जुआ सट्टे पर अंकुश लगाने के लिए साधु संतो ने निकाला अनूठा तरीका

जुआ सट्टे पर अंकुश लगाने के लिए साधु संतो ने निकाला अनूठा तरीका

भरतपुर। राजस्थान के धौलपुर जिले में शराब के साथ जुआ-सट्टे के बढ़ते प्रचलन के खिलाफ सामाजिक तौर कोई प्रभावी अंकुश लगाने के लिए साधु संतों ने एक अनूठा तरीका निकाला है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार देवनारायण मंदिर पर हुई महापंचायत में बाबा हरिगिरी ने निर्णय लिया है कि मौरोली, बिछिया और नीम बसई ग्राम पंचायत के 50 से अधिक गांवों में अब अगर कोई जुआ खेलता पाया गया तो बाबा हरिगिरी महाराज के शिष्य अन्न-पानी का त्याग कर जुआ खेलने वाले युवक के घर के बाहर तब तक भूमि तपना जारी रखेंगे जब तक समाज के लोग आकर जुआ खेलने वाले को दंडित नहीं करेंगे।

महापंचायत में बाबा हरिगिरी के इस निर्णय पर पंच पटेलों ने सहमति दी है। बाबा के अनुसार जुआ खेलने वाला लालची होता है जुआ का लालच इस तरह का होता है कि जुआरी घरों के सामान, मां, बेटियों और पत्नियों के गहने तक बाजार में बेच आते हैं।

गौरतलब है कि बाबा हरिगिरी समाज को बदलने के लिए कई अभियान चला चुके हैं एवं साथ ही लगातार उनकी मानिटरिंग भी करते हैं। शिष्यों ने बताया कि कई वर्षों पूर्व बाबा ने दहेज न लेना एवं देना, मृत्युभोज बहिष्कार, शराब बंदी के बाद अब जुए के खिलाफ अभियान चलाया है।

बताया गया कि बाबा की तरफ से पूर्व में शराबबंदी के लिए छेड़े गये आंदोलन के बाद क्षेत्र में करीब 95 प्रतिशत लोग शराब की लत से दूर हो चुके है शेष 5 प्रतिशत के खिलाफ भी अब जुआ-सट्टे के विरोध में शुरू किए जा रहे आंदोलन में बाबा के शिष्यों द्वारा कार्यवाही की जायेगी।




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