IAS पिता को देख बेटा बना IPS- पुलिस का कर रहा है इकबाल बुलंद

IAS पिता को देख बेटा बना IPS- पुलिस का कर रहा है इकबाल बुलंद

बुलंदशहर। जब बच्चे छोटे होते हैं उनमें से कुछ बच्चे बोलते हैं कि बड़ा होकर पापा की तरह बनूंगा या किसी अफसर की तरह बनूंगा। एक आईपीएस अफसर भी अपने पापा को देखकर सर्विस में जाकर जनसेवा करना चाहते थे। धीरे-धीरे जैसे बच्चे बड़े होते हैं तो कुछ बच्चों के तो सपने चेंज हो जाते हैं जबकि कुछ बच्चों के सपने ज्यों के त्यों रहते हैं। पापा की तरह बनने का सपना और जुनून लिये एक बच्चे ने स्कूली और कॉलेज की शिक्षा पूरी करने के बाद सिविल सर्विस की परीक्षा पासआउट कर अपने सपने को हकीकत में तब्दील किया। पढ़ाई के बाद मिली नौकरी के पश्चात युवक ने जब प्रिलिम्स की परीक्षा दी तो असफल होने की वजह से मायूस हुए थे लेकिन दोस्तों ने उनका हौसला बढ़ाने का काम किया था। साथ बैठे मौजूदा आईपीएस अफसर सहित दोस्तों को पिता द्वारा सलाह दी गई कि सिविल सर्विस में जाकर जनसेवा करने से अच्छा कोई और माध्यम नहीं है।

नौकरी मिलने के बाद बचे हुए वक्त को जहां लोग बेफिजूल बर्बाद करते हैं। उस वक्त में यह युवक सिविल सर्विस में जाने के लिये कड़ा परिश्रम करते थे। युवक द्वारा बचे हुए समय में की गई मेहनत रंग ले आई और वह साल 2014 बैच के आईपीएस अफसर बन गये। आज युवा आईपीएस अफसर जनपद बुलंदशहर में एसएसपी के पद पर तैनात हैं। आईपीएस अफसर ने जब 12 घंटे में एक बालक को बरामद कर पूछा कि क्या बनोंगे तो बालक का उत्तर आया, आपकी तरह आईपीएस अफसर बनकर अपराधियों को कारागार भेजूंगा। जो युवा आईपीएस अफसर अपने पिता की तरह जनसेवा करना चाहता था, आज उस जैसा अफसर एक बालक बनना चाहता है।


आईपीएस अफसर पब्लिक के साथ कुशल व्यवहार रखते हैं और अपने अधीनस्थों को भी यह हुक्म देते हैं। थाने या दफ्तर आने वाले लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करते हुए उनका सम्मान किया जाये। आईपीएस अफसर ने शामली में अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर रहते हुए इंसाफ की उम्मीद से आने वाले लोगों के साथ कुशल व्यवहार करने के साथ उनकी समस्या का जल्द समाधान कराया। आईपीएस अफसर ने गाजियाबाद में एसपी सिटी के रूप में लोगों के गुम या चोरी हुए मोबाइल वापस कराये और दो करोड़ की डकैती का खुलासा करने के अलावा बड़े गुडवर्क किये हैं। इसके बाद आईपीएस अफसर ने हमीरपुर और रायबरेली में भी पुलिस कप्तान के रूप में 'गुड़ पुलिसिंग कर दिखाई है। अब आईपीएस जनपद बुलंदशहर में एसएसपी के तौर पर पुलिस का इकबाल बुलंद करने में जुटे हुए हैं। साल 2014 बैच के आईपीएस अफसर व एसएसपी बुलंदशहर श्लोक कुमार पर पेश है खोजी न्यूज की स्पेशल स्टोरी...


श्लोक कुमार का जन्म 9 अगस्त 1988 को बिहार की राजधानी पटना में बिहार कैडर के आईएएस अफसर सुधीर कुमार राकेश के घर में हुआ था। उनकी माता हाउस वाइफ है। श्लोक कुमार ने बीआईटी से इंजीनियरिंग में दाखिला लिया, जहां से बीटेक पूरी होने के बाद इंडियन ऑयल कॉपरपोरेशन में श्लोक कुमार का वर्ष 2010 में सिलेक्शन हो गया था। श्लोक कुमार पहले जीआरआई की परीक्षा देकर विदेश जाना चाहते थे। सिविल सर्विस की तैयारी करने की वजह से श्लोक कुमार ने इंडियन ऑयल कॉपरपोरेशन ज्वाइन कर लिया था। बीच में श्लोक कुमार ने दो बार परीक्षा दी लेकिन वह पास नहीं कर सके। इस दौरान श्लोक कुमार को ओवर कॉन्फिडेंस हो गया था कि जब जीआरआई की परीक्षा पासआउट कर दी तो प्रिलिम्स क्या चीज है। प्रिलिम्स की परीक्षा में सफल ना होने की वजह से उनके जहन में आया कि अब सिविल सर्विस की तैयारी छोड़ दी जाये लेकिन उनके दोस्तों ने उनका हौसला बढ़ाते हुए कहा कि तैयारी करो निकल जायेगा।


