धुन के पक्के अफसर- जाम के जंजाल से मुक्ति दिलाकर बढ़ाई मुजफ्फरनगर की चमक

धुन के पक्के अफसर- जाम के जंजाल से मुक्ति दिलाकर बढ़ाई मुजफ्फरनगर की चमक

मुजफ्फरनगर। जनपद के साथ शहर की यातायात व्यवस्था जाम के जंजाल में फंसी हुई थी। इतनी बुरी तरह यातायात व्यवस्था इतनी उलझी हुई थी कि हर व्यक्ति इसको सुधारना अफसरों के लिये टेढ़ी खीर मान रहा था। पुलिस अधीक्षक यातायात का पद वर्षों रिक्त था, शासन द्वारा तबादला कर मुजफ्फरनगर भेजे गये पीपीएस अधिकारी ने एसपी यातायात की कमान संभाली। कहावत है कि जब मंजिल की ओर बढ़े तो आगे का रास्ता खुद ही दिखाई देने लगता है। चुनावी दौर गुजरते ही अफसर की निगाहें यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिये घूमने लगी। छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी समस्या को पहचाना, जो जाम के जंजाल में सहायक बनी हुई थी।

अफसरों ने उस जंजाल को काटने के लिये उसके ऊपर धीरे-धीरे वर्क करना स्टार्ट किया और फिर जाम के जंजाल से जनता को मुक्ति दिलाने के लिये उस जाल को धीरे-धीरे काटते गये, जिससे आगे का रास्ता दिखाई देता रहा और देखते ही देखते जनपद पुलिस के दो अफसरों ने मुजफ्फरनगर की जनता को जाम से मुक्ति दिला दी, जिसकी वजह से आज पब्लिक को ना ही गर्मी में सूरज के नीचे तपना पड़ रहा है और ना ही अपनी मंजिल पर पहुंचने के लिये अधिक समय लग रहा है।


जाम से मुक्ति दिलाने के लिये बनाये गये नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस द्वारा कार्रवाई भी की गई, जिससे लोगों में खलबली मची रही। पुलिस की कार्रवाई से उल्लघंन करने वालों के मांइड में इस बात का डर पैदा होता रहा कि अगर उल्लघंन करोगे तो तुंरत पुलिस की टीम आकर अपनी कार्रवाई शुरू कर देगी। दोनों पुलिस अफसरों की मुजफ्फरनगर की जनता तो प्रशंसा कर ही रही है, वहीं अब मुजफ्फरनगर के भीतर से होकर जो मुसाफिर गुजरता है तो वह भी चौडी-चौडी सड़कें, खुला हुआ रास्ता देखकर चौंक जाता है कि जहां हर वक्त जाम में मिलता था, वहां आज सबकुछ यातायात के नियमों के मुताबिक कैसे चल रहा है। जिलेभर के यातायात को निमयों के ढर्रे पर लाने वाले ये दो काबिल अफसर हैं एसएसपी अभिषेक यादव और पुलिस अधीक्षक यातायात कुलदीप सिंह। दोनों अफसरों की विशिष्ट कार्यशैली पर पेश है खोजी न्यूज की स्पेशल रिपोर्ट...


गौरतलब है कि जिला मुख्यालय पर शहर तथा जिले के अन्य कस्बों के मुख्य बाजारों व प्रमुख चौराहों पर हर वक्त जाम का आलम रहता था। सर्दी में लोगों को जाम केवल जाम की समस्या का सामना करना पडता था। लेकिन गर्मियों में उन पर दोहरी मार पड़ती थी क्योंकि गर्मी की चिलचिलाती धूप के नीचे जाम में फंसकर उनसे खड़ा नहीं हुआ जाता था। गर्मी में आग उगल रहे सूरज के नीचे जाम में फंसे लोग काफी परेशान नजर आते थे वह सोचते थे कि किसी तरह से इस जाम से निकला जाये। शहर में फिलहाल जाम का आलम इस मुकाम तक पहुंच गया था कि कभी-कभी एम्बुलेंस को भी रास्ता नहीं दिया जाता था।

