कभी बुनता था रेशम अब चलाता था गन - नतीजा मिली मौत

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भदोही। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने भदोही जिले के जिन दो बदमाशों को प्रयागराज में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया है, उसमें से एक कालीन कारोबारी हफिजुल्लाह का सबसे छोटा बेटा एचएस अमजद उर्फ अंगद उर्फ पिंटू उर्फ डाॅक्टर किसी समय से रंग-बिरंगी मखमली कालीनों की बुनाई करता था।

बुनाई करने वाली उंगलियां कब नौ एमएम की पिस्टल चलाने में माहिर हो गयी, परिजनो का पता भी नहीं चला। चार भाईयों में अमजद उर्फ डाॅक्टर सबसे छोटा था। शरीर से तंदरूस्त अमजद पढ़ाई भी करता था। उसके दादा किसी समय में एक माने-जाने दारोगा थे और भदोही के कालीन कारोबार में उसे पिता हफीजुल्लाह का अच्छा-खासा मुकाम था।

अमजद उर्फ डाॅक्टर की मां केसरी बानो बताती हैं कि मुहल्ले के एक सोनार के संगत से वह ऐसा बिगड़ा कि जरायम की दुनिया में कूद गया। अवैध असलहा रखने के आरोप में उसे पहली बार जेल हुयी थी। उसके बाद भदोही ही हाजी सुहेल नामक एक कालीन निर्यातक के साथ लूट की घटना को अंजाम दिया। इन सब घटनाओं के बीच उसने भदोही आना बिल्कुल छोड़ दिया था। अभी पिछले रविवार को वह अपने घर भदोही आया था और यहां एक रात रहने के बाद नहा धोकर निकला था। अब उसके मौत की सूचना आयी है।

अमजद उर्फ डाॅक्टर के मुहल्ले वाले बताते हैं कि वह बेहद शर्मिला था और अपने पिता के साथ कालीन बुनाई में हाथ बंटाता था। उसका एक भाई अब भी जयपुर में रहकर कालीन का कारोबार करता है। 50 हजार का ईनामिया भदोही का यह शार्प सूटरकभी रंग-गिरंगी मखमली कालीनों की बुनाई करता था लेकिन समय के साथ-साथ यही अंगुलियां पिस्टल से खेलने लगी और कालीन बुनाई से शाप शूटर तक का सफर उसने तय कर लिया। गौरतलब है कि एसटीएफ ने प्रयागराज के अरैल इलाके में हुई मुठभेड़ में मुन्ना बजरंगी एवं मुख्तार अंसारी गिरोह के दो कुख्यात शार्प शूटरों को ढेर कर दिया था।

वार्ता

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