आईपीएस अपर्णा कुमार जिसकी दृढ़ता ने झुकाया हिमालयी चोटियों का मस्तक

आईपीएस अपर्णा कुमार जिसकी दृढ़ता ने झुकाया हिमालयी चोटियों का मस्तक


सातों महाद्वीपों की सर्वोच्च चोटी पर भारत का झंडा फहराने वाली प्रथम पुलिस अधिकारी बनी आईटीबीपी की डीआईजी अपर्णा कुमार


लखनऊ। हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, जरूरत है, उन्हें प्रोत्साहन देने की। उनके जज्बे को सम्मान देने की। प्रतिभाओं ने संसाधनों की कमी में भी खुद को साबित करने का काम किया है। इनमें महिलाओं की भागीदारी भी किसी स्तर पर कम नहीं है। आज पूरा देश ऐसी ही एक महिला यूपी कैडर की आईपीएस अधिकारी अर्पणा कुमार भारद्वाज के दृढ़ संकल्प को सलाम कर रहा है। अपर्णा कुमार सातों महाद्वीपों की सर्वोच्च चोटी पर भारत का झंडा फहराने वाली प्रथम पुलिस अधिकारी बनीं हैं।






रायसीना हिल्स में इस आईपीएस महिला को उनकी रिकाॅर्ड उपलब्धि के लिए राष्ट्रपति ने सम्मानित किया। साउथ पोल्स को फतह कर बर्फीली चुनौतियों से निपटते हुए चोटी पर तिरंगा फहराकर लौटने वाली इस महिला के इरादे गगनचुंबी पहाड़ी चोटियों से भी बुलन्द नजर आते हैं। अपने दृढ़ संकल्प और जुनून के चलते आईपीएस अपर्णा कुमार ने पहाड़ों को भी झुकाने का काम किया है, यही कारण है कि आज पूरा देश भी इस महिला के सम्मान में झुका है।






आईपीएस अपर्णा कुमार की इस उपलब्धि से देश के तीन प्रमुख राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार में जश्न का माहौल है। अपर्णा के पति आईएएस संजय कुमार वर्तमान में सहारनपुर में कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं। राष्ट्रीय खेल दिवस पर गुरूवार 29 अगस्त को आईपीएस अपर्णा कुमार को राष्ट्रपति भवन में तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड 2018 देकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार एडवेंचर क्षेत्र का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान है, जो खेलकूद में दिए जाने वाले अर्जुन अवॉर्ड की तरह है। आईपीएस अपर्णा कुमार यह सम्मान पाने वाली वह भारत की पहली आईपीएस अधिकारी हैं। अखिल भारतीय सेवाओं में शामिल आईपीएस, आईएएस और आईएफएस में कोई भी महिला या पुरुष अधिकारी अभी तक अपर्णा कुमार जैसी उपलब्धि हासिल नहीं कर पाया है।






अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के नाम वैसे से समय समय पर कई प्रकार से रिकार्ड और उपलब्धि जुड़ती रहती है। यूपी की ही बात करें तो ब्यूरोक्रेसी में कई ऐसे अधिकारी हैं, जिन्होंने अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है, चाहे वह खेल का क्षेत्र हो, कानून व्यवस्था की बात हो या सरकारी योजनाओं को धरातल पर लाकर जनता और सरकार के बीच सेतू बनने या बनाने की कहानी हो। कई अधिकारी ऐसे भी हैं, जिन्होंने सेवा में रहते हुए जनता के बीच रोल माॅडल बनने का काम किया और उनके काम ने सरकारों को इतना विवश किया कि उनकी पहल को योजना बनाकर पूरे राज्य और देश में लागू किया गया है। लेकिन यहां 'खोजी न्यूज' एक ऐसी महिला आईपीएस अपर्णा कुमार के साहस, संकल्प और जज्बे से आपको रूबरू कराने का प्रयास कर रही है, जिसके अदम्य साहस ने पहाडों को भी झुकने को मजबूर कर दिया है।






