बसकाली देवी हत्या का खुलासा, पति समेत चार गिरफ्तार

बसकाली देवी हत्या का खुलासा, पति समेत चार गिरफ्तार

प्रतापगढ़। उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ के पट्टी क्षेत्र में हुई बसकाली देवी हत्या मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने उसके पति समेत परिवार के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया।

अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी सुरेंद्र प्रसाद द्विवेदी ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पट्टी इलाके में 65 वर्षीय बसकाली देवी का शव बरामद किया गया था। महिला की शिनाख्त आसपुर देवसरा इलाके के गोबिन्दपुर निवासी झुन्नीलाल प्रजापति की पत्नी के रुप में हुई थी। इस सम्बन्ध में उसके पति ने 28 फरवरी को थाना पट्टी पर पत्नी की गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। उन्होंने बताया कि विवेचना के दौरान चौकाने वाले तथ्स समाने आये । थाना आसपुर देवसरा विवेचना में चौकाने वाले तथ्य प्रकाश में आये कि बसकाली देवी की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसके पति ने ही की थी।

उन्होंनेे बताया कि बसकाली देवी की हत्या के आरोपी में पुलिस ने आज उसके पति झुन्नीलाल प्रजापति,नाती अजय कुमार प्रजापति, भतीजे के पुत्र प्रदीप कुमार प्रजापति उर्फ अनिल प्रजापति और पुत्र विजय कुमार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तर झुन्नीलाल ने पूछताछ पर बताया कि उसने दो शादियां की थी, पहली पत्नी से उसका पुत्र विजय कुमार प्रजापति है जबकि दूसरी पत्नी बसकाली देवी से कोई संतान नहीं है।

द्विवेदी ने बताया कि रेडीगारापुर प्राइमरी स्कूल के पास झुन्नीलाल की फर्नीचर की दुकान है जहां पर वह अपनी पत्नी बसकाली देवी के साथ रहता था। उसकी पत्नी आये दिन घरेलू बातों को लेकर झगड़ा करती थी ,जिससे घर में कलह रहता था। इसी कलह के चलते 27 जनवरी को बसकाली ने झगड़ा किया और खाना भी नही बनाया। इन्ही बातों से गुस्से में आकर उसने बसकाली की गला दबा कर हत्या कर दी और अपने पुत्र विजय कुमार, नाती अजय कुमार व भतीजे के बेटे प्रदीप कुमार के साथ मिलकर शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। उसके भतीजे के पुत्र प्रदीप कुमार प्रजापति व नाती अजय कुमार मोटर साइकिल पर बैठने की मुद्रा में बसकाली के शव को बीच में रख लिया और नहर फाटक के आगे नहर की दूसरी पटरी पर शव को फेंक दिया तथा बसकाली देवी के साल व चप्पलों को वहीं रास्ते में फेंक आये थे। इसके बाद पूर्व योजना के तहत पुलिस को गुमराह करने के लिये बसकाली देवी के अपहरण की झूठी सूचना डायल 112 पर व आसपास के लोगों को दी तथा सोशल मीडिया पर भी अपहरण की झूठी खबर चलवाई थी। गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेज दिया।

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