हिन्दी साहित्य में कहानियों का उद्भव और विकास
हिन्दी के क्षेत्र में प्रेमचन्द की कहानियों से एक नवीन युग का आरंभ हुआ। हिन्दी के क्षेत्र में आने से पूर्व प्रेमचन्द उर्दू में लिखा करते थे। सन् 1907 में सोजे वतन के नाम से इनकी पांच कहानियों का संग्रह उर्दू में प्रकाशित हो चुका था।
हिन्दी के क्षेत्र में प्रेमचन्द की कहानियों से एक नवीन युग का आरंभ हुआ। हिन्दी के क्षेत्र में आने से पूर्व प्रेमचन्द उर्दू में लिखा करते थे। सन् 1907...
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