जिले को मिली पहली महिला पुलिस अफसर- DSP करती है निडरता के साथ पुलिसिंग

शामली। जिला मुजफ्फरनगर से अलग कर बनाये गये जनपद शामली के गठन के करीब एक दशक तक भी कोई महिला पुलिस अफसर नहीं मिली थी। जिले को पहली महिला अफसर 28 अक्टूबर 2021 को मिली, जो पहले सीओ सिटी और उसके बाद अब वर्तमान में थानाभवन क्षेत्राधिकारी के पद पर तैनात है। जी हां हम बात कर रहे हैं साल 2012 बैच की पीपीएस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर की। पीपीएस श्रेष्ठा ठाकुर शामली जिले में पहली महिला पुलिस अफसर है। पीपीएस श्रेष्ठा ठाकुर शुरूआती पोस्टिंग से ही निडरता का परिचय देते हुए पुलिसिंग कर रही है।
गौरतलब है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपद शामली का 28 सितम्बर 2011 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने प्रबुद्ध नगर के नाम से निर्माण किया। सत्ता परिवर्तन के बाद जुलाई 2012 में जनपद का नाम बदलकर शामली ही कर दिया। शामली की सीमा हरियाणा राज्य से सटी हुई है। आईएएस जसजीत कौर शामली जिले की पहली महिला डीएम है। अगर पुलिस महकमे की बात की जाये तो पीपीएस श्रेष्ठा ठाकुर पहली महिला अफसर है, जो वर्तमान में शामली जनपद के थानाभवन की क्षेत्राधिकारी के तौर पर कार्य कर रही है।

शामली जिले में तीन क्षेत्रधिकारी हैं, जो शामली, कैराना और थानाभवन में बैठते हैं। थानाभवन सीओ के रूप में क्षेत्र के लोगों को पहली महिला पुलिस अफसर श्रेष्ठा ठाकुर मिली है। पीपीएस श्रेष्ठा ठाकुर थानाभवन क्षेत्राधिकारी के तौर पर 18वीं अफसर हैं। इनसे पूर्व में 17 पीपीएस अफसर थानाभवन सीओ के रूप में कार्यभार ग्रहण कर चुके हैं, जो सभी पुरूष थे।
महिला पुलिस अफसर श्रेष्ठा ठाकुर ने गुड़ पुलिसिंग से जनता के दिलों में एक अलग पहचान बनाई हुई है। महिला अफसर को लेडी सिंघम, दबंग, निडर जैसे उपनामों से भी जाना जाता है। सीओ श्रेष्ठा ठाकुर ने थानाभवन क्षेत्र में वर्षों से थानों पर खड़े वाहनो की नीलामी कराकर सरकार के खाते में रकम डालने के साथ अप्रत्यक्ष रूप से थानों की साफ-सफाई कराने का काम किया। इसके अलावा दुष्कर्म की वारदातों को अंजाम देने वालों के खिलाफ तिरछी नजर रखते हुए इन मामलों के अपराधियों को प्रभावी पैरवी के चलते अल्प समय में सजा दिलवाई। इतना ही नहीं उन्होंने बहुत सारी वारदातों का अल्प समय में ही पर्दा उठाकर उन्हें बेनकाब करने का वर्क भी किया है।

आपकों बता दें कि पीपीएस श्रेष्ठा ठाकुर का जन्म 12 अगस्त 1984 को उन्नाव जिले के एक बिजनेसमैन एसबी सिंह भदौरिया के यहां पर हुआ था। श्रेष्ठा ठाकुर ने इंटरमीडिएट तक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद आगे की पढ़ाई करने के लिये श्रेष्ठा ठाकर का एडमिशन कानपुर के एक कॉलेज में हुआ था, जहां से उन्होंने एमबीए की डिग्री हासिल की। श्रेष्ठा ठाकुर परीक्षा पासआउट कर साल 2012 बैच की पीपीएस अधिकारी बन गई। पीपीएस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर बुलंदशहर, बहराइच और अमरोहा जिले में भी सीओ के तौर पर वर्क कर चुकी हैं। अब शामली जिले के थानाभवन क्षेत्राधिकारी के रूप में बदमाशों को उनके अंजाम तक पहुंचाने में पीपीएस श्रेष्ठा ठाकुर कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है।
