर में 25वीं पोस्टिंग है। मुज़फ्फरनगर से पहले 7 बार जिलाधिकारी के रूप में वर्क कर चुकी हैं। आईएएस सेल्वा कुमारी जे ने जनपद मुज़फ्फरनगर में अपने कार्यों से जनता का दिल जीतने का काम किया है।आज उनके जन्मदिन पर खोजी न्यूज़ की स्पेशल स्टोरी ...........

आईएएस सेल्वा कुमारी जे का जन्म चैन्नई में 16 मई 1977 को हुआ था। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर हासिल करने के पश्चात इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ पब्लिक पॉलिसी में डिग्री हासिल की। सेल्वा कुमारी जे यूपीएससी की परीक्षा को पास कर वर्ष 2006 बैच की आईएएस अफसर बन गई। आईएएस अफसर सेल्वा कुमारी जे ने सरकारी सेवा का सफर 9 जून 2007 को भोलेनाथ की नगरी काशी यानी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से बतौर सहायक मजिस्ट्रेट/कलेक्टर शुरू किया था, उसके बाद वे इसी पद पर ललितपुर और फिर 29 मई 2008 से 7 अगस्त 2008 तक वाराणसी में तैनात रहीं। 7 अगस्त 2008 से 17 नवम्बर 2009 तक सेल्वा कुमारी जे बतौर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट महोबा, बस्ती व झांसी में तैनात रहीं,


जब हिंदी भाषा सीखने लगी थीं आईएएस सेल्वा कुमारी

आईएएस सेल्वा कुमारी जे को जब इटावा में डीएम के पद पर तैनात की गयी थीं, तो उन्हें हिन्दी बिलकुल नहीं आती थी और हिन्दी भाषी क्षेत्र में अधिकारी होने के कारण हिन्दी नहीं आने का उन्हें मलाल रहता था, लेकिन उन्होंने ठान लिया कि हिन्दी सीखना है तो बेहद कम समय में आश्चर्यजनक रूप से उन्होंने हिन्दी पर कमाण्ड़ पा ली। इसका खुलासा खुद उन्होंने एक गांव में आयोजित रात्री चौपाल में अपना उदाहरण देते हुए महिलाओं से कहा था कि मैं जब डीएम बनकर आप लोगों के बीच आई थी तो मुझे हिंदी बोलना नहीं आता था, मुझे और आप जैसी माताएं बहनों को बहुत दिक्कत होती थी। मैं उनकी बात नहीं समझती थीं, वह हमारी नहीं समझ पाते थे, फिर मैंने संकल्प लिया कि मुझे हिंदी सीखनी है और मैंने बहुत कम वक्त में हिंदी सीखी और आज आप देख रहे हैं कि मैं आपके सामने हिंदी बोल रही हूं।

लापरवाही से नाराज़ होकर SDM को कर दिया था पैदल

डीएम सेल्वा कुमारी जे ने जनपद के ब्लॉक शाहपुर के गांव सौरम में जन समस्याएं सुनने के लिए चौपाल लगाई थी। लोगों ने चौपाल में योजना का पैसा नहीं मिलने की शिकायत की। इसके साथ-साथ ही राशन दिये जाने के बारे में भी बताया। ग्रामीणों ने डीएम सेल्वा कुमारी जे से कहा कि एसडीएम शिकायत के बावजूद निरीक्षण करने नहीं आते। जन चौपाल में डीएम ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में चयनित किसानों की सूची लेखपाल से मांगी। लेखपाल ने कहा कि गांव में नहीं रहने वाले 175 किसानों को सम्मान निधि का पैसा नहीं दिया जा सका। डीएम सेल्वा कुमारी जे ने कहा कि इन सभी किसानों की सूची दिखाई जाए। लेखपाल सूची नहीं दे पाए। उसके पश्चात उन्होंने एसडीएम दीपक कुमार से कहा कि जिन किसानों को पैसा नहीं मिला है, उनकी सूची दें। एसडीएम दीपक कुमार भी जब सूची उपलब्ध नहीं करा पाए, तब डीएम सेल्वा कुमारी जे भड़क उठी और डीएम ने एसडीएम को जमकर हड़काया। डीएम के गुस्से को देखकर जन चौपाल में सन्नाटा छा गया। उसी दौरान डीएम सेल्वा कुमारी जे ने एसडीएम दीपक कुमार, सप्लाई इंस्पेक्टर नरेंद्र प्रताप और गांव के लेखपाल योगेंद्र महले के खिलाफ कार्रवाई की थी। उन्होंने कहा था कि सरकारी कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एसडीएम की लापरवाही से नाराज डीएम सेल्वा कुमारी जे इतने पर भी संतुष्ट नहीं हुईं बल्कि उन्होंने एसडीएम दीपक कुमार को कहा कि तुम एसडीएम के लायक नहीं। फिर दीपक कुमार को सरकारी गाड़ी ले जाने से रोक दिया और गाड़ी खड़ी कर बस से जाने का आदेश दिया, जिसके बाद एसडीएम दीपक कुमार बस से मुख्यालय पहुंचे थे।


