मुजफ्फरनगर की रिजर्व पुलिस लाइन बन रही *स्मार्ट सिटी*

मुजफ्फरनगर की रिजर्व पुलिस लाइन बन रही *स्मार्ट सिटी*

मुज़फ्फरनगर। "स्मार्ट सिटी" यह एक ऐसा शब्द है, जो सरकारें तो अपने महानगरों को बनाने में जुटी हैं और प्राइवेट सेक्टर के बिल्डर भी अपने अपने प्रोजेक्ट को स्मार्ट सिटी बनाकर बेच रहे हैं। लेकिन मुजफ्फरनगर में भी एक जगह स्मार्ट सिटी के रूप में डेवलप हो रही है और वह जगह, शहर नहीं है बल्कि रिजर्व पुलिस लाइन है।

2 जुलाई 2019 को जब मुजफ्फरनगर में एसएसपी के रूप में अभिषेक यादव ने कार्यभार संभाला था तो मुजफ्फरनगर की पुलिस लाइन भी अन्य जनपदों की तरह ही थी। नई सोच के नौजवान आईपीएस अफसर अभिषेक यादव के मन में सबसे पहले पुलिस के वेलफेयर का ख्याल तब आया, जब मार्च 2020 में कोविड-19 पूरी दुनिया को जकड़े हुआ था। अभिषेक यादव बताते हैं " वह सिविल लाइन थाने के पास से गुजर रहे थे तो कुछ पुलिसकर्मियों को डयूटी करते देख यह ख्याल आया कि कोविड के कारण जब शहर पूरी तरह से बंद है, तब पुलिसकर्मी सड़क पर अपनी ड्यूटी तो कर रहा है मगर वो अपने लिए भोजन की व्यवस्था कैसे कर पा रहा होगा। वो कहते है यही सोचकर मन में ख्याल आया कि मुजफ्फरनगर पुलिस लाइन में कुछ ऐसी व्यवस्था की जाए जिससे पुलिस कर्मियों को बाहर के खाने पर डिपेंड ना रहना पड़े। एसएसपी ने पुलिस लाइन की मेस के बगल में पड़ी एक जगह में पुलिस कैफे बनाने की सोची। अब एसएसपी के सामने सबसे बड़ी समस्या थी कि पुलिस बल के लिए उपलब्ध बजट में से कैसे वह एक शानदार कैफे बना सकते। तब उन्होंने उसी कमरे में काम कराना शुरू किया । एक पुरानी इनफील्ड बुलेट को उन्होंने पेंट कराकर सामने दीवार पर लगाया और कम ही बजट में एक शानदार पुलिस कैफे की शुरुआत करा दी।


मुजफ्फरनगर पुलिस लाइन में जब पुलिस कैफे की ओपनिंग हुई तो पुलिस और उनके परिजनों ने पुलिस कैफे की सराहना की। उसकी वजह थी पुलिस एंव उनके परिवार के लिए एक शानदार वातानुकूलित कैसे में बैठ कर अच्छे और सस्ते खाने की व्यवस्था हो गई थी। पूरे कोविड कॉल में पुलिस कर्मियों एवं उनके परिजनों को पुलिस कैफे में अच्छा खाना मिलता रहा। इसके बाद एसएसपी ने पुलिस लाइन में ही पुलिसकर्मियों एंव उनके परिवार के लिए पुलिस लाइन में आधुनिक व्यवस्था करने का प्लान कर लिया।

खुद फिटनेस के शौकीन अभिषेक यादव ने पुलिस को फिट रखने के लिए पुराने जिम को ही बहुत कम खर्च में एक अत्याधुनिक जिम के रूप में परिवर्तित कर पुलिसकर्मियों एवं उनके बच्चों को स्वस्थ रहने का एक गिफ्ट दिया। इसके साथ ही कोविड काल में पुलिस लाइन में सैनिटाइजर टनल लगाकर पुलिसकर्मी और उनके परिवार की सुरक्षा का ऐसा घेरा बनाया कि मुजफ्फरनगर पुलिस लाइन में कोरोना संक्रमण अपनी दस्तक नहीं दे पाया।


