मेरे शब्द मेरी कविता- गांव की वो सीधी सी लड़की सोशल मीडिया पर

मेरे शब्द मेरी कविता- गांव की वो सीधी सी लड़की सोशल मीडिया पर

यह सच है सब बराबर है लड़की हो या लड़का दोनो का जीवन एक बड़ा समंदर जैसा विशाल है लेकिन किसी न किसी काम में किसी की तारीफ है। तो मेरी कविता लडको के लिए कुछ इस प्रकार है। कि...

गांव की वो सीधी सी लड़की सोशल मीडिया पर टाइम पास करने की जगह प्यार कर बैठी,
इस दुनिया की अनजान सी फोन वाली बीमारी को वो दिल से लगा बैठी और पापा से लड़कर एक फोन खुद भी खरीद बैठी,,
मोबाइल में घुसी सोशल मीडिया नाम की बीमारी को अपने जीवन में शामिल कर बैठी,
.…... फिर क्या होता......
किसी अजनबी लड़के से बेचारी सोशल मीडिया पर टाइम पास करने की जगह सच्चा प्यार कर बैठी
सबक उसको तब मिला जब कई बार समझाने पर अपनी बात लड़के से मनवा नहीं सकी।,,
और इस सब के बाद भी रिश्ता तोड़ने की जगह वो किसी अनजान के लिए आंसू बहाती रही,
गांव की वो सीधी सी लड़की सोशल मीडिया पर टाइम पास करने की जगह प्यार कर बैठी,,
सोशल मीडिया पर होने वाले छलावे को वो सच मानती रही अपने एक तरफा प्यार को वो आखिरी सांस तक निभाती रही,
और अब आज वोह दिन था जब वह इस सब से हार गई और अपने प्राणों को त्यागकर ईश्वर के बनाए हुए पंच तत्वों में मिल गई!!

खोजी न्यूज़ रिपोर्टर/कवयित्री =मेघा गुप्ता


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