वीडियो की हुई जांच- एक निलंबित, दूसरे को कारण बताओ नोटिस

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लखनऊ। मीडिया के माध्यम से प्राप्त कथित रूप से नोएडा जेल की तीन वीडियोज की जांच की गई। इनमें एक वीडियो में डीआईजी जेल ने प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये जेल कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की है। तत्कालीन जेल वार्डर को निलंबित कर दिया गया है, जबकि डिप्टी जेलर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

मीडिया के माध्यम से नोएडा जेल की जो कथित तीन वीडियो प्राप्त हुई थी, उनमें से प्रथम वीडियो 1.01 मिनट की थी। डीआईजी जेल संजीव त्रिपाठी ने इसकी जांच की। इस वीडियो में एक भगौने से भोजन सामग्री वितरित करते हुए एक व्यक्ति और उसके आसपास खड़े कुछ लोग दिखाई पड़ रहे हैं। वीडियो में प्रदर्शित तथ्य जेल के नहीं है। इसमें ना तो कोई जेल का सिपाही है, ना कोई बंदी लंबरदार है। जेल की बैरक, जंगला आदि भी नहीं है। न ही उक्त वीडियो में जेल से संबंधित कोई वार्ता की जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह दृश्य नोएडा जेल से संबंधित नहीं पाया गया है।

द्वितीय वीडियो 1.23 मिनट की है। इस वीडियो में कत्थई रंग की शर्ट पहने हुए एक व्यक्ति मोबाइल पर बात करता दिख रहा है। इस वीडियो की जांच में कई तथ्यों को संज्ञान में लिया गया। नोएडा जेल की सभी बैरकें डबल स्टोरी की हैं, जबकि कथित वीडियो में कोई डबल स्टोरी की बिल्डिंग कहीं भी दृष्टिगोचर नहीं हो रही है। नोएडा जेल नई जेल है, किंतु वीडियो में दिखाई दे रहा भवन काफी पुराना लगता है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि यह दृश्य उत्तर प्रदेश की जेल का है अथवा किसी अन्य प्रांत की कारागार का। यह वीडियो नोएडा जेल का होना पुष्ट नहीं पाया गया।

तृतीय वीडियो लगभग 57 सेकंड का है, जिसमें सफेद कपड़े पहने हुए शतरंज की बिसात बिछाये बैरक में बैठा एक बंदी मोबाइल का उपयोग करता दिख रहा है। प्रारंभिक जांच में यह वीडियो नोएडा जेल का लगभग दो वर्ष पुराना पाया गया। जेल नियमों के तहत जेल में मोबाइल का प्रवेश और बन्दियों द्वारा उसका उपयोग दोनों प्रतिबंधित है। अतः इस घटना को न रोक पाने और कर्तव्य पालन में शिथिलता के लिए प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए जेल कार्मिकों के खिलाफ डीआईजी जेल संजीव त्रिपाठी द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। उन्होंने तत्कालीन समय में ड्यूटी पर तैनात शिथिलता के दोषी जेल वार्डर राजवीर सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। वहीं डिप्टी जेलर प्रदीप कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। प्रकरण की विस्तृत जांच कराई जा रही है।

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