आईपीएस अपर्णा से कम दिलचस्प नहीं उनके पति वाइल्ड लाइफ लवर आईएएस संजय कुमार

आईपीएस अपर्णा से कम दिलचस्प नहीं उनके पति वाइल्ड लाइफ लवर आईएएस संजय कुमार

वाइल्ड लाइफ लवर आईएएस संजय कुमार वर्तमान में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रमुख मण्डल सहारनपुर में कमिश्नर के पद पर कार्यरत



लखनऊ। बिहार की बहू तथा 2002 बैच की आइपीएस अधिकारी अपर्णा कुमार भारद्वाज ने जून 2019 में उत्तरी अमेरिका महाद्वीप के अलास्का में सर्वोच्च चोटी माउंट डेनाली पर तिरंगा फतह किया और इसके साथ ही सातों महाद्वीपों की सर्वोच्च चोटी पर भारत का झंडा फहराने वाली प्रथम पुलिस अधिकारी बनी। इससे पहले उन्होंने अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट विनसन मैसिफ पर तिरंगा फहरा भारत का सम्मान बढ़ाने का काम किया।





अपर्णा औरंगाबाद (बिहार) निवासी आईएएस संजय कुमार की पत्नी हैं। अपर्णा के जीवन में जितना एडवेंचर है, उतनी ही दिलचस्प उनके पति संजय कुमार की भी जीवन रही है। वाइल्ड लाइफ लवर आईएएस संजय कुमार वर्तमान में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रमुख मण्डल सहारनपुर में कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं। संजय कुमार 2002 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उनकी पत्नी का बैच भी यही है। अभी तक अपने प्रशासनिक कार्यकाल में संजय कुमार 10 जिलों बलरामपुर, सुलतानपुर, अमरोहा, सीतापुर, गोरखपुर, मथुरा, बरेली, मुरादाबाद, सोनभद्र और इलाहाबाद में जिलाधिकारी के रूप में तैनात रह चुके हैं। इस सरकार में वह राहत आयुक्त लखनऊ रहे। वैसे तो उनके कार्यकाल में कई रोचक मोड़ है और उपलब्धियों से उनका दामन भी भरा है, लेकिन इलाहाबाद में डीएम रहते हुए दिव्यांगों के लिये काम करने को लेकर आईएएस संजय कुमार को पुरस्कृत किया गया। इसके लिये उनकी पूरे देश में चर्चा होती रही। हर मंच पर उनके काम का सराहा गया। संजय कुमार ने इलाहाबाद में दिव्यांगजनों के कल्याण एवं उनके पुनर्वास में अनुकरणीय कार्य किया है। 1,13,501 दिव्यांगजनों को दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं जो दिव्यांगजन समुदाय का 63.6 प्रतिशत है। जिलाधिकारी ने जीविका अनुदान कार्यक्रम के अन्तर्गत 1944 व्यक्तियों को पुर्नस्थापित किया।


सरकारी स्कूलों में रैम्प की सुविधा शुरू कराई। 540 कुष्ठ प्रभावितों की पहचान करके उन्हें पेंशन दिलायी। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिये रियायती ऋण औश्र दुकानों के आवंटन की योजना प्रभावशाली ढंग से चलायी जा रही हैं।


दिव्यांगजनों को विभिन्न सेवाएं उपलब्ध कराये जान के लिये सिंगलविन्डो प्रणाली लागू कराया


एडिप और डीडीआरसी योजनाओं के साथ-साथ इन्दिरा आवास योजना, लोहिया आवास योजना, ग्रामीण रोजगार योजना की प्रगति बढ़ाई। दिव्यांगजनों को विभिन्न सेवाएं उपलब्ध कराये जान के लिये सिंगलविन्डो प्रणाली लागू कराया। इसके लिए जिलाधिकारी संजय कुमार को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने विज्ञान भवन नई दिल्ली में सम्मानित किया। संजय कुमार के काम का यह केवल एक हिस्सा मात्र ही रहा, उनके काम के कई किस्से इलाहाबाद में आज भी मशहूर हैं।


इलाहाबादमें जिलाधिकारी का पद संभालते ही उन्होंने पूरे शहर का नक्शा बदलकर उसकी पुरानी खोई हुई शान-ओ-शौकत लौटाने के लिये प्रयास


इलाहाबाद में जिलाधिकारी का पद संभालते ही उन्होंने पूरे शहर का नक्शा बदलकर उसकी पुरानी खोई हुई शान-ओ-शौकत लौटाने के लिये प्रयास शुरू कर दिये थे। कई ऐसे काम किये, जिसको लेकर उन्हें पूरा शहर मानता है। अपने इन कामों से उन्होंने इलाहाबाद का दिल जीत लिया। संजय कुमार ने 1870 में प्रिंस अल्फ्रेड की याद में बनवाए गए अल्फ्रेड पार्क को वर्तमान समय में चन्द्रशेखर आजाद पार्क के नाम से जाना जाता है। इसके पहले इसे कम्पनी बाग के नाम से पुकारा जाता था। 133 एकड़ में फैले इस पार्क के जैसा पूरे पूर्वांचल और उसके आगे के जिलों में कोई पार्क नहीं। डीएम संजय कुमार ने इस पार्क की खस्ताहाली को संज्ञान में लिया और इसका पुराना वैभव लौटाने का प्रयास किया। मिग 34 की एक डमी लोगों के देखने के लिये रखवाई। पैदल चलने वालों के लिये फोम कार्पेट ट्रैक बनवाया। डीएम संजय कुमार इलाहाबाद के मशहूर सिविल लाइंस की शान-ओ-शौकत लौटाने के लिये नगर निगम और इलाहाबादी विकास प्राधिकरण के साथ मिलकर काम किया। इसके पहले चरण में पूरे सिविल लाइंस में इंग्लिश स्टाइल के इलेक्ट्रिक लैम्प लगाए।



