250 दिन - SSP अभिषेक ने की Muzaffarnagar में Best पुलिसिंग

मुजफ्फरनगर। जनपद में पुलिस कप्तान के पद पर कमान संभाल रहे आईपीएस अभिषेक यादव ने कप्तानी के 250 दिन पूरे कर लिये हैं। मुजफ्फरनगर के एसएसपी के रूप में अभिषेक यादव के सामने पहले ही दिन से अब तक लगातार चुनौतियों ने दस्तक दी, लेकिन इन चुनौतियों के सामने इस आईपीएस के कदम कभी डिगते नजर नहीं आये। इन बीते 250 दिनों में आईपीएस अभिषेक यादव ने मुजफ्फरनगर के पुलिस कप्तान के रूप में West में Best पुलिसिंग तो की ही, साथ ही अनेक बड़े फैसले लिये। 'खोजी न्यूज' की टीम यहां पर उनके ऐसे ही कुछ बड़े काम का संकलन पाठकों के लिए प्रस्तुत करने का प्रयास कर रही है, जो जनपद पुलिस के लिए एक दृष्टांत बने हैं।

साल 2012 बैच के आईपीएस अभिषेक यादव के लिए मुजफ्फरनगर जनपद उनकी पुलिस सर्विस का अहम पड़ाव बना। यहां पर पहली बार उनको एसएसपी बनाकर भेजा गया। पुलिस कप्तान के रूप में अभिषेक यादव को पहला जिला मिला तो उनको नया अफसर समझकर लोग इस चुनौतीपूर्ण जिले को चला पाने उनके लिए टेढ़ी खीर ही मान रहे थे, और जिन परिस्थितियों में शासन ने आईपीएस अभिषेक यादव को मुजफ्फरनगर में शांति व्यवस्था और कानून का राज कायम करने के लिए भेजा था, वह पहले ही दिन से उनके लिए चुनौती बनी थी। अभिषेक यादव ने दो जुलाई को जनपद मुजफ्फरनगर में एसएसपी का कार्यभार ग्रहण किया। उस दौरान कांवड यात्रा की तैयारी जोरों पर चल रही थी और शहर में शिवभक्तों का आगमन भी शुरू हो गया था। पहले ही दिन से आईपीएस अभिषेक यादव को कांवड यात्रा की चुनौती से जूझना पड़ा, इसके साथ ही अगले ही दिन पुलिस अभिरक्षा से कुख्यात रोहित सांडू का फरार हो जाना एसएसपी अभिषेक यादव के लिए बड़ी चुनौती बन गया। इन विपरीत परिस्थिति में आईपीएस अभिषेक यादव ने गजब का मनोबल दिखाया। दो जुलाई से इस आईपीएस अफसर के सामने शुरू हुआ चुनौतियों से भरा सफर 20 दिसम्बर की हिंसा तक जारी रहा।

बाईक पर सवार होकर कांवड यात्रा की सुरक्षा का लिया जायजा

मुजफ्फरनगर से नये कीर्तिमान बनाते हुए गुजरने वाली विश्व की सबसे लम्बी पैदल धार्मिक कांवड यात्रा साल 2019 में कप्तान अभिषेक यादव के स्टाइल के कारण यादगार रही। उन्होंने जनता को साथ लेकर, जनता के बीच रहकर कानून व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती माने जाने वाली इस यात्रा को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने का काम किया। पहली बार किसी एसएसपी ने मोटर साईकिल पर सवार होकर कांवड यात्रा की सुरक्षा का जायजा लिया। पुलिस कप्तान का यह कार्य जहां पुलिस विभाग में चर्चा का विषय बन गया था तो आमजन ने भी इसकी मुक्त कंठ से प्रशंसा की थी। एसएसपी अभिषेक यादव ने डीएम सेल्वा कुमारी जे. के साथ कांवड यात्रा मार्गो पर कांवडियों की सुरक्षा के मद्देनजर शिव चैक, मुुजफ्फरनगर शहर, खतौली तथा पुरकाजी, हाईवे कांवड मार्गो का हैलीकाॅप्टर के माध्यम से हवाई सर्वेक्षण कर सुंरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। कांवडियों का हैलीकाप्टर से पुष्प वर्षा कर स्वागत भी किया।

