POLICE - मुजफ्फरनगर में गुण्डों के खिलाफ अब रोज बजेगा ढोल

POLICE - मुजफ्फरनगर में गुण्डों के खिलाफ अब रोज बजेगा ढोल

मुजफ्फरनगर पंचायत चुनाव को बिना किसी विरोध और भयमुक्त वातावरण में सम्पन्न कराने के लिए मुजफ्फरनगर पुलिस ने दबंग अपराधियों का मनोबल तोड़ने और कानून व्यवस्था के साथ साथ शासन और प्रशासन के प्रति जन विश्वास कायम कराने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया है। गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत शुरू किये गये इस अभियान में गुण्डों के खिलाफ पुलिस 'ढोल-बाजा' लेकर गांव गांव पहुंच रही है और ढोल की थाप के शोर के बीच गांव में दबंग गुण्डों की दहशत को दूर भगाने का काम किया जा रहा है। अभियान के पहले चरण में मुजफ्फरनगर पुलिस ने एसएसपी अभिषेक यादव के मार्गदर्शन में जिले के 09 शातिर अपराधियों के खिलाफ उनके गांव और घर पर पहुंचकर ढोल बजवाते हुए उनको जिला बदर करने का ऐलान किया। इनमें माफिया डाॅन सुशील मूंछ के पुत्र और उसके गिरोह के बदमाशों के खिलाफ भी गांव में मुनादी कराकर जनता को विश्वास दिलाया गया कि अब पुलिस एक्टिव मोड में है, किसी दबंग बदमाश और रसूखदार अपराधी को छोड़ा नहीं जायेगा। पुलिस के इस ऐलान के बाद अब ये गुण्डे अगले छह माह तक मुजफ्फरनगर से तडीपार रहेंगे और यदि यहां पर नजर आये तो इनका ठिकाना जेल की सलाखों के पीछे की कोठरी होगी।




एसएसपी अभिषेक यादव मुजफ्फरनगर जनपद में अपने विशेष अभियानों को लेकर पहचान बनाये हुए हैं। अब मुजफ्फरनगर पुलिस ने अपने कप्तान की निगरानी में जनपद में शातिर, इनामिया, टाॅप टेन और हिस्ट्रीशीटर बदमाशों तथा गांवों में अपराधिक आचरण रखने के कारण दहशत का पर्याय बने दबंगों की नाक में नकेल पहनाने के लिए 'ढोल बाजा बजाओ-बदमाशों को जिले से भगाओ' मुनादी के साथ जिला बदर अभियान शुरू किया है। इस अभियान के पहले दिन शुक्रवार को जनपद के कई थाना क्षेत्रों से पुलिस ने बदमाशों और अपराधियों के घर पहुंचकर ढोल बजवाया और उनको जिला बदर करने का ऐलान किया। इसमें गैंगस्टर एक्ट के आरोपी 09 अपराधियों के खिलाफ पहले चरण की कार्रवाई पुलिस ने की है। इस अभियान को लेकर गांव में भी एक अजीब माहौल दिखाई दिया। जब अपनी रोजमर्रा के कामों में व्यस्त ग्रामीणों के कानों में ढोल की थाप का तेज स्वर सुनाई पड़ा तो उनको लगा कि गांव में कोई बरात या धार्मिक रैला आ पहुंचा है, लेकिन इन ग्रामीणों को आगे आगे चल रहे ढोलिया के पीछे मनोबल से परिपूर्ण पुलिस अफसरों की भीड़ नजर आई तो यह ढोलिया अभियान गांव गांव में कौतूहल का विषय बन गया। पुलिस के इतनी भारी संख्या में गांव में आने और ढोल बजवाने की कहानी उनको समझ आई, पुलिस अफसरांे के माइक पर ऐलान करने के बाद, लेकिन इससे पहले गांवों में छोटे छोटे बच्चों ने पुलिस के इस ढोलिया अंदाज का भरपूर मजा लिया। बच्चों की फौज पुलिस का भय भुलाकर ढोलिया के साथ साथ चलती रही। ये ढोलिया गांवों में चौक चैराहों और गली कूंचों से होते हुए जब संबंधित अपराधी के घर तक पहुंचे तो वहां पर सीओ के निर्देशन में थाना प्रभारी ने बदमाश के खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई के लिए ऐलान किया। इस दौरान ग्रामीणों की भीड़ भी लगी नजर आई। मुजफ्फरनगर पुलिस का यह अभियान अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा और इस तरह की तस्वीरें सामने आती रहेंगी, ताकि लोगों में पुलिस के प्रति एक विश्वास कायम हो और गांवों में दबंगों व बदमाशों का बने भय से उनको निजात मिल सके। इसके साथ ही पंचायत चुनाव में इन अपराधिक छवि के लोगों का प्रभाव कम करने के लिए भी पुलिस का यह अभियान कारगर बनाने की रणनीति लेकर अफसरों ने काम शुरू किया है।