इंडियन ऑयल कॉपरपोरेशन में श्लोक कुमार का 6 दोस्तों का समूह था। एक बार उनके सभी दोस्त उनके घर पर आये। श्लोक कुमार के पिता आईएएस अफसर सुधीर कुमार ने कहा था कि इससे अच्छी सेवा और नौकरी करने का अवसर नहीं मिल सकता। उनके आईएएस पिता को देखकर श्लोक कुमार के अन्य दोस्तों ने सिविल सर्विस में जाने के लिये मन बना लिया था, जिन 6 में से 4 दोस्त सिविल सर्विस में रहकर अपनी सेवा दे रहे है। श्लोक कुमार का मानना है कि अगर आपका गु्रप अच्छा है और आप एक-दूसरे से डिस्कस के दौरान एक-दूसरे की कमियां और अच्छाईयां बताते हैं, जिससे एक अच्छा वातावरण बन जाता है और इसका परिणाम भी अच्छा ही आता है। आमतौर पर देखा जाता है कि कुछ लोग नौकरी में प्रोडक्टिविटी के वक्त कई घंटे बातचीत में बर्बाद कर देते हैं लेकिन श्लोक कुमार उस समय में सिविल सर्विस की परीक्षा की तैयारी करते थे। श्लोक कुमार शुरूआत से ही समय के पाबंद व्यक्ति हैं। वह सुबह सवेरे 7 बजे उठकर 2 घंटे अखबार पढ़ते थे, जिसके बाद वह नौकरी करने जाते थे। नौकरी से घर वापस लौटने के बाद श्लोक कुमार पढ़ाई प्रारंभ कर देते थे।


प्रत्येक रविवार पूरे दिन भूखे रहते थे और वह देर शाम के वक्त दिल्ली के बार्बेक्ध्यूनेशन रेस्त्रां में अपने दोस्तों के साथ डिनर करने के लिये जाते थे। जब तक वेटर हाथ ना जोड़ ले, तब तक खाते ही रहते थे। वर्ष 2013 में श्लोक कुमार का आईपीएस के लिये सिलेक्शन हो गया था इस दौरान उनका इंटरव्यू करीब 45 मिनट तक चला था। आईपीएस अफसर श्लोक कुमार जब प्रशिक्षण के लिये इंडियन पुलिस एकेडमी, हैदाराबाद गये थे तो उनका वजन 90 किलोग्राम था। ट्रेनिंग की शुरूआत में कड़े प्रशिक्षण के दौरान श्लोक कुमार को लगता था कि वह कहां आकर फंस गये लेकिन पूरी ट्रेनिंग में इस पल को वह सबसे अच्छा बताते हैं। हैदराबाद में प्रशिक्षण करते-करते उनका वजन 70 किलोग्राम रह गया था।

आईपीएस अफसर श्लोक कुमार जनपद आगरा में एएसपी (सीओ सदर), शामली में अपर पुलिस अधीक्षक और गाजियाबाद एसपी सिटी के बाद श्लोक कुमार को शासन ने पहले पुलिस कप्तान के रूप में जनपद हमीरपुर में तैनात किया था और यहां से उनका तबादला रायबरेली कर दिया था। रायबरेली के बाद बुलंदशहर ट्रांसफर होने के पश्चात आईपीएस अफसर श्लोक कुमार ने 29 मई 2022 को एसएसपी बुलंदशहर का चार्ज संभाला है।


नववर्ष के मौके पर दिया मोबाइल मालिकों को तोहफा

गाजियाबाद में एसपी सिटी रहते हुए आईपीएस अफसर श्लोक कुमार को चोरी या गुम हुए मोबाइल फोन की शिकायत मिलने के बाद बरामद करने की मुहिम छेड़ दी थी। आईपीएस अफसर ने डेढ़ दर्जन मोबाइल फोन को तलाश कर नववर्ष के मौके पर मालिकों को फोन वापस कर तोहफा दिया था। इसके साथ ही साथ उन्हें नये साल का शुभकामनाएं संदेश भी दिया था।

