डीजीपी हितेश चंद अवस्थी ने कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए जारी किए दिशा-निर्देश

डीजीपी हितेश चंद अवस्थी ने कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए जारी किए दिशा-निर्देश

लखनऊ उत्तर प्रदेश पुलिस भी कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ मुस्तैद नज़र आ रही है। इस संदर्भ में, उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक हितेश चंद अवस्थी ने इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए।

उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक हितेशचंद अवस्थी ने इस संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की मदद के लिए हर प्रत्येक जिले में रैपिड एक्शन टीम का गठन किया जाएगा। इस काम में शामिल पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा और सुरक्षा संसाधनों से लैस किया जाएगा।


कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक हितेशचंद अवस्थी ने महकमे के प्रदेश भर के अधिकारियों को दायित्वों और जरूरतों के संबंध में रविवार को दिशा निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि जिलों में पुलिस कर्मियों की कम से कम एक या अधिक रैपिड एक्शन टीम बनाई जाए। जिला स्तर पर एक राजपत्रित अधिकारी नामित करें जो जिला और राज्य हेल्पलाइन के निरंतर संपर्क में रहेगा। यदि जिला मजिस्ट्रेट या मुख्य चिकित्सा अधिकारी संक्रमण के मामले की रिपोर्ट करते हैं, तो पुलिस आवश्यक सहायता प्रदान करेगी।

उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक हितेशचंद अवस्थी ने कहा है कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर सभी थानाध्यक्ष, राजपत्रित अधिकारी, 112 के प्रभारी, एलआइयू, यातायात, मीडिया प्रभारी और रैपिड एक्शन टीम के प्रत्येक सदस्य को प्रशिक्षण दिलाएं। इस कार्य में लगने वाले पुलिस कर्मियों को उचित संख्या में एन-95 मास्क, मेडिकल दस्ताने, रैपिड एक्शन टीम को हैज-मेट सूट, ओवरऑल सूट, संक्रमण रोधक ड्रेस आदि आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएं जाये।।

उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक हितेशचंद अवस्थी ने यह भी कहा है कि एलआइयू और थाना स्तर पर अभिसूचना तंत्र को एक्टिव कर दें। यह देखना है कि किसी जगह पर लोगों में अफवाह या अनावश्यक दहशत न हो। दुकानों, बैंकों, एटीएम, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि पर किसी भी तरह की गैरजरूरी भीड़ नहीं होनी चाहिए।

उत्तर प्रदेश पुलिस भी नकारात्मक स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस स्थिति के लिए तैयारी कर रही है। उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक हितेशचंद अवस्थी ने कहा है कि आइसोलेशन में रखे गए व्यक्तियों और उनका उपचार कर रहे चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा में पुलिस ड्यूटी लगाएं। यदि संक्रमित व्यक्ति निर्धारित स्थान पर रखने का विरोध करता है या बाधित करता है तो उसके खिलाफ महामारी अधिनियम 1897 के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।। वहीं, भविष्य में किसी संक्रमित व्यक्ति की गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए पहले से ही स्थान चयन आदि की पूरी तैयारी कर लें।

उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक हितेशचंद अवस्थी ने ने कहा है कि संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु की दशा में जिला प्रशासन से समन्वय कर अंतिम संस्कार की पूरी तैयारी पहले से ही कर ली जाए। मृत्यु के स्थान से लेकर अंतिम संस्कार स्थल तक ले जाने की व्यवस्था, अंतिम संस्कार की सामग्री और इस कार्य को करने वाले कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित कर लें और इस काम में पुलिस कर्मियों की एक प्रशिक्षित टीम भी लगाई जाए।

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