पुलिस लाइन को स्मार्ट सिटी बनाने में की मुहिम में एसएसपी अभिषेक यहीं तक नहीं रुके। उन्होंने पुलिसकर्मियों के बैरक का निरीक्षण किया तो पाया वहां की व्यवस्थाएं बदहाल है। पुलिस के अभिभावक के रूप में अभिषेक यादव ने उन बैरकों को शानदार बैंक में तब्दील करने का निर्णय लिया और उन्होंने वह कर भी दिखाया। पुलिस लाइन के साथ-साथ उन्होंने महिला तथा कई अन्य थानों एंव पुलिस चौकियों में शानदार पुलिस बैरक बनवाएं। दरअसल वो चाहते हैं कि मुजफ्फरनगर की रिजर्व पुलिस लाइन में रहने वाले पुलिसकर्मी एवं उनके परिजनों के लिए वह पुलिस लाइन में वह आधुनिक व्यवस्थाएं उपलब्ध कराएं, जिससे पुलिस कर्मियों का परिवार पुलिस लाइन में ही उन सुविधाओं का लाभ ले सके। जो बड़ी बड़ी सोसायटी में रहने वाले प्राइवेट लोगो को महंगे दामो में मकान खरीदने पर मिलती है।


इसी कड़ी में खुद किताबों के शौकीन एसएसपी ने पुलिस लाइन में एक खाली पड़ी जगह में पुलिस लाइब्रेरी बनाने की सोची। मुजफ्फरनगर जैसे संवेदनशील जिले लाइब्रेरी की तैयारी के लिए समय निकालना एसएसपी अभिषेक यादव के लिए मुश्किल था, तब उन्होंने कई ऐसे पुलिसकर्मियों से बात की जो खुद किताब पढ़ने के शौकीन है और लाइब्रेरी में काम करने की इच्छा रखते हो। इसी मुहिम में उन्हें कांस्टेबल अभिषेक त्यागी मिले जो खुद भी सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहै है तथा किताबों का उनको बहुत ज्ञान है। एसएसपी ने पुलिस लाइब्रेरी में किताबें लाने के लिए अभिषेक त्यागी को नियुक्त किया और उन्हीं की जिम्मेदारी में पुलिस लाइन में एक शानदार पुलिस लाइब्रेरी की शुरुआत की। अभिषेक यादव कहते हैं कि पुलिसकर्मी और उनके बच्चे भी कई कंपटीशन की तैयारी करते हैं उनको तैयारी के लिए किताबों की तलाश में पुलिस लाइन से बाहर अलग अलग जगहों पर जाना पड़ता था। उनकी यही दिक्कतों को देखते हुए पुलिस लाइन में लाइब्रेरी बनाई गई है। अब इनको अपनी मनपसन्द किताबें पढ़ने, महापुरुषों के बारे में जानने था कुछ ज्ञानवर्धक किताबें पढ़ने के साथ-साथ अन्य कंपीटिशन की बुकें भी उपलब्ध होंगी। जिससे पुलिसकर्मी एवं उनके परिवार वाले इसका लाभ ले सकेंगे। पुलिस लाइब्रेरी बनने के बाद पुलिस लाइन में रहने पुलिसकर्मी एवं उनके परिजनों में एक रोमांच बना हुआ है कि अब उनको एक ही जगह पर सब सुविधाएं मिलने लगी है।


एसएसपी अभिषेक यादव का रिजर्व पुलिस लाइन को स्मार्ट सिटी में तब्दील करने का एक और प्लान था। दरअसल पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी पर रहता है तो उसके बच्चे पार्क वगैरह में जाते थे तो मुजफ्फरनगर शहर में कंपनी बाग ही एक पार्क है जिसकी दूरी पुलिस लाइन से लगभग 3 किलोमीटर है। ऐसे में पुलिसकर्मी के बच्चे पार्क में कैसे जाएं। उनकी इसी दुविधा को दूर करने में अभिषेक यादव फिर सामने आए और उन्होंने पुलिस लाइन में एक शानदार पार्क बना दिया है।

एसएसपी कहते हैं " प्राइवेट सेक्टर की नौकरी वाले सभी कर्मचारियों को बड़ी बड़ी कंपनी अच्छी सुविधाएं देती हैं। पुलिसकर्मी लगातार ड्यूटी करता है तो मेरा मकसद है कि उसके और उसके परिवार को मैं पुलिस लाइन में ही सारी सुविधाएं उपलब्ध कराऊँ ताकि अपने परिवार से की चिंता से निश्चित होकर वह अपनी ड्यूटी को अंजाम देता रहे। एसएसपी कहते हैं " मेरी इच्छा है कि मैं मुजफ्फरनगर की रिजर्व पुलिस लाइन को अपने कार्यकाल में स्मार्ट सिटी के रूप में तब्दील कर दूं।

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