मदर्स डे- ''मां'' की ममता जितनी किसी में नहीं है क्षमता

''मां'' की ममता जितनी किसी में नहीं है क्षमता,
वरना दुनिया में ''मैं'' कहां रमता!!
''मां'' के लिये क्या लिखूं मैं,
जिसकी बनाई हुई बनावट हूं मैं!!
''मां'' को यूं ही नहीं कहा जाता जन्नत,
बच्चों की खुशी के लिये दिन-रात मांगती है वो मन्नत!!
जब बच्चे होते हैं खुश,
तब भूल जाती है ''मां'' अपने दुःख!!
दुनिया में ऐसा कोई शब्द कहां,
जो ''मां'' का मुकाबला कर सके यहां!!
लेखक फिरोज अली (समाचार सम्पादक खोजी न्यूज)
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