ऑनलाइन ड्रग्स कारोबार पर SP का प्रहार-अरेस्ट किये तस्करों के जुडे मिले.

ऑनलाइन ड्रग्स कारोबार पर SP का प्रहार-अरेस्ट किये तस्करों के जुडे मिले.

गोंडा। पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर की ओर से साइबर क्राइम के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में पुलिस द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय ऑनलाइन ड्रग कारोबार का खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के हत्थे चढ़े तीनों हाईप्रोफाईल ड्रग्स तस्कर मोबाइल एवं लैपटॉप के माध्यम से यूएसए और यूके आदि देशों में ड्रग्स का कारोबार कर रहे थे। पुलिस को इनके कब्जे से नशीली दवाइयों की गोलियां तथा लैपटॉप एवं मोबाइल फोन आदि भी बरामद किए गए हैं।

रविवार को जिला मुख्यालय पर आयोजित की गई प्रेसवार्ता में मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हूुए पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने जनपद में लैपटॉप एवं मोबाइल के माध्यम से अंजाम दिए जा रहे ऑनलाइन ड्रग्स कारोबार का भंडाफोड़ किया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया है कि मादक पदार्थों के खिलाफ चलाए जा रहे राज्यव्यापी अभियान के अंतर्गत उन्होंने जनपद के सभी सीओ, थाना प्रभारियों एवं साइबर तथा सर्विलांस सेल को अपर पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में अभियान चलाकर मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए थे।


पुलिस अधीक्षक ने बताया है कि प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर राकेश कुमार सिंह एवं साईबर व सर्विलांस सेल निरीक्षक संतोष कुमार सिंह को नशीली गोलियों के अंतर्राष्ट्रीय साइबर अपराधियों के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई। सूचना प्राप्त होते ही दोनों इंस्पेक्टरों ने संयुक्त रूप गठित की गई टीम के साथ लखनऊ रोड स्थित महिंद्रा ट्रैक्टर एजेंसी के पास हुंडई वर्ना कार में सवार होकर जा रहे अब्दुल हादी, अब्दुल बारी तथा विशाल श्रीवास्तव को जांच पड़ताल के लिए रोका। तलाशी लिए जाने पर तीनों के कब्जे से 540 प्रतिबंधित नशीली दवा, एक लैपटॉप, 4 एंड्राइड फोन, एक हार्ड डिस्क, चार एटीएम कार्ड, एक पैन कार्ड, एक आधार कार्ड, एक ड्राइविंग लाइसेंस, दो मेडिकल विजिटिंग कार्ड, दो वोटर आईडी कार्ड, चमड़े का पर्स तथा 3800 रूपये की नगद राशि के अलावा हुंडई कार बरामद हुई। गिरफ्तारी के बाद की गई पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि अब्दुल हादी द्वारा अमेरिका व यूरोपीय देशों में प्रतिबंधित नशीली दवाओं की बिक्री हेतु स्काईपे एप पर अपना अकाउण्ट बनाकर ड्रग्स बायर और पिल्स प्रोवाइडर से सम्पर्क कर यह ऑनलाइन साइबर क्राइम प्रारम्भ किया गया था।

अभियुक्तगण द्वारा 3 वर्ष में ही लगभग 5 करोड़ रूपये की प्रतिबंधित नशीली दवाओं की बिक्री आनलाइन तरीके से की गई और करीब 2 करोड़ रूपये का लाभ प्राप्त किया गया। अभियुक्तगण द्वारा विभिन्न ऐप्स से वर्चुअल नम्बर क्रिएट कर अपनी मूल पहचान को छिपाते हुए उन वर्चुअल नम्बरों से व्हाट्सएप एकाउंट बनाकर व्हाइट पेज वेबसाइट से विदेशी कस्टमर्स का डेटा प्राप्त करते थे।

प्राप्त डेटा के माध्यम से कस्टमर्स व प्रोवाइडर से चैट अथवा बात कर मांग के अनुसार लोकल वेण्डर्स से कस्टमर को प्रतिबंधित नशीली गोलियों की सप्लाई वहाँ के स्थानीय वेण्डर्स से कराते थे। इस तरह से उपरोक्त अभियुक्तगण द्वारा पिछले डेढ़ वर्षों में ऐसे विदेशी नागरिकों व लोकल वेण्डर्स जिनका प्रतिबंधित नशीली दवाओं का स्टाक अमेरिका में उपलब्ध था, उनका डाटाबेस तैयार कर लिया गया था और वे अभियुक्तगण के नियमित ग्राहक व विक्रेता बन गये थे। जिससे प्रतिबंधित नशीली दवाओं का ऑनलाइन व्यापार व्यापक रूप से चल रहा था । विदेशी कस्टमर्स द्वारा अभियुक्तगणों को पेपाल, मनिग्र्राम, वेस्ट्रन यूनियन एवं क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन भारत में स्थित अभियुक्तगण के खातों में करते थे । गिरफ्तार अभियुक्तगण को न्यायालय में पेश करने के बाद जेलयात्रा पर रवाना किया गया ।

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