ज्ञात हो कि एम्बुलेंस को रास्ता देना अनिवार्य होता है क्योंकि उसमें शख्स अपनी मौत और जिदंगी की जंग लड़ रहा होता था। उसे बचाने के लिये एम्बुलेंस चालक गाड़ी की रफ्तार तेज रखता है, जिससे की उसे वक्त पर हॉस्पिटल पहुंचाकर व्यक्ति को समय पर उपचार मिले सके और उसकी जान बच सके। लेकिन शहर में जाम इस कदर विकराल रहता था कि काफी समय तक एम्बुलेंस का सायरन बजता रहता था लेकिन कोई रास्ता देने के लिये तैयार नहीं होता। काफी मशक्कत करने के बाद एम्बुलेंस बाहर निकलती थी।


बता दें कि जाम लगने की वजह थी कि शहर की अधिकतर सड़कें और चौराहें अतिक्रमण की चपेट में थी। मुख्य बाजारों व मुख्य चौराहों से दोपहियों का भी निकलना दुष्वार हो जाता था। मुजफ्फरनगर शहर के मीनाक्षी चौक, शिव चौक, हनुमान चौक, भगत सिंह रोड़, दाल मंडी, लोहिया बाजार, नावल्टी चौराहा, अस्पताल चौराहा, कोर्ट रोड़, मालवीय चौक जैसे स्थानों पर जाम की समस्या रहती थी।

यूं तो बहुत सारे एसपी ट्रैफिक जनपद मुजफ्फरनगर में तैनात होकर अपना फॉर्मूले का इस्तेमाल कर चले गये लेकिन जाम के झाम्ब से जिले को तो क्या सिर्फ शहर को ही नही संभालकर कोई मुक्ति नहीं दिला पाया था। एसपी यातायात का पद खाली रहने के सालों बाद 1999 बैच के पीपीएस अधिकारी को शासन ने 27 अक्टूबर 2021 को प्रयागराज से तबादला कर मुजफ्फरनगर एसपी यातायात के पद पर भेजा। पीपीएस अधिकारी कुलदीप सिंह का जब मुजफ्फरनगर तबादला किया गया तो उस दौरान विधानसभा चुनाव सिर पर थे, जिसकी वजह से अन्य कार्यों में पीपीएस अधिकारी व्यस्त थे। चुनाव का परिणाम आने के बाद एसपी यातायात ने ठाना, मुजफ्फरनगर को जाम से मुक्त बनाना।


चुनाव की व्यस्तता से छुटकारा पाने के बाद पीपीएस अधिकारी ने पत्रकारों के साथ बैठक की और उनसे जिले की जनता को जाम से निजात दिलाने के लिये सभी की राय मांगी। मंथन करने के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि जल्द से जल्द जाम की समस्या से जनता को छुटकारा मिल जायेगा। इसके बाद पीपीएस अधिकारी ने होमवर्क करते हुए यह ठाना कि जल्द से जल्द यातायात व्यवस्था को ऐसी बनाना है कि लोगों का जाम की समस्या से ना जूझना ना पडे। पीपीएस अधिकारी द्वारा भीड़-भाड वाले स्थानों पर जाम से निजात दिलाने के लिये रूट बोर्ड टंगवा दिये कि यहां से 9 बजे के बाद व्यावसायिक वाहन, रिक्शा, सहित बड़े वाहनों की नो एंट्री कर दी थी और कुछ मुख्य भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में रिक्शा को प्रतिबंधित कर दिया था। शहर की यातायात व्यवस्था को पुख्ता करने के लिये एसपी यातायात ने शहर के विभिन्न चौराहों पर बैरिकेडिंग कराई, जिससे जाम ना लगे। जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिये रूट भी डायवर्ट कराया गया।

एसपी ट्रैफिक कुलदीप सिंह ने ठान लिया था कि चाहे उनके कितनी ही मशक्कत क्यों नहीं करनी पड़े, वह जनता को जाम से निजात दिलाकर ही रहेंगे। एसपी यातायात कुलदीप सिंह के निर्णयों पर कई बार व्यापारियों नेताओं ने अडंगा लगाया लेकिन एसपी यातायात ने तो ठान लिया था कि लोगों को जाम से मुक्ति दिलानी है। एसपी यातायात और व्यापारियों के बीच हुई गहमागहमी के बाद एसपी यातायात कुलदीप सिंह ने कहा कि व्यवस्था बनाने के लिये सभी का तालमेल बिठाना आवश्यक है। तभी जाम की समस्या से मुक्ति मिल पायेगी। उन्होंने कहा कि सभी की सुविधाओं के अनुरूप कार्य योजना बनाई जायेगी तो यातायात व्यवस्था को सुचारू तौर पर बहाल नहीं कर पायेंगे इसलिये सभी को पुलिस का सहयोग करने की आवश्यकता है।