डीएम सेल्वा ने की थीं भैंसा-बुग्गी की सवारी

डीएम सेल्‍वा कुमारी जे अपनी बेटी के साथ छुट्टी के दिन एवं फुर्सत के पलों में भैंसा-बुग्‍गी लेकर सड़क पर निकल आईं। बुग्‍गी पर एक तरफ उनकी छोटी सी बेटी बैठीं हुईं थीं, तो दूसरी तरफ डीएम सेल्वा कुमारी जे खुद बैठकर भैंसा बुग्‍गी की कमान संभाल रहीं थी। पहले तो डीएम सेल्वा कुमारी जे ने पहले अपने आवास में ही काफी देर तक भैंस- बुग्‍गी की सवारी की। उसके बाद वे सड़क पर निकल आईं और काफी देर तक भैंसा-बुग्‍गी चलाती रहीं। डीएम के इस अनोखे अंदाज को देखकर प्रसन्न दिखाई दे रहे थे। भैंसा-बुग्गी के फोटो डीएम सेल्वा कुमारी जे ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए लिखा था कि काफी वर्षों से सोच रही थी कि भैंसा- बुग्‍गी की सवारी करूंगी। खासकर जबसे मेरा पश्चिमी यूपी मे ट्रांसफर हुआ था, लेकिन संभव नहीं हो पा रहा था। उन्होंने कहा कि भैंसा- बुग्‍गी की सवारी करके बड़ा ही आंनंद आया। मेरी बरसो पुरानी तमन्‍ना पूरी हो गई। डीएम सेल्वा कुमारी जे के इस अनोखे अंदाज की लोगों ने काफी तारीफ की। पोस्ट के कमेंट बॉक्स में यूजर्स काफी प्रभावित होकर कुछ युजरों ने कंमेंट बाक्‍स में भैंसे बुग्‍गी के साथ अपनी भी फोटो शेयर किये थे।

भू-माफियों पर शिकंजा कसने के लिये लांच किया था 'धरा' ऐप

जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने 'धरा' सॉफ्टवेयर भू-माफिया पर और प्रभावी कार्रवाई के लिए तैयार कराया। जिला पंचायत सभागार में 14 जनवरी को साफ्टवेयर लांच हुआ था। इस ऐप के माध्यम से सरकारी जमीन, ग्राम समाज की भूमि, तालाब, ग्रीन बेल्ट आदि की जानकारी गूगल पर मिल जायेगी। जमीन का उसके वर्ग के आधार पर रंग निर्धारित किया गया। 'धरा' सॉफ्टवेयर में जो जमीन चिह्नित की जायेगी, उसे कोई बेच भी नहीं पाएगा। सॉफ्टवेयर में विवादित भूमि को भी चिन्हित किया जाएगा और कोर्ट केस संबंधित मामले भी सॉफ्टवेयर में अपडेट रहेंगे। उन्होंने कहा कि सॉफ्टवेयर में जमीन फीडिंग का कार्य रफ्तार से कराया जाएगा। जमीन को अगल-अलग कैटेगिरी में बांटा गया है। ऐसी जमीन को यदि कोई बेचने का प्रयास करेगा तो वह राजस्व विभाग के संज्ञान में आ जाएगा और फिर उस पर कार्रवाई की जाएगी। सॉफ्टवेयर में ग्राम पंचायतवार कृषि और आवासीय भूमि के सर्किल रेट भी अंकित किए जायेंगे। वन विभाग की जमीन को अतिरिक्त से अंकित किया जाएगा। डीएम सेल्वा कुमारी जे ने कहा कि सॉफ्टवेयर के माध्यम से सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त रखना है। सॉफ्टवेयर अपडेट केवल जिला स्तरीय समिति ही कर पायेगी।


