32 सवालों के चक्रव्यूह में फंसा गृह राज्य मंत्री का बेटा नहीं पाया निकल

32 सवालों के चक्रव्यूह में फंसा गृह राज्य मंत्री का बेटा नहीं पाया निकल

लखीमपुर खीरी। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में यूं ही नहीं हो पाई है बल्कि डीआईजी की मौजूदगी में विशेष पर्यवेक्षण समिति द्वारा उसके साथ तकरीबन 12 घंटे तक माथापच्ची की गई। इस दौरान पूछे गए 32 सवालों के जवाब देने में आशीष मिश्रा खुद ही चक्रव्यूह में उलझता चला गया, जिसके चलते क्राइम ब्रांच के सामने लखीमपुर खीरी में हुए हिंसा के मामले में आशीष मिश्रा को गिरफ्तार करने के अलावा कोई चारा ही बचा नहीं रह गया था।

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा के मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को शनिवार को आखिरकार 12 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर ही लिया गया है। शुक्रवार को क्राइम ब्रांच के सामने पेश ना होने के बाद दूसरा नोटिस चस्पा कर क्राइम ब्रांच ने आशीष मिश्रा को शनिवार की सवेरे 11.00 बजे पूछताछ के लिए बुलाया था। लोगों को यह दिखाने के लिए कि वह कहीं फरार नहीं हुआ है इसके चलते आशीष मिश्रा निर्धारित समय से तकरीबन 20 मिनट पहले ही क्राइम ब्रांच के सामने बैकडोर से पहुंच गया था। 12 घंटे तक लगातार चले पूछताछ के सिलसिले के बाद आशीष मिश्रा को रात तकरीबन 11.00 बजे पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद अपराध शाखा के दफ्तर में ही लगभग 1 घंटे तक आशीष मिश्रा की मेडिकल जांच की गई और अर्द्धरात्रि तकरीबन 12.00 बजे के बाद आशीष मिश्रा को सीजेएम दीक्षा भारती की कोर्ट में पेश किया गया। जहां से अदालत द्वारा आशीष मिश्रा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। क्राइम ब्रांच की ओर से आरोपी आशीष मिश्रा को पुलिस कस्टडी में दिए जाने की मांग को लेकर अर्जी भी दाखिल की गई है, जिस पर सोमवार को सुनवाई की जाएगी। डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने बताया है कि लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा मामले में जांच में सहयोग न करने और पूछे गए सवालों का सही जवाब ना देने के कारण आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है। 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुए हिंसा के मामले के बाद आशीष मिश्रा और 20 अन्य पर हत्या, बवाल आदि की धाराओं में तिकुनिया थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी यूं ही संभव नहीं हुई है बल्कि टीम में शामिल पुलिस अधिकारियों ने जब आशीष मिश्रा से तीखे सवाल किए तो उनका सामना करने में वह बुरी तरह से परेशान दिखाई दिया। जांच टीम की ओर से पूछा गया कि घटना के समय वह कहां पर था? जब रूट बदला गया तो उसकी गाड़ी उस उस रास्ते से होकर क्यों गई? घटना का पता उसे कब चला? हिंसा की वारदात में कितने लोग मारे गए और इसकी जानकारी उसे कब और कैसे लगी? इस दौरान आशीष मिश्रा मोनू ने घटना के दिन अपने बनवीरपुर में होने की दलील दी तो इस दौरान जांच टीम की ओर से पूछा गया कि घटना के दिन वह दो बजकर 36 मिनट से लेकर 3 बजकर 30 मिनट के बीच कहां पर थे तो आशीष मिश्रा इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सका। पुलिस की पूछताछ में सबसे अहम बिंदु यह रहा कि वारदात के समय आशीष कहां पर था? आशीष की ओर से कई वीडियो जांच टीम के सामने साक्ष्य के तौर पर पेश किए गए, लेकिन वह किसी में भी घटना के समय पर कहीं और होने का साक्ष्य जांच टीम के सामने नहीं रख पाया। घटना के दिन दोपहर 2 बजकर 34 मिनट से लेकर 3 बजकर 31 मिनट तक उसकी कोई लोकेशन नहीं मिल पाई। पुलिस ने यह भी पूछा कि रास्ता डायवर्ट होने की सूचना के बावजूद वह उसी रास्ते से होकर क्यों गया? जहां पर यह हिंसा की वारदात हुई है। पुलिस ने यह भी पूछा कि उस दिन मौके पर गई गाड़ियों में कौन-कौन लोग मौजूद थे?



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