डकैती और लूट होने पर किये थे दो SHO को निलम्बित

गाजियाबाद तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण का तबादला इलाहाबाद स्थित पुलिस हेड क्वार्टर होने के बाद कार्यवाहक एसएसपी के रूप में कमान संभालते वक्त आईपीएस अफसर श्लोक कुमार ने साहिबाबाद में प्रेम श्री ज्वेलर्स के शोरूम में हुई लगभग 2 करोड़ की डकैती और गोविंदपुरम में ज्वेलर से 35 लाख की लूट की गाज गिराते हुए साहिबाबाद प्रभारी निरीक्षक दिनेश यादव व कविनगर निरीक्षक रोजंत त्यागी को निलंबित कर दिया था।


2 करोड़ की डकैती का भंडाफोड कर बरामद कराया 90 प्रतिशत माल

गाजियाबाद तत्कालीन एसपी सिटी श्लोक कुमार ने थाना साहिबाबाद इलाके में स्थित श्री प्रेम ज्वेलर्स के यहां पर पांच लोगों द्वारा डाली गई करोड़ों रूपये की डकैती का खुलासा करते हुए चार आरोपियों दबोचा था। इस डकैती में मुजफ्फरनगर में उस दौरान कार्यरत महिला एक्साइज इंस्पेक्टर के बेटे आरूष उर्फ महिलक सहित चार लोगों को अरेस्ट किया था। आरोपियों ने लूटा हुआ माल दिल्ली के एक ज्वेलर्स को बेच दिया था। पुलिस ने लूट का 9० प्रतिशत माल बरामद कर लिया था। गिरफ्तार किये गये आरुष व मनोज का आपराधिक इतिहास है। आरुष पर लूट, डकैती व चोरी के आधा दर्जन मुकदमे हैं, जबकि मनोज पर लूट, डकैती, अपहरण के आधा दर्जन मामले दर्ज हैं। गुडवर्क करने वाली पुलिस टीम को तत्कालीन एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार ने 50 हजार रूपये का इनाम दिया था।

खुद गाड़ी चलाकर मुआयना करने निकले थे आईपीएस अफसर

हाड़कंपाती सर्दी में रात के वक्त करीब दो बजे तत्कालीन एसपी सिटी श्लोक कुमार खुद गाड़ी चलाकर निकल जाते हैं और उनकी गाड़ी गाजियाबाद कौशाम्बी के नीलांबर अपार्टमेंट के गेट पर आकर रूकती है। आईपीएस अफसर श्लोक कुमार गार्ड को अपने पास बुलाकर अपना परिचय देते हुए कहते हैं कि पुलिस आपके लिये है। अगर आपके सामने कोई दिक्कत आये तो पुलिस को फोन कर देना। पुलिस के सभी नंबर तो हैं ना आपके पास। चलते वक्त आईपीएस अफसर ने जब गार्ड की जैकेट की चैन ओपन देखी तो उन्होंने कहा कि चैन बंद कर लीजिये, ठग लग जायेगी।

बिकरू कांड के 50 हजारी इनामी बदमाश को पहुंचाया यमलोक

हमीरपुर तत्कालीन एसपी श्लोक कुमार की अगुवाई में कानपुर के बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दूबे का बॉडीगार्ड कहे जाने वाले बदमाश अमर दूबे को पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। पुलिस को 50 हजारी इनामी बदमाश अमर दूबे के पास से अवैध सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल और कारतूस बरामद हुआ था।


12 घंटे के अंदर सकुलश बरामद- बालक बोला बनूंगा आईपीएस अफसर, भेजूंगा अपराधियों को जेल

बुलंदशहर एसएसपी श्लोक कुमार के निर्देशन में पुलिस ने 12 घंटे के भीतर पांच लाख की फिरौती के लिये अपह्त किये गये 6 वर्षीय शादान नामक बालक को सकुशल बरामद करते हुए चार आरोपियों को दबोचा। एसएसपी ने गुडवर्क करने वाली पुलिस टीम को 50 हजारी का इनाम देने की घोषणा की थी। आईपीएस अफसर श्लोक कुमार ने जब शादान से पूछा कि बड़े होकर क्या बनेगा तो शादा का उधर जवाब आया कि वह भी आईपीएस अफसर बनकर अपराधियों को जेल की सलाखों की हवा खिलायेगा।

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