लव जिहाद- सुप्रीम कोर्ट ने दी अनुमति- जमीयत बनेगी पक्षकार

लव जिहाद- सुप्रीम कोर्ट ने दी अनुमति- जमीयत बनेगी पक्षकार

नई दिल्ली। लव जिहाद पर कानून बनने के बाद से ही इस मामले में आरोप-प्रत्यारोप के दौर शुरू हो गये थे। कुछ इसके पक्ष में थे, तो कुछ को यह कानून बनने से दिक्कत थी। उच्चतम न्यायालय ने धर्मांतरण और अंतरजातीय विवाहों से संबंधित उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बने कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं में जमीयत उलेमा-ए-हिंद को पक्षकार बनने की बुधवार को अनुमति दे दी।

वरिष्ठ अधिवक्ता एजाज मकबूल अहमद ने मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रमासुब्रमण्यम की खंड पीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया। न्यायमूर्ति बोबडे ने मकबूल अहमद से पूछा कि याचिकाकर्ता का इस मामले से क्या लेना-देना है। इस पर उन्होंने बताया कि इन कानूनों से बड़ी संख्या में मुस्लिम युवाओं का उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले में न्यायालय को सहयोग करना चाहते हैं। इसके बाद न्यायालय ने जमीयत को मामले में पक्षकार बनाने की अनुमति दे दी।

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