किसान महापंचायत का फैसला 27 सितंबर को होगा भारत बंद

किसान महापंचायत का फैसला 27 सितंबर को होगा भारत बंद

मुजफ्फरनगर। जिला मुख्यालय पर नए कृषि कानूनों के विरोध में राष्ट्रीय किसान मोर्चा के आह्वान पर आयोजित की जा रही किसान महापंचायत में आगामी 27 सितंबर को भारत बंद का फैसला लिया गया है। इस दौरान वक्ताओं ने केंद्र की नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश की आदित्यनाथ सरकार के अलावा भाजपा के ऊपर अपने जमकर शब्द बाण चलाए और नए कृषि कानूनों को किसान विरोधी करार देते हुए उन्हें अविलंब वापस लिए जाने की मांग उठाई।

रविवार को जिला मुख्यालय के महावीर चौक के निकट स्थित राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान पर राष्ट्रीय किसान मोर्चा के आह्वान पर चल रही किसान महापंचायत में आगामी 27 सितंबर को भारत बंद किए जाने का फैसला लिया गया है। महापंचायत में बताया गया कि नए कृषि कानूनों के विरोध में देश भर के विभिन्न किसान संगठन पिछले 9 महीने से राजधानी के गाजीपुर, टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर धरना देते हुए नये कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अपनी जिद पर अडिग रहते हुए उद्योगपतियों के हित में नये कृषि कानूनों को लागू करने पर तुली हुई है। किसान आंदोलन के तहत अभी तक 600 किसान शहीद हो चुके हैं। लेकिन केंद्र सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है। किसान संगठनों की ओर से महापंचायत में आगामी 27 सितंबर को भारत बंद किए जाने का फैसला लिया गया है। स्थानीय भाकियू नेताओं के संबोधन के बाद कर्नाटक की किसान नेता अनुसुइया माजी ने कन्नड़ में महापंचायत को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधा। इनके पूरे भाषण का हिंदी अनुवाद कर नजुंडास्वामी ने किसानों को समझाया। इसके बाद तमिलनाडु से आए किसान नेता ने तमिल व अंग्रेजी में संबोधन किया। जिसका हिंदी अनुवाद मंजूनाथ ने किया। केरल से आए किसान नेता केवी बीजू ने भी संबोधन कर कृषि कानून वापसी की मांग की। किसान महासंघ शिव कुमार ने कहा कि हमारी नीति और नियत साफ है लक्ष्य प्राप्ति से कोई नहीं रोक सकता। कहा- भाजपा और आरएसएस छद्म सम्मेलन कर भ्रम पैदा करने की फिराक में है। किसानों को बताने की चाल है कि हमने मांगें मान ली।

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