डाक विभाग में कमीशन घटने से अभिकर्ताओं के सामने आर्थिक संकट

डाक विभाग में कमीशन घटने से अभिकर्ताओं के सामने आर्थिक संकट

इटावा। डाक विभाग की अल्प बचत योजना के कमीशन के प्रतिशत को मात्र 50 पैसे कर देने से देश के करीब छह लाख डाक अभिकर्ताओं के सामने रोजी रोटी का संकट खडा हो गया है।

राष्ट्रीय अल्प बचत अभिकर्ता संघ के एक दिवसीय सम्मेलन में आशंका व्यक्त की गयी कि केंद्र सरकार बचत योजनाओं से डाक अभिकर्ताओं की भूमिका को पूरी तरह से खत्म करने जा रही है। डाक विभाग ने अचानक कमीशन की दर प्रति सौ रुपये पर एक रुपये से घटाकर के 50 पैसे मात्र कर दी है। कमीशन मात्र 50 पैसे कर देने से देश भर के करीब छह लाख अभिकर्ता प्रभावित हो गए है। इसमें एक लाख पुरुष और पांच लाख महिलाएं शामिल है। डाक विभाग की ओर से कमीशन रेट घटाने से छह लाख परिवार यानी कम से कम 30 लाख लोगों पर इसका बुरा असर पड़ेगा।

कमीशन घटने से चितिंत डाक अभिकर्ताओ ने यहां के के डिग्री कालेज में सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें इटावा सदर की एमएलए सरिता भदौरिया और भरथना की एमएलए सावित्री कठेरिया ने मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लिया। आठ सूत्रीय मांग पत्र सत्तारूढ़ दल की दोनों विधायको को सौंपा गया जिसमें उनसे मांग की गई है कि केंद्र सरकार कमीशन की दरों में इजाफा करें अन्यथा डाक अभिकर्ताओ का बड़ा नुकसान हो जायेगा।

संघ के जिलाध्यक्ष करुणाकर त्रिपाठी ने बताया कि मोदी सरकार ने बचत योजनाओं को निजी क्षेत्र के बैंको को सौंपने की योजना बनाई है इससे लाखो परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएंगे। उन्होने कहा कि कई बचत योजनाएं ऐसी है जिनके खाते अभिकर्ताओ ने बड़ी मेहनत से लोगों को समझा बुझा कर कर खोले थे लेकिन खाते खुल जाने के बाद केंद्र सरकार ने अभिकर्ताओ को उन योजनाओं से अलग कर दिया जिससे उनको कमीशन मिलना बंद हो गया।

जिलाध्यक्ष ने सरकार से मांग की है कि दिनों दिन मंहगाई बढ़ रही पर सरकार कमीशन कम कर रही है इसलिये अभिकर्ताओ का कमीशन बढ़ाये जाए और जिन योजनाओं से उनको अलग किया गया है । उनको वापस उन योजनाओं में शामिल किया जाए और बचत योजनाओं को निजी क्षेत्र में न दिया जाए जिससे लाखो अभिकर्ता अपने परिवारों का भरण पोषण कर सके।

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