भीख मांगना छोड़कर, आओ बेहतर भविष्य की ओर चलें

भीख मांगना छोड़कर, आओ बेहतर भविष्य की ओर चलें

गौतमबुद्धनगर। प्रदेश सरकार द्वारा भिक्षावृत्ति उन्मूलन के लिए चलाये जा रहे अभियान के तहत मलिन बस्तियों का चयन किया गया हैं। उक्त बस्तियों में टीम जाकर लोगों को जागरूक कर रही है कि वे बच्चों को भीख मांगने के लिए विवश न करें, वरन उन्हें शिक्षा की ओर लेकर चलें, जिससे उनका भविष्य बेहतर बन सके।


वुमेन सेफ्टी की डीसीपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि पूरे प्रदेश में बाल भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में डिस्ट्रिक्ट चाईल्ड लाईन व अन्य एनजीओ का सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत उन बड़ी बस्तियों को चिह्नित किया जा रहा है, जहां के बच्चे बड़ी संख्या में भीख मांगते हैं। पहले फेस में वहां जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वे बच्चों को भीख मांगने के लिए विवश न करें और उन्हें शिक्षा की ओर ले जाएं। डीसीपी ने बताया कि इस दौरान मलिन बस्तियों के लोगों से पता चल रहा है कि कोविड महामारी के बाद से सभी स्कूल बंद हैं और बच्चे स्कूल नहीं जा पाये हैं। साथ ही कुछ बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक शिक्षा के मंदिर का मुख तक नहीं देखा है। इसके समाधान के लिए लोकल एनजीओ और कंपनियों के सहयोग से अध्यापक की व्यवस्था की जा रही है, जिससे कि बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके और वे अपराध की ओर न जाएं, वरन शिक्षा प्राप्त कर अपने भविष्य को उज्जवल बना सकें।


इसी कड़ी में आज गौतमबुद्धनगर के सैक्टर 63 में बाल भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया। डीसीपी ने बताया कि सरकार का यही प्रयास है कि बाल भिक्षावृत्ति पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लग सके और बच्चों को बेहतर भविष्य मिल सके। इसी क्रम में प्रयास किये जा रहे हैं।

रिपोर्टः प्रवीण गर्ग

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