धोखाधड़ी कर वाहन बेचने वाले शातिर गिरोह का भंडाफोड़

धोखाधड़ी कर वाहन बेचने वाले शातिर गिरोह का भंडाफोड़

आगरा। एसटीएफ व पुलिस की संयुक्त टीम ने फर्जी कागजातों के आधार पर फाईनेंस कराकर कम दामों पर दुपहिया वाहन बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत 7 आरोपियों को अरेस्ट किया है, जबकि दो आरोपी फरार हो गये। पुलिस ने आरोपियों के पास से भारी मात्रा में दुपहिया वाहन, फर्जी कागजात आदि बरामद किये हैं।

एसएसपी बबलू कुमार के निर्देशन में अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में आज एसटीएफ व शमशाबाद पुलिस को बड़ी सफलता मिली। एसएसपी बबलू कुमार ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि एसटीएफ की आगरा यूनिट व शिकोहाबाद पुलिस ने कम दामों पर दुपहिया वाहन बेचने वाले गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी फर्जी कागजात तैयार करके धोखाधड़ी से दोपहिया वाहनों को बेचने का काला धंधा करने में लिप्त हैं।


पुलिस ने उनके पास से 13 दुपहिया वाहन, 3 लैपटॉप, 2 कलर प्रिंटर, 2 फिंगर प्रिंट सेन्सर, 6 मोबाइल फोन, 42 आधार कार्ड, 11 पैनकार्ड, 8 निर्वाचन पहचान पत्र, 16 बैंक पासबुक, 1 बैंक आई कार्ड , 9 अर्द्धबने आधार कार्ड, 3,550 रुपये नकद बरामद किये। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने अपने नाम मनमोहन धाकरे उर्फ मोनू धाकरे पुत्र कैलाश चन्द निवासी ग्राम चमरौली थाना ताजगंज आगरा, सतेन्द्र सिंह पुत्र सुरेन्द्र सिंह निवासी गांव कुमपुरा थाना निबोहरा आगरा, पोपेन्द्र उर्फ पोपी पुत्र कुंवर सिंह निवासी ग्राम कुमपुरा थाना निबोहरा आगरा, अतुल मुदगल पुत्र नेतराम मुदगल निवासी मौ. रोहई कस्बा शमशाबाद आगरा, रामकन्हैया पुत्र मुकेश चन्द शर्मा निवासी ग्राम कुतकपुर थाना शमशाबाद आगरा, मोनू सिंह पुत्र यशपाल सिंह उर्फ पप्पू निवासी थाना शमशाबाद के पीछे जनपद आगरा, सोनू सिंह पुत्र रामप्रकाश निवासी सहाय का पुरा थाना निबोहरा आगरा बताये। इस दौरान आरोपियों के दो साथी फरार हो गये। गिरफ्तार आरोपियों ने भागे आरोपियों के नाम शंकर निवासी अम्बरपुर राजाखेड़ा धौलपुर राजस्थान, विजयराम पुत्र पप्पू उर्फ छत्रपाल निवासी नीच खेड़ा निबोहरा आगरा बताये।


एसएसपी ने बताया कि गिरोह का सरगना एक बैंक में कार्यरत है। एसएसपी ने बताया कि इस गिरोह में शामिल सदस्य फोटो प्रिंटिंग, फोटो एडिटिंग करने में एक्सपर्ट हैं। वे असली आधार कार्ड आदि को स्कैन करके उसमें एडिटिंग करके फर्जी आधार कार्ड आदि बनाने थे। फर्जी कागजात के आधार पर वे वाहनों को ज्यादातर प्राईवेट फाईनेंस कंपनियों से फाईनेंस कराकर कम दामों पर बेच देते थे। फर्जी आईडी होने के कारण जिन लोगों को वाहन बेचे जाते थे, उनका पता नहीं मिल पाता था और बैंक उनसे रिकवरी नहीं कर पाता था। एसएसपी ने बताया कि एसटीएफ को काफी दिनों से सूचना मिल रही थी कि कम दामों पर दुपहिया वाहनों को बेचे जा रहे हैं। एसटीएफ इस गिरोह की तलाश में काफी दिनों से थी। उन्होंने कहा कि जिन बैंक कर्मियों ने फर्जी आईडी के आधार पर वेरीफिकेशन किये हैं, उनसे भी पूछताछ की जायेगी, उनकी तलाश जारी है। पूछताछ में पता चला है कि लगभग 200 दुपहिया वाहन अब तक बेचे जा चुके हैं। फिलहाल पकड़े गये आरोपियों का कोई आपराधिक इतिहास प्राप्त नहीं हो पाया है, लेकिन वे इस अवैध धंधे में काफी दिनों से लिप्त थे।

आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में थानाध्यक्ष राकेश कुमार, एसआई जितेन्द्र कुमार, सोनू कुमार, कांस्टेबिल यशवीर, कौशल कुमार, अजीत कुमार, विकास, एसटीएफ आगरा यूनिट के एसआई प्रमोद कुमार, मानवेन्द्र सिंह, अमित गोस्वामी, हैड कांस्टेबिल संतोष कुमार, ब्रजराज सिंह, कांस्टेबिलि प्रशांत चैहान, अंकित गुप्ता, कमांडो राजपाल सिंह, चन्द्रपाल सिंह, भंवर सिंह शामिल रहे।

epmty
epmty
Top