खुलासे की आखिरी किरण जिंदगी के लिए कर रही मौत से संघर्ष

कानपुर। उन्नाव के असोहा थाना क्षेत्र में तीन बच्चियों के साथ हुई घटना में जीवित बची आखिरी किशोरी जिंदगी पाने के लिए अभी तकमौत से संघर्ष कर रही है। बालिका का इलाज चिकित्सकों का 6 सदस्य पैनल कर रहा है। बालिका को अभी भी एनआईसीयू वार्ड के वेंटिलेटर पर रखा गया है।
बृहस्पतिवार को रीजेंसी अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी परमजीत अरोड़ा ने पत्रकारों को बताया कि इलाज के लिए लाई गई किशोरी के शरीर पर अभी तक चोटों के कोई निशान नहीं मिले हैं। बालिका का इलाज कर रहे डॉक्टर अभी तक इस बात का पता नहीं लगा सके हैं कि किस प्रकार के जहरीला पदार्थ का बालिकाओं को सेवन कराया गया है या घटना का शिकार हुई बालिकाएं किसी और मामले का निशाना बनी है।
वर्तमान में एकमात्र जीवित बची किशोरी को एनआईसीयू वार्ड के वेंटिलेटर पर रखा गया है और उसकी हालत अभी तक यथास्थिति में बनी हुई है। उन्होंने बताया कि बालिका का ईलाज डॉक्टर रश्मि कपूर के साथ चिकित्सकों की 6 सदस्य टीम गहनता के साथ कर रही है। इसके साथ ही पीआईसीयू व एनआईसीयू की टीमें भी जीवित बची किशोरी के इलाज में लगी हुई है। कुछ समय बीतने के बाद बालिका के हालत में सुधार आने की संभावना है। उन्होंने बालिका की नब्ज की गति रुकने की बात से इंकार किया और किशोरी की दशा में जल्द सुधार होने का भरोसा जताया है। उधर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद उन्नाव में हुई घटना को अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए प्रदेश के डीजीपी को उन्नाव प्रकरण की पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिए हैं।
उन्होंने कहा है कि अस्पताल में भर्ती पीड़िता किशोरी का सरकारी व्यय पर बेहतर से बेहतर एवं निशुल्क इलाज सुनिश्चित किया जा रहा है।