कासगंज कांडः परिवार का इकलौता चिराग था शहीद देवेन्द्र

कासगंज कांडः परिवार का इकलौता चिराग था शहीद देवेन्द्र

आगरा। कागसंज में शराब माफियाओं के हमले में शहीद हुए सिपाही अपने परिवार का इकलौता चिराग थे। हाल ही में देवेन्द्र की शादी हुई थी। देवेन्द्र की दो छोटी-छोटी बेटियां हैं। पत्नी का बुरा हाल बना हुआ है। वह बार-बार बेहोश हो रही है। मां-बाप पर गमों का पहाड़ टूट चुका है। शहीद के पिता का कहना है कि उनका बेटा शहीद हुआ है, इसका बदला हर हालत में लेना चाहिए।

ज्ञातव्य है कि विगत दिवस की देर रात आगरा के कासगंज में अवैध शराब की सूचना पर दारोगा अशोक कुमार और सिपाही देवेन्द्र कुमार मौके पर पहुंच गये थे और शराब माफिया मोतीराम को पकड़ लिया था। शराब माफिया ने दोनों पर हमला कर दिया था, जिसमें सिपाही देवेन्द्र की मौत हो गई थी, जबकि दारोगा अशोक कुमार सिंह की हालत गंभीर बनी हुई है।

मृतक सिपाही देवेन्द्र की वर्ष 2016 में चंचल के साथ शादी हुई थी। देवेन्द्र की मौत से उनकी पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल बना है। चंचल को गहरा सदमा लगा है। मृतक देवेन्द्र की दो बेटियां हैं। छोटी बेटी मात्र चार माह की है। देवेन्द्र मूल रूप से आगरा के डौकी थाना क्षेत्र के नंगला बिंदू गांव का रहने वाला था। पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। शहीद हुए सिपाही के पिता महावीर सिंह किसान हैं। देवेन्द्र अपने परिवार का इकलौता चिराग था, जिसे शराब माफियाओं ने बेरहमी से बुझा दिया। जब देवेन्द्र के पिता महावीर सिंह को यह दुखद समाचार मिला, तो उन पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा। शहीद हुए देवेन्द्र का परिवार पोस्टमार्टम हाऊस पहुंचा। इस दौरान परिवार की जिलाधिकारी से मुलाकात हुई। महावीर सिंह का कहना है कि देवेन्द्र उनका इकलौता बेटा था। मेरा बेटा शहीद हुआ है। इसका बदला हर हाल में लेना चाहिए।

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