सुप्रीम कोर्ट के गेट पर आत्मदाह का मामला-थाना प्रभारी समेत दारोगा पर गाज

सुप्रीम कोर्ट के गेट पर आत्मदाह का मामला-थाना प्रभारी समेत दारोगा पर गाज

वाराणसी। बहुजन समाज पार्टी के सांसद अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने वाली युवती और इस घटना के चश्मदीद गवाह द्वारा राजधानी दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के गेट के सामने आत्मदाह का प्रयास किए जाने के बाद पुलिस महकमे में मचे हड़कंप के बीच विवेचना में लापरवाही बरतने के आरोप में कैंट इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह और दारोगा गिरजा शंकर यादव को निलंबित कर दिया गया है।

मंगलवार को बसपा सांसद अतुल राय के खिलाफ वाराणसी के कैंट थाने में दर्ज मुकदमे की विवेचना में लापरवाही बरतने के आरोप में केंट इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह और दारोगा गिरिजा शंकर यादव को एसएसपी द्वारा निलंबित कर दिया गया है। इंस्पेक्टर वेद प्रकाश राय को कैंट थाने का नया प्रभारी बनाया गया है। मुकदमे की विवेचना में लापरवाही के मामले की जांच की जिम्मेदारी सहायक पुलिस आयुक्त कैंट रत्नेश्वर सिंह को सौंपी गई है। इस मामले में वाराणसी के पूर्व एसएसपी और वर्तमान में एसएसपी गाजियाबाद के पद पर तैनात रहे आईपीएस अमित पाठक को पुलिस मुख्यालय लखनऊ से संबद्ध कर दिया गया है। गौरतलब है कि अतुल राय उत्तर प्रदेश की घोसी लोकसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी के सांसद हैं। वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान मूल रूप से बलिया जनपद की रहने वाली और वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज की पूर्व छात्रा ने सोशल मीडिया के जरिए एक वीडियो जारी कर बसपा सांसद अतुल राय के खिलाफ बलात्कार किए जाने का आरोप लगाया था। उस समय राजनीतिक पारा अपने चरम पर था इसलिए इस मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था। इसके बाद वर्ष 2019 की 1 मई को लंका थाने में बसपा सांसद अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म समेत कई अन्य आरोपों में पीड़िता की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद सांसद अतुल राय काफी दिनों तक इधर-उधर छुपते हुए फिरते रहे और चुनाव प्रचार तक भी नहीं कर पाए थे। चुनाव जीतने के बाद 22 जून 2019 को बसपा सांसद ने सरेंडर कर दिया। इसके बाद से अतुल राय जेल में हैं।

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