जहां पोस्टिंग, वहां दागी पुलिसकर्मी आउट- अजब है कप्तान अजय की कार्यशैली

जहां पोस्टिंग, वहां दागी पुलिसकर्मी आउट- अजब है कप्तान अजय की कार्यशैली

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में पार्ट-1 सरकार में आते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'जीरो टॉलरेंस नीति' के अंतर्गत काम करते हुए पुलिस और प्रशासन को अपराध पर अंकुश लगाने का हुक्म दे दिया था। यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बनाई गई पार्ट-2 सरकार सूबे की मजबूत कानून व्यवस्था का भी एक अहम योगदान है। मुख्यमंत्री की 'जीरो टॉलरेंस नीति' के तहत साल 2011 बैच के तेजतर्रार अफसर भी निरंतर काम कर रहे हैं। जीं हां यह अफसर हैं आईपीएस अजय कुमार, जो संभाल रहे हैं प्रयागराज एसएसपी की कमान।

यह आईपीएस अफसर अजय कुमार की ही कार्यशैली है जिसके अंतर्गत वह पुलिस कप्तान का कार्यभार संभालते ही बदमाशों को एक संदेश दे देते हैं कि अगर कोई भी व्यक्ति अपराध करेगा तो वह जनपद को छोड़ दें या फिर जेल की हवा खाने के लिये तैयार रहे। आईपीएस अफसर का पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को भी मैसेज रहता है कि अगर कोई भी पुलिस अधिकारी या पुलिसकर्मी अपराधी और दलालों से सांठगांठ करेगा या फिर पब्लिक के साथ खराब बर्ताव करेगा तो उसे भी कतई बख्शा नहीं जायेगा।

आईपीएस अफसर अजय कुमार की जहां भी पोस्टिंग होती है। वह बड़े पैमाने पर अपराधियों एवं लापरवाह या फिर अपराध को बढ़ावा देने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं। आईपीएस अफसर अजय कुमार प्रयासरत रहते हैं कि पीड़ित को जल्द से जल्द इंसाफ दिलाया जाये और अपराधी को जल्द से जल्द उसके अंजाम यानि कारागार भेजा जाये। आईपीएस अफसर में एक खास बात यह भी है कि वह मोबाइल फोन अपने पीआरओ को ना देकर अपने पास रखते हैं और खुद ही कॉल रिसीव करते हैं।

आईपीएस अफसर अजय कुमार यूं तो कई जनपदों में बेहतरीन कप्तानी कर चुके हैं लेकिन खोजी न्यूज आपको शामली से लेकर प्रयागराज तक के उनके सफर से रूबरू करायेगी। आईपीएस अफसर अजय कुमार ने प्रत्येक जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की 'जीरो टॉलरेस नीति' के तहत क्राईम कंट्रोल के उद्देश्य से 'शानदार पुलिसिंग' कर दिखाई है। आईपीएस अफसर ने शामली से लेकर प्रयागराज तक अपराध को बढ़ावा देने एवं पब्लिक से बुरा बर्ताव करने वाले पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों की बख्शीश नहीं की है। अगर सिर्फ प्रयागराज की बात की जाये तो आईपीएस अफसर अजय कुमार ने एसएसपी के रूप में अपने 131 दिन के कार्यकाल में 133 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर व सस्पेंड किया है। आईपीएस अफसर ने जो बोला, वो कर भी दिखाया है। आईपीएस अफसर ने अपनी अजब कार्यशैली के बलबूते ही जनता के दिलोें में पुलिस के प्रति बेहतरीन छवि बनाने का काम किया है। प्रयागराज के एसएसपी अजय कुमार पर पेश है खोजी न्यूज की विशेष रिपोर्ट...

आईपीएस अफसर अजय कुमार ने 4 जनवरी को जनपद प्रयागराज के एसएसपी का चार्ज संभालते ही मैसेज दे दिया था कि अगर अपराध को बढ़ावा या जनता के साथ कुशल व्यवहार नहीं किया जायेगा तो ऐसे पुलिस अधिकारी व पुलिसकर्मी की बख्शीश नहीं की जायेगी। एसएसपी अजय कुमार ने अपने 131 दिन के कार्यकाल में 133 पुलिस अधिकारी व पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने का काम किया है। एसएसपी अजय कुमार ने अभी तक 4 निरीक्षकों, 23 उपनिरीक्षकों, 1 मुख्य आरक्षी और 16 सिपाही को मिलाकर कुल 44 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर। एसएसपी ने 7 थानाध्यक्षों, 28 सब इंस्पेक्टरों, 16 मुख्य आरक्षियों और 36 सिपाहियों के साथ ही एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को सस्पेंड किया।

एसएसपी अजय कुमार ने बताया कि सभी पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को सरकारी कार्यों में जान-बूझकर लापरवाही बरतने, आदेशों की अवहेलना और पब्लिक के साथ बेकार व्यवहार करने के मामले में 133 पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर व सस्पेंड किया गया है। इसके साथ ही एसएसपी अजय कुमार ने अधीनस्थों को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर भ्रष्टाचारियों, अपराधियों, दबंगों, कदाचारियों, जुआरियों, सट्टेबाजों, और दलालों से पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों की मिलीभगत की जानकारी मिलेगी तो उन्हें बिल्कुल भी बख्शा नहीं जायेगा।

