दोनों पुत्र खोकर खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर वृद्ध दम्पत्ति

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मुजफ्फरनगर। दो पुत्रों को खोने का दुःख और सरकारी योजना से आने वाली धनराशि के अधर में लटक जाने से वृद्ध दम्पत्ति हाड़ कंपकपाती ठंड में खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर है।

मिली जानकारी के अनुसार कस्बा मीरापुर के मौहल्ला मुश्तर्क में सूरजमल कश्यप का परिवार हाड़कंपाती ठंड में खुले आसमान के बीच सोने को मजबूर है। सूरजमल कश्यप के दो पुत्र थे, एक बेटे का नाम सुनील और दूसरे बेटे का नाम देवेन्द्र था, जिनका देहांत हो गया है। सूरजमल कश्यप की उम्र लगभग 80 साल के करीब व उनकी पत्नी की उम्र 75 वर्ष के लगभग है। सूरजमल कश्यप का पुत्र सुनील का देहांत तीन वर्ष पहले हो गया था। दूसरा पुत्र देवेन्द्र कश्यप जनपद गाजियाबाद में रहकर मजदूरी कर अपने परिवार की गुजर बसर कर रहा था। केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना चलाई जा रही है, जिसमें देवेन्द्र कश्यप ने अपनी माता शांति देवी के नाम से आवेदन किया था। कई बार आवेदन करने पर एक साल के बाद आवेदन स्वीकार किया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना की जून के महीने में पहली किस्त 50 हजार रूपये आई। सूरजमल कश्यप के परिवार को 50 हजार रूपये की किश्त मिलने पर वह फूले नहीं समाये थे।

किश्त आने पर उन्होंने अपना पूरा मकान ढहा दिया था और मकान की नींव रखी थी। किन्तु जून माह के बाद दूसरी किश्त नही आई, जिससे मकान का कार्य अधर में ही लटक गया। दूसरी किश्त के लिए परिजनों ने सभासदों से लेकर अधिकारियों के चक्कर काटने शुरू किए पर सफलता न मिलने पर देवेन्द्र के 80 वर्षीय बुजुर्ग पिता सूरजमल कश्यप व 75 वर्षीय माता शान्ति देवी छत के नाम पर पल्ली टांगकर खुले आसमान के नीचे रात गुजारने लगे थे, जबकि देवेन्द्र दूसरी किश्त न आने पर गाजियाबाद में जाकर मजदूरी करने को मजबूर हो गया, जहाँ कल शनिवार को देवेन्द्र का आकस्मिक निधन हो गया, जिसके बाद उसका शव मीरापुर लाया गया, जहाँ से उसे मौहल्लेवासियो व बुजुर्ग-माता पिता तथा परिजनों ने उसे नम आंखों से अन्तिम विदाई दी। दूसरे पुत्र की भी अचानक मौत हो जाने से सूरजमल काफी आहत है और कड़कड़ाती ठण्ड में खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर है।

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