ई-प्रासीक्यूशन प्रणाली को सम्पूर्ण प्रदेश मे लागू किये जाने के निर्देश, पुलिस मुख्यालय पर दिया गया प्रशिक्षण

ई-प्रासीक्यूशन प्रणाली को सम्पूर्ण प्रदेश मे लागू किये जाने के निर्देश, पुलिस मुख्यालय पर दिया गया प्रशिक्षण

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अपराधियों को सजा दिलाने के कार्य में और अधिक तेजी लाने के उद्देश्य से अभियोजन विभाग को और अधिक सक्रिय किया गया है।



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना "ई-प्रासीक्यूशन प्रणाली'' को सम्पूर्ण प्रदेेेेश मे लागू किये जाने के भी निर्देश दिये है। इसी कड़ी में राज्य अभियोजन सेवा के अभियोजकों का प्रतीक्षण कार्यक्रम आज प्रदेश पुलिस मुख्यालय शहीद पथ लखनऊ के तकनीकी सेवायें स्थित कम्प्यूटर प्रशिक्षण हाल में सम्पन्न हुआ। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी मुख्य अतिथि एवं पुलिस महानिदेशक, ओपी सिंह विशेष मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में भाग लिया। गृह सचिव, भगवान स्वरूप एवं विशेष सचिव गृह अटलराय भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। अपर मुख्य सचिव, गृह ने कहा कि अभियोजन सुदृढ़ीकरण एवं अभियोजन सुधार राज्य सरकार की प्राथमिकता है।


सूचना प्रौद्योगिकी के युग में ई-प्राॅसीक्यूशन अपराध नियंत्रण तथा आपराधिक न्याय प्रणाली में प्रदेश की सराहनीय भूमिका द्वारा रेखांकित करने में सक्षम रहेगा। अवस्थी ने कहा अभियोजन विभाग के संबंधित अधिकारीगण अपने-अपने यूजर आई डी एवं पासवर्ड बनाकर एक सप्ताह में ई-प्राॅसीक्यूशन पर कार्यवाही शुरू करा दे। आगामी 31 अक्टूबर तक इन अधिकारियों के कार्याे का मूल्यांकन आन लाइन किया जाय तथा सभी अभियोजकों को एक शिड्यूल बनाकर प्रशिक्षण दिया जाय। उन्होनें कहा कि अभियोजन विभाग को सुदृढ़ करने में शासन स्तर से हर संभव सहायता दी जायेगी। उन्होंने अभियोजन विभाग को सुदृढ़ करने तथा अभियोजकों को लैपटाप दिये जाने आदि के संबंध में प्रस्ताव शासन को शीघ्र उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये।



पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि सभी गवाहों को एसएमएस से सूचित किया जाय कि किस दिन कोर्ट में किस मामले मे गवाही की तिथि है एवं संबंधित अधिकारी सरकारी वकील का नाम एवं मोबाइल नम्बर भी गवाह व वादी के मोबाइल पर जाय । उन्होंने कहा कि समयबद्व तरीके से वादों का निस्तारण कराया जाय तथा गवाहों को शीघ्र परीक्षित कराया जाय जिससे शीघ्र निर्णय हो सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि इस तरह की समस्याओं को जिला स्तर पर मानीटरिंग सेल पर भी रखा जाय। प्रशिक्षण कार्यक्रम में एनआईसी की वरिष्ठ तकनीकी निदेशक संगीता मनीष द्वारा आईसीजेएस के विभिन्न घटकों तथा उक्त प्रणाली जो एनआईसी द्वारा विकसित की गयी, के विभिन्न तकनीकी पहलुओं से अवगत कराया गया। एनआईसी के सूचना वैज्ञानिक एम खान एवं सुर्योदय वर्मा द्वारा इस प्रणाली की कार्यविधि की बारीकियों से अभियोजन अधिकारियों को प्रशिक्षित कराया गया।




कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन आशुतोष पाण्डेय ने बताया गया कि ई-प्रासीक्यूशन के माध्यम से सभी सहायक अभियोजन अधिकारियों, अभियोजन अधिकारियों, ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारियों के कार्यो का मूल्यांकन व पर्यवेक्षण आनलाइन किया जा सकेगा। इसमें अगली गवाही की तिथि, प्रत्येक तिथि पर की गयी कार्यवाही, निर्णीत वादों की प्रति जिसमें वादों के दोष सिद्वि या दोष मुक्ति के कारण का पता चल सके आदि की सुविधा उपलब्ध है। इसमें एफआईआर नम्बर, सीएन एन नम्बर या संबंधित अभियोजन अधिकारी के नाम से विभिन्न वादों को सर्च किया जा सकता है। इस पोर्टल के द्वारा दोष सिद्वि, दोष मुक्ति, वाद वापसी, समझोता, अपील आदि पर वादों को जनपद वार सर्च किया जा सकता है।

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