आईपीएस प्रशांत के हाथ में बदमाश के लिए बंदूक- गरीब के लिए रोटी

आईपीएस प्रशांत के हाथ में बदमाश के लिए बंदूक- गरीब के लिए रोटी

मेरठ । पिछले ढाई साल से जो अफसर अपनी टीम के साथ बदमाशों के पीछे बंदूक लेकर दौड़ता हुआ घूम रहा हो और इस परिक्रमा में उसने पुलिस की पीतल से 60 से ज्यादा बदमाशों को तमाम उम्र के लिए ऊपर वाले की कारागार में कैद कर अपनी पहचान एक सख्त रवैया वाले अफसर की बनाई हो, लेकिन अब इस सख्त छवि वाले अवसर का दूसरा रूप कोरोनावायरस के संक्रमण के चलते कर्फ्यू से जूझ रहे मेरठ में देखने को मिला । जब गरीब लोग खाने के लिए किसी के इंतजार में टकटकी लगाए हुए देख रहे थे, तब इस आईपीएस अफसर ने सौ के लगभग लोगों को खाना मुहैया कराकर साबित किया कि वह बदमाशों के लिए जहां यमदूत हैं तो वह गरीब के लिए हमदर्द भी हैं। यह आईपीएस अफसर हैं मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार।

वाक्या दिनांक 20 मार्च 2020 का है । मेरठ में कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाव के लिए पूरे देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन है मगर मेरठ में कोरोना पॉजिटिव केस मिलने के कारण यहां कर्फ्यू लगा हुआ है। सरकार की मंशा के अनुसार ज़ोन के एडीजी प्रशांत कुमार एसएसपी मेरठ अजय साहनी के साथ मेरठ शहर के भ्रमण पर थे। शहर के सदर बाजार के पास सुबह के 11 बजे एक इलाके में पुलिस गश्त के दौरान एडीजी प्रशांत कुमार को पता चला कि एक गरीब बस्ती में खाने की किल्लत का मामला है, तो उन्होंने उस बस्ती में जाकर गरीबों को खाना देने के लिए चल निकले। खाना मेरठ पुलिस एडीजी प्रशांत कुमार और एसएसपी अजय साहनी के निर्देश पर पहले से ही लेकर साथ चल रही थी , क्योंकि इन अफसरों को आभास था कि इस कर्फ्यू के कारण बहुत से लोग खाने से वंचित होंगे । एडीजी प्रशांत कुमार एसएसपी अजय साहनी जब उस इलाके में पहुंचे तो उस इलाके में सैकड़ों लोगों को खाने की दरकार थी तब एडीजी प्रशांत कुमार एवं पुलिस टीम ने अपने हाथों से उन गरीबों को खाना वितरित किया। एडीजी प्रशांत कुमार द्वारा गरीबों को खाना खिलाने के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए तो लोगों को हैरत हुई कि क्या यह वही अफसर है जो अपराधियों को अपराध करने पर आउट कर देते हैं।


दरअसल 15 जुलाई 2017 को जब मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक के पद पर आईपीएस अफसर प्रशांत कुमार की पोस्टिंग हुई तो अपराध एवं अपराधियों का इस ज़ोन में बोलबाला था। क्राइम ज़ोन से मशहूर मेरठ जोन में मुजफ्फरनगर, नोएडा, गाजियाबाद और खुद मेरठ जनपद क्राइम के मामले में टॉप पर हुआ करते थे मगर प्रशांत कुमार ने जब एडीजी के रूप में कार्यभार संभाला तो उन्होंने अपराधियों पर ऐसा शिकंजा कसा कि उनकी पहचान एक सख्त मिजाज अफसर के रूप में होती रही है ,मगर गरीबों को खाना बांटने वाली तस्वीर वायरल होने और अक्सर उनके दफ्तर में पीड़ितों को इंसाफ प्राथमिकता पर मिलते रहने के किस्से साबित करते हैं कि इस सख्त मिजाज अफसर के अंदर एक इंसाफ पसंद अफसर भी मौजूद है।

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