फेरे लिये- साथ चले- और साथ ही चल बसे

फेरे लिये- साथ चले- और साथ ही चल बसे

सीधी। पति पत्नी का रिश्ता सात जन्मों का बंधन होता है और कहा जाता है कि यह रिश्ता आसमान से बनकर आता है। पति पत्नी ने चिता में एक साथ जलकर शादी के फेरों के दौरान एक-दूसरे को दिये गये सात जन्म के साथ के वचनों को सच साबित करके दिखा ही दिया।

दरअसल बीते मंगलवार को मध्य प्रदेश के सीधी जनपद के रामपुर नैकिन में हुए भीषण हादसे में अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है। कुशमी तहसील के गैवटा पंचायत के गांव देवरी निवासी अजय पनिका और तपस्या की भी जान चली गई। इसके बाद से ही गम में डूबे लोगों की एक-दूसरे से आंखों से ही बातें हो रही है। कमला कॉलेज में बीएससी की पढ़ाई कर रही तपस्या सीधी में ही रह रही थी। अजय पनिका और तपस्या सतना जाने के लिए हादसे का शिकार हुई बस में ही सवार हुए थे। दोनों की शादी वर्ष 2020 की 28 जून को हुई थी और महज 8 माह बाद ही सात जन्मो तक साथ निभाने वाले अजय पनिका और तपस्या की इस हादसे जान चली गई। आमतौर पर विवाह के समय साथ जीने मरने की कसमें खाई जाती है और यह कसम आखिरकार सच ही साबित हुई। अजय और तपस्या एक साथ इस दुनिया से विदा हो गए। हादसे की जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर पहुंचे परिजनों को तपस्या पहली का शव अपरान्ह 3.00 बजे ही मिल गया था जबकि अजय पनिका का शव देर शाम 5.00 बजे तक ही प्राप्त हो सका। इसके बाद पोस्टमार्टम करवाकर प्रशासन ने एंबुलेंस से दोनों के शवों को गांव के लिए रवाना किया। दोनों के शव जब रात 10.00 बजे देवरी पहुंचे तो पूरे गांव में मरघटी सन्नाटा पसर गया। बृहस्पतिवार को जब दोनों की चिता को एक साथ अग्नि दी गई तो लोगों की आंखों से झर झर आंसू बह निकले और लोग सहमे हुए एक साथ जल रहे पति-पत्नी भीगी आंखों से एकटक देखते रहे।

epmty
epmty
Top