एसएसपी ने चुनौती को स्वीकार कर कुख्यात रोहित सांडू का साथी सहित किया एनकाउंटर

कांवड यात्रा शुरू होने के दौरान ही पुलिस अभिरक्षा से दरोगा की हत्या कर फरार कुख्यात और एक लाख का ईनामी बदमाश रोहित सांडू एसएसपी अभिषेक की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा था, लेकिन जनता में विश्वास बहाली के लिए इस चुनौती को उन्होंने न केवल स्वीकार किया, बल्कि जब रोहित सांडू की फरारी के 14 दिनों के बाद रिजल्ट दिया तो वह बदमाशों के बीच ही खौफ पैदा करने वाला साबित हुआ। एसएसपी अभिषेक यादव के नेतृत्व में पुलिस ने रोहित सांडू को एनकाउंटर में उसके ईनामी साथी राकेश यादव के साथ ढेर कर दिया। एसएसपी अभिषेक यादव का जन विश्वास पर खरा उतरने का यह पहला परिणाम था। इसके साथ ही उन्होंने रोहित सांडू गिरोह के खात्मे और उस पर शिकंजा कसने के लिए बड़ी उपलब्धि हासिल की। उसको फरार कराने में मददगार बदमाश विक्की राठी ने उनके कार्यालय में आकर सरेंडर किया तो कई अन्य बदमाश जेल भेजे गये।

भ्रष्टाचार होने पर पूरा महिला थाना लाइन हाजिर

पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर एसएसपी अभिषेक यादव सख्त रहे। जब महिला थाने की दारोगा सीमा यादव ने जहरीला पदार्थ खाया तो पुलिस पर सवाल उठे, ऐसे में एसएसपी अभिषेक यादव ने महिला थाने के पूरे स्टाफ को लाइन हाजिर कर दिया था। महिला थाने में अनियमितता व दूसरे प्रकार की शिकायतें मिल रही थी। जिस पर उन्होंने सीओ सिटी से जांच कराई थी। जांच में प्रथम दृष्टया प्रभारी निरीक्षक सहित कई पुलिसकर्मियों के दोषी पाए जाने पर एसएसपी अभिषेक यादव ने पूरा थाना ही लाइन हाजिर कर दिया, जिसमें एक इंस्पेक्टर, 8 सब इंस्पेक्टर, दो हेड कांस्टेबल, 38 कांस्टेबिल शामिल रहे। इससे विभाग में आईपीएस अभिषेक सख्त संदेश देने में सफल रहे।

दीपावली पर सक्सेज़ फुल रहा आईपीएस अभिषेक का ओपन हाउस

कांवड यात्रा के बाद मुजफ्फरनगर में ईद-उल-अजहा के त्यौहार को शांतिपूर्ण एवं सुव्यवस्थित तथा भाईचारे के माहौल में सम्पन्न कराने के लिए एसएसपी अभिषेक यादव ने ऐसे मुकम्मल इंतजाम किये थे कि जनपद में एक भी जगह से कोई भी अप्रिय घटना नहीं घटित हो पायी और त्यौहार पूरे सद्भाव के साथ सम्पन्न हुआ। दीपावली आई तो एसएसपी अभिषेक यादव जनता को त्यौहारों का उद्देश्य समझाने जहां सड़कों पर उतरे तो वहीं उन्होंने पुलिस अफसरों व कर्मचारियों को बेसिक पुलिसिंग के लिए प्रेरित करने को ओपन हाउस जैसा ऐतिहासिक कार्य किया। शिव चैक के पास तुलसी पार्क में पुलिस अफसरों व कर्मचारियों के बीच एसएसपी अभिषेक यादव ने उनको समाज में सुरक्षा और विश्वास की भावना को जागृत करने के लिए 24 घंटे आंख और कान खुले रखने के लिए प्रेरित किया। सोशल मीडिया पर उनका यह इवेंट सुपरहिट रहा।

