बर्थडे स्पेशल- इंस्पेक्टर से IPS बने दीपक- दुर्घटना के बीच हुई थी तारीफ

बर्थडे स्पेशल- इंस्पेक्टर से IPS बने दीपक- दुर्घटना के बीच हुई थी तारीफ

प्रयागराज। एक कहावत है हिम्मत ए मरदां तो मदद ए खुदा। इसी को साबित किया है, साल 2016 बैच के आईपीएस अफसर दीपक भूकर ने। पहले इंस्पेक्टर की नौकरी की तो फिर एसडीएम बने और बाद में 2016 में यूपीएससी का एग्जाम क्लियर कर यूपी कैडर के आईपीएस अफसर बन गए। साल 2016 बैच के आईपीएस अफसर और वर्तमान में प्रयागराज कमिश्नरेट में डीसीपी नगर दीपक भूकर के जन्मदिन पर पेश है खोजी न्यूज़ की विशेष रिपोर्ट...

हरियाणा प्रदेश के झज्जर जिले में 28 जुलाई 1986 को नरेंद्र पाल के घर में जन्म लेने वाले दीपक भूकर ने बीएससी और एमएससी बॉटनी से पास करके सरकारी नौकरी की तलाश में जुट गए। साल 2011 में दीपक भूकर एसएससी की परीक्षा पास कर सेंट्रल एक्साइज में इंस्पेक्टर बन कर काम करने लगे लेकिन दीपक भूकर यहीं तक सीमित रहने वाले नहीं थे। उन्होंने अपना लक्ष्य बनाया हुआ था कि मुझे उस जगह जाना है, जहां देश की सेवा के साथ-साथ आम जनता के लिए भी काम कर सकूं।


यही वजह रही कि साल 2011 में एसएससी पास कर इंस्पेक्टर बनने वाले दीपक भूकर ने 2014 में यूपीएससी का एग्जाम क्लियर किया तो इस बार भी वह सफल हुए और वो पीसीएस बन गए। पीसीएस बनने के बाद दीपक भूकर को केंद्र शासित राज्य दिल्ली में तैनात किया गया। यहां पंजाबी बाग के एसडीएम के तौर पर उन्होंने काम किया। इसके बाद उनका ट्रांसफर लक्ष्यदीप कर दिया गया। वहां भी वह विभिन्न पदों पर रहे। जब 2014 में यूपीएससी क्लियर कर पीसीएस चुन लिए गए तो दीपक भूकर ने ठान लिया था कि अब उन्हें देश की सबसे बड़ी सेवा यूपीएससी का एग्जाम क्लियर करना है और उसी की तैयारी में दीपक भूकर जुट गए।

ठीक 2 साल बाद साल 2016 में जब यूपीएससी एग्जाम का रिजल्ट आया तो दीपक भूकर इस बार भी सफल हुए और उन्हें आईपीएस सेवा के लिए चुन लिया गया और उन्हें कैडर मिला उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश कैडर का आईपीएस बनने के बाद दीपक भूकर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

ट्रेनिंग के दौरान उनकी पोस्टिंग जनपद जौनपुर में हुई। जहां उन्होंने 3 महीने तक जाफराबाद थाना प्रभारी के तौर पर काम किया। उसके बाद सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में दीपक भूकर ने मुरादाबाद में सेवाएं दी । मुरादाबाद से दीपक भूकर को कानपुर कमिश्नरेट में तैनात किया गया। वहां से 8 अगस्त 2021 को उत्तर प्रदेश सरकार ने दीपक भूकर को हापुड़ जनपद का पुलिस कप्तान बना दिया था। अब प्रयागराज कमिश्नरेट में डीसीपी नगर के तौर पर दीपक भूकर लगातार सराहनीय काम कर रहे हैं।

