IPS मामलाः लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने आरोपों को बताया निराधार

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लखनऊ। सचिवालय में संविदाकर्मी के रूप में काम करने वाले विशाल सैनी ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर दी थी। उसने सुसाइड नोट में आईपीएस अधिकारी प्राची सिंह को आत्महत्या का कारण बताते हुए कई गंभीर आरोप लगाए थे। उधर, लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने आईपीएस अधिकारी पर लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है।

जानकारी के अनुसार लखनऊ के हसनगंज थाना क्षेत्र स्थित रैदास मंदिर क्रासिंग पर सचिवालय में बतौर संविदाकर्मी के पद पर काम करने वाले 26 साल के विशाल सैनी ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर दी थी। पुलिस ने उसके पास से सुसाइड नोट बरामद किया था। मृतक विशाल सैनी ने आईपीएस अधिकारी प्राची सिंह को आत्महत्या का कारण बताते हुए कई गंभीर आरोप लगाए थे। इसके साथ ही महिला आईपीएस अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए माता-पिता से अपना ध्यान रखने की बात कही थी। आईपीएस अधिकारी प्राची सिंह मौजूदा समय में एडीसीपी नार्थ के पद पर कार्यरत हैं। इस पूरे मामले में एडीसीपी नार्थ प्राची सिंह ने सभी आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि मैं अपनी ड्यूटी कर रही थी, मेरे निर्देशन में छापेमारी हुई थी।

उन्होंने कहा कि विशाल की मौत का मुझे भी दुःख है, लेकिन मुझे नहीं पता उसने आत्महत्या क्यों की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मृतक की ओर से उनके ऊपर लगाये गये आरोप निराधार हैं। इस पूरे मामले पर लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने देर शाम प्रेस रिलीज जारी करके आईपीएस अधिकारी प्राची सिंह पर लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है। इसमें कहा गया है कि पुलिस टीम की ओर से नियमानुसार कार्रवाई की गई थी। साथ ही कहा गया है कि युवक विशाल सैनी की गिरफ्तारी को लेकर आत्महत्या किए जाने से पूर्व तक उनके या घरवालों की ओर से पुलिस टीम के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की गई थी।

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