एसपी यातायात कुलदीप सिंह ने नगर को जाम के झाम से निजात दिलाने के लिए प्रशासन के द्वारा ई-रिक्शाओं का मुख्य बाजारों एवं मार्किट में आने जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। व्यापारियों का कहना था कि ई-रिक्शाओं पर प्रतिबंध लगाये जाने के बाद बाजारों से खरीददार भारी मात्रा में नहीं आ पा रहे। व्यापारियों की समस्याओं को समझते हुए एसपी यातायात कुलदीप सिंह व्यापारियों के आग्रह पर प्रतिबंधित क्षेत्रों में 30 ई-रिक्शाओं पर सीरियल नम्बर ड़ालकर, मानकों को पूरा करके यातायात नियमों का पालन करते हुए ई-रिक्शाओं चलाने की अनुमति दी।

एसपी यातायात कुलदीप सिंह ने योगी सरकार पार्ट-2 की शपथ लेने से पहले ही पत्रकारों के साथ वार्ता कर प्रयागराज की तर्ज पर शहर की हालत सुधारने का मैसेज दे दिया था। जाम से मुक्ति दिलाने के लिये अतिक्रमण भी एक चुनौती थी। इस अतिक्रमण को हटवाने के लिये उधर सीएम शपथ ग्रहण कर रहे थे और इधर मुजफ्फरनगर में डीएम-एसएसपी का अतिक्रमण पर बुलडोजर चल रहा था। डीएम चन्द्र भूषण सिंह और एसएसपी अभिषेक यादव के निर्देशन में जनपद का पुलिस-प्रशासन अतिक्रमण हटवाने में जुट गया था, जिसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अतिक्रतण हटवाने के बाद जनपद के पुलिस-प्रशासन ने राहत की सांस ली। प्रशासन ने अल्टीमेटम दे दिया था कि अगर कोई दोबारा अतिक्रमण करेगा तो उसके विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी।


सीएम योगी आदित्यनाथ का मई माह के तीसरे सप्ताह में जैसे ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये आदेश आया। वैसे ही पुलिस कप्तान अभिषेक यादव पुलिस बल के साथ फील्ड में निकल गये और अतिक्रमण करने वालों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि या तो सभी अतिक्रमण खुद हटा लें वरना फिर पुलिस अपनी कार्रवाई करेगी। इसके बाद एसएसपी ने वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि लोगों कि सभी रोड के किनारों पर एक सफेद पट्टी पेंट कर दी गई है। वह सफेद पट्टी इस बात का सूचक है कि आप अपनी मोटरसाइकिल या गाड़ी रोड पर खड़ी करके कोई भी खरीदारी करने नहीं जाएंगे। अगर कोई इस नियम का उल्लघंन करता है तो उसके विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी।

एसपी यातायात कुलदीप सिंह लगातार शहर की यातायात व्यवस्था को जानने के लिये निकलते रहे और जानते रहे कि कहां कमी है। उस कमी को दूर करते रहे। पुलिस अधीक्षक यातायात कुलदीप सिंह ने अपने पुलिस कप्तान अभिषेक यादव के साथ कदमताल चलते हुए शहर की यातायात व्यवस्था को सुधार दिया, जिससे अब लोगों को जाम से मुक्ति मिल गई है। पुलिस कप्तान अभिषेक यादव और पुलिस अधीक्षक यातायात कुलदीप सिंह की जनता प्रशंसा कर रही है कि जो काम कोई अफसर वर्षों से आकर नहीं कर पा रहे थे, वो दो पुलिस अफसरों ने अपनी सूझबूझ से कर दिखाया है।


अब किसी भी मार्ग से किसी व्यक्ति को जाना होता है तो वह अब आसानी से पहुंच जाता है। अब मुजफ्फरनगर की जनता जाम की समस्या को लगभग भूल चुकी है। पहले पब्लिक आग उगलते सूरज के नीचे जाम में फंसकर काफी देर तक खड़ी रहती थी। यातायात व्यवस्था सुधरने से पहले अगर मीनाक्षी चौक से अस्पताल चौराहा पार करना होता था तो चौगुना समय लग जाता था। जाम से मुक्ति दिलाकर इन दो पुलिस अफसरों ने पब्लिक की राहें आसान कर दी है।



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