मुजफ्फरनगर पुलिस के गैंगस्टर एक्ट जिला बदर अभियान के अन्तर्गत जनपद के थाना रतनपुरी पुलिस द्वारा सीओ बुढ़ाना के साथ क्षेत्र के गांव मथेडी में पहुंचकर माफिया सुशील मूंछ के घर पर जाकर ढोल बजवाकर मूंछ के बेटे को जिला बदर करने की कार्रवाई के लिए मुनादी कराई गयी। इसमें रतनपुरी ने सुशील मूंछ गैंग (आईएस-199) के सदस्य टाॅप-10 हिस्ट्रीशीट 38-ए के अपराधी अक्षयजीत उर्फ मोनी पुत्र सुशील मूंछ नि0 ग्राम मथैडी थाना रतनपुरी को जिला बदर करते हुए अभियुक्त के विरुद्ध तामिला की कार्यवाही की गयी। इसके साथ ही रतनपुरी पुलिस ने सुशील मूंछ गैंग के ही हिस्ट्रीशीटर और टाॅप-10 03 शातिर बदमाशों को गुण्डा अधिनियम के अन्तर्गत 06 माह के लिए जिला बदर करने की कार्यवाही करते हुए उनके गांव मथेडी में पहंुचकर मुनादी कराई। इन बदमाशों में एचएस 13-ए के आरोपी भोलू उर्फ अमरदीप पुत्र रविन्द्र व श्रीकान्त उर्फ बबलू पुत्र विक्रम सिंह तथा एचएस 04-ए के आरोपी बदमाश सहदेव पुत्र किरण निवासीगण ग्राम मथैडी थाना रतनपुरी के नाम शामिल हैं।

इसके अतिरिक्त नई मण्डी पुलिस ने भी इस अभियान के अन्तर्गत डी-47 गैंग के सदस्य दो शातिर बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई की। नई मण्डी क्षेत्राधिकारी धनंजय सिंह कुशवाहा और थाना प्रभारी योगेश शर्मा के नेतृत्व में पुलिस ने क्षेत्र के गांव मखियाली में एचएस 165-ए के आरोपी बदमाश अमित राठी उर्फ अमित खोखर पुत्र हरवीर तथा उसके साथी एचएस 01-ए के अपराधी अजित राठी उर्फ अजित खोखर पुत्र वीरेंद्र के खिलाफ उनके गांव और घर पर ढोल बजवाकर गैंगस्टर एक्ट में जिला बदर करने के आदेश को सुनाया गया। यहां पर पुलिस को अभियुक्त अमित राठी मौके पर अपने घर पर ही मिला। पुलिस ने अमित राठी को हिरासत में लेकर तत्काल ही जनपद से निष्काषित करने की कार्रवाई पूर्ण की। मीरापुर पुलिस ने भी सीओ जानसठ शकील अहमद की निगरानी में गांव चुडियाला में पहुंचकर आपराधिक प्रवृति के 01 अभियुक्त को गुंडा एक्ट के अंतर्गत जिलाबदर घोषित किया। पुलिस ने गांव में मुनादी कराई तो वहां पर ढोल के शोर के बीच इस कार्रवाई ने ग्रामीणों का बरबस ही ध्यान आकर्षित किया। मीरापुर पुलिस ने आफाक पुत्र मेहताब निवासी चुड़ियाला के घर पहुंचकर उसको जिला बदर किये जाने की कार्रवाई का फरमान सुनाया। आफाक आपराधिक प्रवृति का व्यक्ति है और आये दिन अपराध कारित करता रहता है। पुलिस की इस कार्रवाई के साथ ही आज पहले दिन के अभियान में कुल 09 बदमाशों के खिलाफ मुजफ्फरनगर पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत कार्रवाई की।

गुण्डों के नाम ढोल पिटवाने पर ये बोले कप्तान-अभिषेक यादव

मुजफ्फरनगर में गांव-गांव गुण्डों के नाम उनके घर पर ढोल पिटवाकर जिला बदर का ऐलान कराने का अभियान छेड़ने को लेकर एसएसपी अभिषेक यादव का कहना है कि जनपद में गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत यह अभियान चलाया गया है। पहले दिन इसमें 09 शातिर बदमाशों, गांवों में अपनी दबंगता से भय का वातावरण पैदा करने वाले अपराधियों और हिस्ट्रीशीटर व टाॅप-10 बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। उनका कहना है कि कुछ ऐसे गांव हैं, जहां पर दबंग किस्म के अपराधी होते हैं, इनमें कुछ बदमाश बड़े गिरोह से जुड़े होने के कारण पूरे गांव में दहशत का कारण बने रहते हैं। इन लोगों को छह माह के लिए जिला बदर किया जा रहा है। अब इस अवधि में यह बदमाश जिले में दिखाई नहीं देंगे, यदि मिलते हैं तो इनको जेल भेजा जायेगा। इनमें से कई पंचायत चुनाव लड़ने या लड़ाने की तैयारी भी कर रहे थे। बड़े अपराधियों और बदमाशों के खिलाफ पुलिस की इस कार्रवाई से आम जनमानस में बना भय दूर होने में मदद मिलेगी। कार्रवाई के दौरान ढोल बजवाने और गांव में ऐलान कराने को लेकर एसएसपी कहते हैं कि ये बदमाश ग्रामीणों में भय का कारण बने रहते हैं। इनके प्रति पुलिस की इस प्रकार की कार्रवाई की जानकारी ग्रामीणों को होने से दो तरफा लाभ मिलता है, एक तो जनता में यह विश्वास लौटता है कि बड़े अपराधियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई हो रही है, दूसरा यदि ये बदमाश गांव में आते हैं तो ग्रामीण के माध्यम से पुलिस तक इनकी सूचना पहुंचने में भी मदद मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

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