डीएम सेल्वा कुमारी जे की पहल- शिकायत-निस्तारण का आदान-प्रदान व्हाट्स एप पर

24 घंटे एक्टिव मोड में रहने वाली आईएएस अफसर सेल्वा कुमारी जयराजन ने बतौर जिलाधिकारी समय और पैसा बचाने के तहत सूचना को आदान-प्रदान करने की नई व्यवस्था को लागू किया। वे जन सुनवाई के दौरान आये किसी भी प्रार्थना पत्र को व्हाट्स एप पर सम्बन्धित अधिकारी को ट्रांसफर कर देती हैं और उसका जवाब देने अथवा समस्या का निराकरण करके उसकी सूचना देने के लिए समय सीमा भी निर्धारित कर देती हैं। डीएम की इस व्यवस्था से जहां अधिकारियों में हड़कम्प रहा , वहीं आमजन ने राहत की सांस ली है। इस आदेश के बाद आम नागरिक को अपनी किसी भी समस्या का निराकरण कराने के लिए आवेदन पर आवेदन नहीं देना पड़ा और न ही इसके लिए अफसरों के दफ्तर के चक्कर काटने पडें। अपनी सूझबूझ और कर्मठता के लिए पहचानी जाने वाली जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे का मानना है कि शिकायतों के पारम्परिक आदान-प्रदान में श्रम, समय और पैसा अधिक व्यय होता था, कई बार तो ऐसा भी होता था कि सम्बन्धित शिकायत का निराकरण करना तो दूर, शिकायती पत्र को खोजनें में ही हफ्तो का समय लग जाता था। अब नई व्यवस्था के तहत शिकायत आयी, उसका मोबाइल से फोटो खींचा और व्हाट्स एप से तुरन्त सम्बन्धित अधिकारी को भेजा और बात खत्म। इससे न केवल पेपर और डाक लाने-जाने में होने वाला खर्च बचा, बल्कि इसमें लगने वाला समय भी बच जाता है, साथ ही तुरन्त यह भी श्योर हो जाता है कि प्रकरण सम्बन्धित अफसर तक पहुंच गया है।

बुजुर्ग की समस्या का किया समाधान

जिलाधिकारी को जनपद के थाना ककरौली क्षेत्र के गांव बेहड़ा निवासी एक बुजुर्ग अपना दुखड़ा सुनाने के लिये कलेक्ट्रेट आया था। जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. उस समय बैठक में व्यस्त थीं, जिससे बुजुर्ग की डीएम से मुलाकात नहीं हो पाई और वह निराशा में डूबकर जिलाधिकारी कार्यालय के सामने खड़ा हो गया। बैठक समाप्त कर जब जिलाधिकारी बाहर निकली, तो बाहर खड़े बुजुर्ग को ठंड़ में सिकुड़ता देख वह उसके पास पहुंची और बुजुर्ग से हाल-चाल पूछते हुए उसकी समस्या की जानकारी ली। बुजुर्ग की पीड़ा सुनकर जिलाधिकारी ने समस्या का समाधान कराया। जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. ने ठंड से सिकुड़ रहे बुजुर्ग को कम्बल दिया और घर भेजने की व्यवस्था कर उसके गांव बेहड़ा भिजवाया।


बेहतर कार्यशैली के लिए सम्मानित भी हो चुकी है आईएएस सेल्वा कुमारी जे

विभिन्न पुरस्कारों से पुरस्कृत राष्ट्रीय मतदाता दिवस-2019 एक दिन में 9 करोड़ पौध रोपण महा अभियान प्रशस्ति पत्र आईएएस अफसर सेल्वा कुमारी जयाराजन ने मद्रास विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर प्राप्त करने के बाद इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ पब्लिक पॉलिसी में डिग्री प्राप्त की है। उन्हें एलबीएसएनएए में द्वितीय चरण के दौरान ग्रामीण अध्ययन रजत पदक, तीसरे चरण में सर्वश्रेष्ठ केस स्टडी के लिए पुरस्कार, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिला कल्याण, स्वास्थ्य और स्वच्छता में अग्रणी कार्य करने के लिए नारी शक्ति पुरस्कार, निकायों और उद्योग विभाग के विभिन्न पुरस्कारों सहित ट्रस्ट आधारित बिलिंग के लिए पुरस्कार, क्लाउड आधारित शहरी बिलिंग और केस्को कानपुर के प्रमुख के रूप में नवाचारों के लिए भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जा चुका है।

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