शामली में पोस्टिंग के दौरान आईपीएस अफसर अजय कुमार ने दागी पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों पर एक्शन लेने में कोई कोताही नहीं बरती। यूं तो शामली, मैनपुरी, फिरोजाबाद और हरदोई में पुलिस कप्तान रहते हुए आईपीएस अफसर अजय कुमार ने भारी मात्रा में दागी पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों पर तुरंत कार्रवाई की। आईपीएस अजय कुमार द्वारा हर जिले में रहते हुए कुछ दागी पुलिसकर्मियों पर किये गये एक्शन खोजी न्यूज आपके सामने पेश करती है। आईपीएस अजय कुमार ने पुलिस भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2018 के अभ्यर्थियों की फाइलें तैयार करने में लापरवाही बरतने पर और बिना अनुमति के जिला मुख्यालय छोड़कर गैर जनपदों में जाने की भी शिकायतें मिलने के बाद हेड कांस्टेबल देवदत्त को निलम्बित कर दिया था। ऐसे ही उस दौरान सीओ कैराना के कार्यालय में तैनात मुंशी व कांस्टेबल दीपक कुमार को रात के समय अवैध खनन कराने और ओवरलोड डंपर निकलवाने में संलिप्त होने की शिकायत के बाद सस्पेंड कर दिया था। इसके अलावा थाना गढ़ीपुख्ता थाने पर तैनात एक हेड कांस्टेबल संजीव कुमार को थाने की गोपनीय सूचनाएं लीक करने और भ्रष्टाचार के आरोप में निलम्बित कर दिया था। आईपीएस अफसर अजय कुमार ने कांधला थाने पर निरीक्षण के वक्त हवालात में बंद युवक के पास फोन मिलने पर थाने के मुख्य आरक्षी को सस्पेंड कर दिया था।

31 दिसम्बर 2019 को 4 जनवरी 2020 तक छुट्टी लेकर गये जनपद मैनपुरी में तैनात इंस्पेक्टर श्रवण कुमार ड्यूटी पर वापस नहीं लौटे। कर्तव्य में लापरवाही व अनुशासनहीनता के चलते आईपीएस अफसर अजय कुमार ने इंस्पेक्टर श्रवण कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। इसके अलावा भोगांव तहसील परिसर स्थित उप-निबंधक कार्यालय के दरवाजे का कुंडा उखाड़कर रात चोर तिजोरी उठा ले गए थे, जिसमें डेढ लाख रूपये और कार्यालय की चाबियां रखी हुई थी। जांच में सिपाहियों की ड्यूटी में लापरवाही सामने आने पर हेड कांस्टेबल महेंद्र सिंह, कांस्टेबल सुनील कुमार, रवींद्र सिंह व पीयूष यादव को निलंबित कर दिया था। आईपीएस अफसर अजय कुमार ने मैनपुरी में तैनाती के वक्त ही सरसों के तेल से लदे ट्रक को लूटने वाले आरोपी सिपाही के पास से 9 लाख रूपये व लूट की बोलेरो कार बरामद करते हुए लूट की वारदात को बेपर्दा कर दिया था। जांच में सभी आरोपों की पुष्टि होने के बाद सिपाही अनुज कुमार को दोषी पाते हुए पुलिस सेवा से बर्खास्त कर जेल भेज दिया था।

मैनपुरी के बाद शासन ने आईपीएस अफसर अजय कुमार के हाथों में जनपद फिरोजाबाद के एसएसपी का दोबारा चार्ज सौंपा। तत्कालीन एसएसपी अजय कुमार को जानकारी मिली कि थाना रसूलपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये चरस, गांजा और सट्टे का कारोबार करने वाले आरोपी जाकिर को एसओजी टीम का सहयोग मिलता रहा। आईपीएस अफसर अजय कुमार ने इसके तुरंत बाद टीम बनाकर जांच कराई और जांच में दोषी पाए गए एसओजी के 4 कांस्टेबल नदीम खान, राहुल यादव, रविन्द्र कुमार और भगत सिंह को निलंबित कर दिया था। थाना रसूलपुर पर ही तैनात एक उपनिरीक्षक ब्रजमोहन गौतम का ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें तथाकथित रूप से उपनिरीक्षक ब्रजमोहन गौतम के विरूद्ध कुछ प्रमाणिक तत्व निकल कर आये और अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया था। तत्कालीन एसएसपी अजय कुमार ने दरोगा बृजमोहन पर कार्रवाई करते हुए उसे भी निलम्बित कर दिया था।

प्रयागराज एसएसपी की कमान संभालने से पूर्व हरदोई रहते हुए जनपद के थाना मझिला पर कार्यरत आरडी रावत नामक उपनिरीक्षक एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें उपनिरीक्षक द्वारा अभद्र शब्दों का प्रयोग किया जा रहा था। ऑडियो सामने आने के पश्चात आईपीएस अजय कुमार ने उपनिरीक्षक आरडी रावत को निलम्बित कर दिया था। इसके अलावा हरदोई में ही पुलिस लाइन में तैनात नशे में धुत उपनिरीक्षक कृष्णप्रताप सिंह द्वारा शहर कोतवाली इलाके में ऑटों चालकों व राहगीरों के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए बदतमीजी कर रहा था। उपनिरीक्षक ने इस दौरान वर्दी भी पहनी हुई थी। मामला संज्ञान में आते ही आईपीएस अफसर अजय कुमार ने आरोपी दरोगा को भी निलम्बित किया था।

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