सपा विधायक आजम खान को 3 साल की सजा - जा सकती है विधायकी?

सपा विधायक आजम खान को 3 साल की सजा - जा सकती है विधायकी?

रामपुर। भड़काऊ भाषण मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं रामपुर से विधायक आजम खान को अदालत ने 3 साल की सजा सुना दी है। गौरतलब है कि अदालत ने तीन धाराओं में 3 साल की सजा और 25 हजार का जुर्माना लगाया है। इसके बाद स्थानीय अदालत ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया। अब रिलीफ के लिए आजम खां ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

भड़काऊ भाषण मामले में बीजेपी नेता आकाश सक्सेना की शिकायत पर रामपुर की मिल्क कोतवाली में 7 अप्रैल 2019 में आजम खान के खिलाफ 153 (A) 505 (1) मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें आजम खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रामपुर की तत्कालीन डीएम के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए थे।

जिसमें जांच के बाद रामपुर पुलिस ने अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। जिस पर स्थानीय अदालत में सुनवाई चल रही थी। इसी बीच आज रामपुर की निचली अदालत ने समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान को भड़काऊ भाषण मामले में आज दोषी करार दिया। स्थानीय अदालत ने सपा विधायक आजम खान को 3 साल की सजा सुनाने के साथ 25000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। 3 साल की सजा होने के बाद आजम खान की विधानसभा की सदस्यता जाने के आसार बन गए हैं। हालांकि अगर आजम खान ऊपरी कोर्ट में जाते हैं और वहां से उनको रिली मिलता है तो उनकी विधानसभा की सदस्यता कच्ची रह सकती है।



अदालत से बाहर आने के बाद समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान ने कहा कि यह अधिकतम सजा है। जमानत कराना जरूरी है इसलिए जमानत पर हूं। आज मैं इंसाफ का कायल हो गया हूं, यह पहला स्टेप है ओर अभी कानूनी रास्ते खुले हैं। इसके बाद आजम खान कुछ नहीं बोले और अदालत परिसर से चले गए। कानूनी जानकारों का कहना है कि अगर 2 साल से एक दिन अधिक भी की सजा होती है तो उसमें सदन की सदस्यता जाने का प्रावधान है। बताया जा रहा है कि आजम खान इस मामले के खिलाफ 7 दिन के भीतर अपील कर सकते हैं।

आजम खान की सदस्यता पर खतरा आजम खान को देना पड़ेगा विधानसभा से इस्तीफा मडगांव भाषण में निचली अदालत ने दिया फैसला 2 साल से अधिक मामले में चली जाती है सदस्यता 2019 का लोकसभा चुनाव चल रहा था उचित स्पीच में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी मुख्यमंत्री योगी और तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए थे 153a 505 वन इन धाराओं में अधिकतम 3 साल की सजा का प्रावधान है।

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