सहारनपुर- ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के 10 सदस्य गिरफ्तार

सहारनपुर- ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के 10 सदस्य गिरफ्तार

सहारनपुर। उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के नगर कोतवाली पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के दस सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो नेपाली नागरिक शामिल हैं।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डाॅ0 एस चनप्पा ने सोमवार को यहां बताया कि पुलिस को पिछले कुछ दिनों से ऑनलाइन जुआं खेलने के मामलों की जानकारी मिली थी। जिसे गंभीरता से लेते हुए कोतवाली पुलिस ने पूरे मामले की गंभीरता से जांच पड़ताल की। पुलिस की जांच पड़ताल में ऑनलाइन गिरोह के द्वारा भोले-भाले लोगों से करोड़ो रूपयों की ठगी का मामला उजागर हुआ है। इस मामले में पुलिस ने रविवार को ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के दस सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

उन्होंने बताया कि गत 20 अगस्त को हैदराबाद की साइबर क्राइम ब्राच ने इसी तरह से चीन की वेबसाइट द्वारा कराए जा रहे 11 सौ करोड़ की ठगी का खुलासा किया। जो जुएं के द्वारा कराई जा रही थी।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरफ्तार किये गये गिरोह के सदस्यों से साढ़े चार लाख रूपए नकद बरामद किए हैं। उनके पास से एक कंप्यूटर, 24 मोबाइल, 664 सिमकार्ड,19 आधार कार्ड, 16 आधार कार्ड की छायाप्रति, एक थम्ब स्केनर, प्रिंटर, चार पेटीएम डिवाइस, 20 बार कोड, एक मोहर और तीन बैग बरामद किए हैं। उन्होंने बताया कि सहारनपुर पुलिस ने ऐसे 1400 पेटीएम खाते और उनमें जमा 50 लाख रूपए की धनराशि को फ्रीज कराया है।

उन्होंने बताया कि जो लोग गिरफ्तार किए गए हैं उनमें सहारनपुर के राधा विहार नुमाईश कैंप निवासी कपड़ा व्यापारी हरदीप सिंह और हन्नी बेदी, अमन पोपली, गौरव अमन गर्ग, तेजिंदर सिंह, अंकित त्यागी, मुमताज नेपाल निवासी भानु भक्त पोडले अर्थाखांची, पद्मराज सुबेदी शामिल है।

डाॅ0 एस चनप्पा ने बताया कि पुलिस को पूछताछ में गिरफ्तार लोगों ने बताया कि गिरोह में शामिल महिला ममुताज और दूसरे सदस्य लोगों को फर्जी स्कीम का लालच देकर उनसे आधार कार्ड, पैन कार्ड और फोटो आदि प्राप्त कर लेते थे। उन्हें इसके बदले एक हजार रूपए दे देते थे। प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर यह गिरोह मोबाइल सिम खरीद लेते थे और सिम नंबर के जरिए केवाईसी को अपडेट कर नया खाता बना लेते थे। उसके बाद ये दूसरे लोगों को फर्जी स्कीमों और सट्टे में रूपए दोगुने करने का लालच देकर ऑनलाइन ठगी करते थे। फर्जी सिम से खाता चालू करने में नेपाल निवासी मदद करते थे। इसके बदले में उन्हें 6000 रूपए व्यक्ति प्राप्त होते थे। यह गिरोह आन लाइन आईडी बनाकर पूरे देश में ठगी के काम में लगा हुआ था।

एसएसपी डाॅ0 एस चनप्पा ने बताया कि तफ्तीश में यह बात भी सामने आई है कि गिरोह आईपीएल, फुटबाल और खेल प्रतियोगिताओं में सट्टे पर आधारित योजनाओं में पैसा लगाकर उसे दोगुना कर लौटाने का लालच देते थे। पुलिस ने कई ऐसी साइटों की जानकारी प्राप्त की है जिनके जरिए ठगी की जाती थी।

उन्होंने बताया कि पुलिस इस मामले में अभी अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है। उन्हें उम्मीद है कि इस गिरोह के तार विदेशों से भी जुड़े हो सकते हैं और कई बड़े नामों का खुलासा भी हो सकता है।

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