आईपीएस अपर्णा कुमार मूल रूप से केरल राज्य की निवासी हैं। वह सहारनपुर मंडलायुक्त आईएएस संजय कुमार की पत्नी है। संजय कुमार बिहार के जनपद औरंगाबाद के ओबरा के मलवां डिहुरी गांव के निवासी हैं। इस नाते वह बिहार की बहू के रूप में भी ब्यूरोक्रेसी में जानी जाती हैं। यूपी कैडर में 2002 बैच की आईपीएस अपर्णा कुमार इन दिनों आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) में डीआईजी हैं और देहरादून में तैनात हैं। लंबे समय से वह पवर्तारोहण और ट्रैकिंग करती रही हैं। आईपीएस अर्पणा कुमार दक्षिणी ध्रुव (साउथ पोलस) पर पहुंचने वाली पहली आईपीएस महिला अधिकारी बनी हैं। उन्होंने बर्फ पर करीब 111 मील का दुर्गम सफर 35 किलोग्राम बर्फ के साथ पूरा किया है। अपर्णा कुमार विश्व के छह महाद्वीपों के शीर्ष पर स्थित छह पर्वत चोटियों को फतेह कर चुकी हैं। 2013 से उन्होंने पर्वतारोहण की तरफ कदम बढ़ाए और हर मुश्किल को पार करते हुए सबसे ऊंचे पर्वत शिखरों पर तिरंगा फहराया। वह विश्व की दुर्गम और सर्वोच्च ऊंची चोटियों पर पहुंचकर तिरंगा फहरा चुकी हैं।






इन्हीं कामयाबियों के लिए गुरूवार 29 अगस्त 2019 को को राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा आईपीएस अपर्णा कुमार को तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड 2018 से सम्मानित किया गया। इस दौरान उनके पति आईएएस संजय कुमार भी समारोह में मौजूद रहे। उनकी इस कामयाबी पर मंडलायुक्त संजय कुमार ने हर्ष जताया है। इससे पहले आईपीएस अधिकारी अपर्णा भारद्वाज ने अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट विनसन मैसिफ पर तिरंगा फहरा भारत का सम्मान बढ़ाया था। अपर्णा ने 17 जनवरी 2016 को अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी फतह की थी। उस समय अपर्णा लखनऊ में टेलीकाम डीआइजी के पद पर कार्यरत रहीं। उनके पति संजय कुमार उस दौरान इलाहाबाद के डीएम थे। इससे पहले उन्होंने रुस के माउंट एलब्रस की चोटी पर 4 अगस्त 2015 को चढ़ाई की थी।
सातों महाद्वीपों की सर्वोच्च चोटी पर वैश्विक उपलब्धियों के रिकार्ड के साथ खड़ी आईपीएस अपर्णा कुमार दृढ़ता से मानती हैं कि ईश्वर और उनकी माँ के आशीर्वाद ने हासिल करने में मदद की है, जो अब तक किसी ने भी हासिल नहीं की है। वह अपने दो छोटे स्वर्गदूतों को याद करती है, जिन्होंने धीरे-धीरे अपने पिता और दादी के साथ रहना सीख लिया है, जब वह पहाड़ों में रहती है। वह आईएएस और आईपीएस दोनों में अपने सभी सम्मानित वरिष्ठ अधिकारियों को श्रेय देना कभी नहीं भूलती हैं जिन्होंने उन्हें प्रोत्साहित किया और उनका समर्थन किया, और उनकी क्षमताओं में असीम विश्वास दोहराया। उत्तर प्रदेश के युवा और गतिशील मुख्यमंत्री ने उन्हें विशाल मिशन के लिए प्रोत्साहित किया और माउंट एवरेस्ट अभियान के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की। मार्च 2015 में उन्हें उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री द्वारा उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए श्रानी लक्ष्मी बाई पुरुस्कारश् से सम्मानित किया गया और बड़े पैमाने पर कई महिलाओं के लिए रोल मॉडल बनाया गया। 2016 में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर, उन्हें उनके बहादुर प्रयास और उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए श्डीजीपी कमिशन डिस्कश् से सम्मानित किया गया। मार्च 2016 में उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा राज्य का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार यश भारती सम्मानश् प्रदान किया गया। उन्हें नवंबर 2016 में संडे स्टैण्डर्ड और इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप द्वारा द देवी अवार्ड दिया गया। ये पुरस्कार और मान्यता उसे प्रेरित करती रहती है कि वह बिना रुके चलता रहे और हासिल करे।

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