शहर को जाम से मुक्त करने के लिए अनोखा प्रयास, बनाई लक्ष्मण रेखा

जाम से मुक्ति को नगर में एसएसपी अभिषेक यादव ने अनोखा प्रयास करते हुए लक्ष्मण रेखा खींच दी। सड़कों पर श्व्हाइट लाइनश् अभियान चलाया। इसके अन्तर्गत शहर की सड़कों पर बेतरतीब और मनमर्जी पार्किंग करने वाले वाहनों के मालिकों को एसएसपी अभिषेक यादव फाइन के सहारे लाइन में रहने का पाठ पढाया। इससे पूर्व शहर में जाम और भयंकर हादसों का कारण बन रही बसों की नो एंट्री की योजना को एसएसपी अभिषेक यादव ने सख्ती से लागू कराने का काम किया और दिन के उजाले में शहरी क्षेत्र को बसों की भागदौड़ से मुक्त करने का काम किया। इसमें रोडवेज बसें भी शामिल रहीं हैं, वहलना चैक और अस्पताल पर रोडवेज बसों का अस्थाई स्टोप बनवाया।

थानों में पुलिसकर्मियों के जन्मदिन पर गूंजा- हैप्पी बर्थ-डे

एसएसपी अभिषेक को जब डीजीपी का बर्थडे पर विशिंग ग्रीटिंग मिला, तो उनके मन में अपनी फोर्स की भागदौड़ भरी सर्विस का ख्याल आया। यहां से उन्होंने जनपद में एक अनूठा और सराहनीय अभियान चलाया। इसके बाद जनपद के थानों व पुलिस कार्यालयों में उत्साह और जोश के साथ हैप्पी बर्थ-डे गंूजने लगा। पुलिसकर्मी केक काटकर जश्न मनाते नजर आये। उनके इस अभियान ने पुलिस कर्मियों में नया जोश और कार्य के प्रति एक उत्साह पैदा किया। इस अभियान में कई ऐसे भी पुलिसकर्मी सामने आये, जो नौकरी में काम के दबाव के कारण अपना जन्मदिन ही भूल चुके थे, किसी ने पुलिस सर्विस में पहली बार अपना जन्मदिन मनाया। पुलिस के बीच इस अभियान ने एक पारिवारिक और भावनात्मक रिश्ता पैदा किया।

मुजफ्फरनगर में पहली बार पुलिस को मिला वीकली ऑफ

आईपीएस अभिषेक यादव ने पुलिस कप्तान से ज्यादा खुद को पुलिसकर्मियों के एक अभिभावक के रूप में पेश किया, उन्होंने पुलिस कर्मियों के हितों की चिंता की और उनके लिए काम भी करके दिखाया। इसी कड़ी में उनका वीकली आॅफ अभियान भी शामिल रहा। पहली बार मुजफ्फरनगर में पुलिस फोर्स को साप्ताहिक अवकाश मंजूर किया गया। इसके लिए पूरी कार्ययोजना एसएसपी अभिषेक यादव ने तैयार की और लागू कराया गया। इससे फोर्स को प्रोत्साहन मिला।