जब लोगों की जान बचाने में खुद जुट गये थे आईपीएस भूकर

जब कोई दुर्घटना घट जाती है तो अफसर मौके पर पहुंचकर अधीनस्थों का मार्गदर्शन करते हैं लेकिन हापुड़ में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात आईपीएस अफसर दीपक भूकर ने धौलाना में केमिकल फैक्ट्री में हुए हादसे के बाद मौके पर पहुंचकर घायलों को अन्य वाहनों द्वारा उनकी जान बचाने के लिये वक्त पर हॉस्पिटल में भेजकर मानवता की मिसाल पेश की है, जिससे कई लोगों को समय पर उपचार मिलने की वजह से उनकी जान बच गई थी। यूं तो घटना की जानकारी होने पर सभी लोगों को दुःख हुआ लेकिन आईपीएस अफसर द्वारा किये गये मानवता से भरपूर काम को देखकर लोगों से आईपीएस दीपक भूकर की तारीफ किये बिना रूका नहीं गया। वैसे तारीफ करें भी क्यों नहीं, पुलिस कप्तान द्वारा किया गया यह काम है भी तो काबिल-ए-तारीफ। आईपीएस दीपक भूकर को लेकर जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, उन्हें देखकर लोग उनकी सराहना करते नजर आये थे।


ज्ञात हो कि हापुड़ के कस्बा धौलाना में स्थित केमिकल फैक्ट्री में ब्वॉयलर फटने के कारण दुःखद दुर्घटना घटित हो गई थी। इस हादसे में करीब 17 लोग घायल हुए थे, जिनका उपचार कराया गया था। इस हादसे में लगभग 11 लोगों की सांस की डोर टूट गई थी। फैक्ट्री में हुए हादसे को जिसने भी सुना या देखा तो उसका दिल दहल गया क्योंकि हालात ही कुछ ऐसे थे। गढ़मुक्तेश्वर तहसील में बैठकर आलाधिकारियों के साथ जब तत्कालीन पुलिस कप्तान दीपक भूकर सम्पूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर लोगों की समस्या को सुन रहे थे। इसी बीच हापुड के तत्कालीन पुलिस कप्तान दीपक भूकर को दुःखद दुर्घटना होने की सूचना मिलती है, जिसके बाद वह आनन-फानन में वहां आलाधिकारियों के साथ पहुंच जाते हैं। पुलिस कप्तान दीपक भूकर अपनी गाड़ी से तेजी के साथ उतरते हैं और घटना में घायल हुए लोगों को अपने अधीनस्थों के साथ खुद मिलकर उपचार हेतु हॉस्पिटल के लिये रवाना कराते हैं, जिससे समय पर उन्हें उपचार मिलने की वजह से जान बच सके।

सूचना पाकर पहुंचे दमकलकर्मी व पुलिसकर्मी आग को बुझाने में जुटे हुए थे। तत्कालीन पुलिस कप्तान दीपक भूकर सहित आलाधिकारी घायलों को किसी ना किसी साधन से हॉस्पिटल भेजने के लिये जुटे हुए थे। पुलिस कप्तान दीपक भूकर ने आठ घायलों को ऑटो द्वारा तो कुछ को पुलिस के अन्य वाहनों द्वारा और कुछ को एम्बुलेंस के माध्यम से हॉस्पिटल भिजवाया। हादसे की सूचना पाकर मेरठ रेंज के तत्कालीन आईजी प्रवीण कुमार ने भी पहुंचने में ज्यादा वक्त नहीं लगाया था। घटनास्थल पर सभी वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद थे। तत्कालीन पुलिस कप्तान दीपक भूकर जिस तरह से घायल लोगों की जान बचाने के लिये फुर्ती के साथ अस्पताल पहुंचाने में जुटे हुए थे। वहां मौजूदा लोगों ने तो आईपीएस अफसर के काम को सलाम किया ही है लेकिन जब यह फोटो हापुड पुलिस के ट्विटर हैंडल से डाला गया तो लोगों ने उनके इस काम को सराहते हुए इधर उधर शेयर करते हुए उनकी प्रशंसा की थी।

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