आयुक्त संजय कुमार ने सहारनपुर मण्डल में पौधारोपण का बनाया रिकार्ड


8 जून 2019 को उत्तर प्रदेश सरकार ने नगर विकास विभाग के सचिव संजय कुमार को सहारनपुर मंडल का आयुक्त बनाया है। हाल ही में उनके प्रयासों से सहारनपुर ने पौधारोपण में इतिहास रचा है। यहां हिंडन नदीं के किनारे एक ही दिन में 54 हजार पौधे लगाए गए, जो एक यह विश्व रिकार्ड है।


अब सहारनपुर का नाम इसी रिकार्ड से गिनीज बुक में दर्ज होगा।


कमिश्नर सहारनपुर अब हिंडन नदीं को सरंक्षित करने के लिए इस नदीं के दोनों ओर पौधारोपण कराने की योजना बना रहे हैं। हिंडन नदीं करीब 125 किलोमीटर सहारनपुर मंडल से गुजरती है और अब इस 125 किलोमीटर में हिंडन के दोनों किनारों पर पौधारोपण किया जाएगा।


सहारनपुर मंडलायुक्त संजय कुमार ने इस स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को सभी स्कूलों सरकारी दफ्तरों और सार्वजनिक स्थानों पर सीड फ्लैग ( बीज वाले झंडे) वितरण कराया। इस फ्लैग झंडे की खास बात यह है कि यह पर्यावरण का मित्र है। इस्तेमाल करने के बाद इस झंडे को क्यारी या खेत में डालने से तुलसी और गेंदे (फूल वाला पौधा) का पौधा उगता है। इस फ्लैग का कागज भी इस तरह से बनाया गया कि यह मिट्टी के संपर्क में आते ही गल जाता है नष्ट हो जाता है। प्रकृति के प्रति स्नेह, प्रकृति को बचाए रखने की इच्छा और पर्यावरण से प्रेम करने का इससे अच्छा उदाहरण नहीं मिल सकता है। महज एक घंटे में पौधारोपण का विश्व रिकार्ड और सीड फ्लैग का इस्तेमाल हमे यह सीख देता है कि अगर मन में थोड़ी सी भी इच्छा हो तो उसे शक्ति दी जा सकती है और इच्छा शक्ति हमे प्रकृति को समझने उसे प्यार करने और उसका सरंक्षण करना सिखाती है।


वाइल्ड लाइफ लवर संजय कुमार युवाओं को समझा रहे प्रकृति का महत्व



उत्तर प्रदेश के बाद भारत के दूसरे सबसे बड़े राज्य बिहार में जन्मे वर्ष 2002 बैच के आईएएस अधिकारी संजय कुमार ब्यूरोक्रेसी में जितने सफल अधिकारी बने हैं, उतने ही वह अपने जीवन में भी सफल हैं। वो एक सिविल अधिकारी भी हैं और पर्यावरण प्रहरी भी। वो खोजकर्ता भी हैं और वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर भी है। वाइल्ड लाइफ लवर होने के कारण ही उन्होंने सिविल सर्विस में रहते हुए कई ऐसे काम किये, जो प्रकृति और पर्यावरणीय वातावरण के लिए सहायक ही नहीं बल्कि सफलतम कार्यक्रम साबित हुए हैं। वो प्रकृति को जिस नजरिए से देखते हैं उसी नजरिए से दुनिया के सामने लाने का प्रयास भी करते हैं। अगर उनकी बातों को सुना जाए तो प्रकृति को समझा जा सकता है, अगर उनकी बातों पर अमल कर लिया जाए तो प्रकृति को आज कई चुनौतियों से बचाया जा सकता है।
सहारनपुर कमिश्रनर संजय सिंह को वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफरी का शौंक है। अपने इस शौंक को उन्होंने प्रकृति के साथ प्रेम करने का जरिया बनाया है। संजय कुमार प्रकृति या वन्य जीवों का एक प्राकृतिक फोटो लेने के लिए घंटो-घंटों एक ही पॉजिशन में रह सकते हैं। उन्होंने वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी में कई आयाम स्थापित किए हैं। उनकी जहां भी पोस्टिंग होती है वहीं लोग प्रकृति को समझने लगते हैं और उस जिले में उस मंडल में पर्यावरण को बचाने के प्रयास तेज हो जाते हैं, प्रकृति के लिए जागरूकता प्रोग्राम होने लगते हैं। कमिश्रनर संजय कुमार का कहना है कि युवा पीढ़ी को प्रकृति को समझना चाहिए। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि अपने रोजमर्रा के कार्यों को पूरा करते हुए 24 घंटे में एक घंटा हर व्यक्ति महिला और पुरुष को मंथन के लिए निकालना चाहिए। सोचने के लिए निकालना चाहिए। सोचने से ही सोच विकसित होती है और जब हम प्रकृति के बारे में या किसी भी अच्छे कार्य के बारे में सोचंगे तो हम अच्छे कार्य भी जरूर करेंगे। उन्होंने आह्वान किया है कि सभी को हर वर्ष के अपने परिवार के सदस्यों के नाम एक-एक पौधा जरूर लगाना चाहिए।

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