गैंगस्टर में अपराधियों की सम्पत्तियों को कराया जब्त

एसएसपी अभिषेक यादव ने जनपद में अपराधियों की कमर तोड़ने के लिए उनको आर्थिक रूप से कमजोर बनाने के लिए हर मोर्चे से घेरने का काम किया और ऑपरेशन कुर्की चलाया। तस्कर गोपाल, कुख्यात कुरथल और लुटेरे बदमाश लुकमान की करीब 62 लाख रुपये की अवैध सम्पत्ति को पुलिस ने एसएसपी अभिषेक की इस पहल पर हुई कार्रवाई के दौरान जब्त करने का काम किया। जनपद के ऐसे अपराधियों की सूची को तैयार कराया गया, जो अपराध जगत में काफी कुख्यात रहे हैं और उनके द्वारा अपराधिक घटनाओं से अर्जित धन के सहारे अवैध सम्पत्ति स्थापित की गयी थी। इस अभियान की शुरूआत छपार थाना क्षेत्र के शातिर अवैध असलाह तस्कर गोपाल पुत्र रुल्हा से की गयी थी। इसके बाद ब्रह्मसिंह कुरथल और लुटेरे बदमाश लुकमान की सम्पत्ति को जब्त किया गया।

'जीरो ड्रग्स' अभियान से बचाया सरकार का नुकसान

पुलिस कप्तान अभिषेक यादव ने हरियाणा का पडौसी जनपद होने के कारण मुजफ्फरनगर में अवैध नशा कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए श्जीरो ड्रग्सश् अभियान चलाया। इसमें भांग तस्करी गैंग पकड़ा गया तो वहीं जनपद में एक करोड़ की नकली शराब का जखीरा पकड़कर पुलिस कप्तान अभिषेक यादव ने शराब तस्करों के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के 12 लोग पुलिस के हाथ लगे, जो हरियाणा और उत्तर प्रदेश की शराब को नये कलेवर में लोगों तक पहुंचाने के गोरखधंधे में लिप्त रहे हैं। इस अभियान के तहत पुलिस ने बड़े और ईनामी माफियाओं को पकड़कर सरकार को करीब 4 करोड़ से अधिक की राजस्व हानि को बचाया। इस अभियान पर शासन ने जनपद पुलिस को डेढ़ लाख का ईनाम दिया।

अयोध्या फैसले पर जिले में कायम रहा सद्भाव

नौ नवम्बर 2019 को अयोध्या के बाबरी मस्जिद और राम मन्दिर विवाद का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया तो इससे पहले ही मुजफ्फरनगर में एसएसपी अभिषेक यादव ने डीएम सेल्वा कुमारी जे. के साथ मिलकर जनपद में गांव गांव, नगर नगर मीटिंग करते हुए लोगों को इस फैसले को खुले मन से स्वीकार करने के लिए तैयार किया। फैसला आया और जिस प्रकार हिन्दु मुस्लिमों ने एक दूसरे को गले लगाकार इस फैसले को स्वीकार किया, वह पल ऐतिहासिक रहा। एसएसपी अभिषेक यादव ने अयोध्या के इस फैसले को भाईचारा की अलख जगाने का माध्यम बनाया और जिले में सद्भाव कायम रहा।

सीएए पर हिंसा, दो घंटे में उपद्रव किया कंट्रोल

20 दिसम्बर 2019 को जब मुस्लिम जुमे की नमाज के बाद सीएए के विरोध में प्रदर्शन करने मुजफ्फरनगर शहर की सड़कों पर उतरे तो इससे पहले ही एसएसपी अभिषेक यादव डीएम सेल्वा कुमारी और फोर्स के साथ मुस्तैद थे, लेकिन भीड़ बेकाबू हो गयी और शहर में व्यापक हिंसा होने लगी, लेकिन 20 दिसम्बर को 20 हजार लोगों की भीड़ में घिरने और हिंसा होने के बाद भी कप्तान अभिषेक यादव ने गजब की नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन करते हुए फोर्स का मनोबल बढ़ाया, गुस्साये लोगों को समझाया और दो घंटे में ही शहर की स्थिति को कंट्रोल करने में सफल रहे। इसमें उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि सड़कों पर कई जगह दोनों समुदायों के लोगों के आमने-सामने हो जाने के बाद भी साम्प्रदायिक हिंसा नहीं हुई।

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